Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Jul, 2024 04:55 PM
महादेव के सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में उनके भक्त जोरों-शोरों के साथ उन्हें खुश करने में लगे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में कुछ
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Sawan 2024: महादेव के सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में उनके भक्त जोरों-शोरों के साथ उन्हें खुश करने में लगे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में कुछ चीजें खाने की मनाही होती है। धर्म शास्त्रों की मानें तो सावन में कढ़ी और दही जैसी चीजों का सेवन वर्जित होता है। इन चीजों का खाना मतलब बीमारियों को न्योता देना है। तो आइए धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों से जानते हैं कि श्रावण माह के दौरान इन चीजों का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए।
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Religious reason धार्मिक मान्यता:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में शिवलिंग को कच्चा दूध अर्पित किया जाता है। इस वजह से कच्चा दूध व इससे संबंधित चीजों का सेवन करना वर्जित है। वहीं बात करें कढ़ी की तो इसको बनाने के लिए दही का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए श्रावण माह के दौरान इन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
Scientific reason वैज्ञानिक कारण:
वैज्ञानिकों के अनुसार कढ़ी, दूध, दही से संबंधित चीजों को खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह ये है कि सावन माह के दौरान बारिश अधिक होती है और हर जगह घास उगने लगती है। हर तरफ हरियाली होने से कई तरह के कीड़े-मकोड़े उन पर पनपने लगते हैं। गाय और भैंस जब घास चरने लगती हैं तो इसका असर उनके दूध पर पड़ता है। यह दूध सेहत के लिए हानिकारक होता है। इस वजह से सावन माह में इन चीजों का सेवन करने की मनाही होती है। अगर बिल्कुल भी दूध और दूध से बने पदार्थ बंद नहीं कर सकते तो जितना हो सके इसका इस्तेमाल कम से कम करें।
सावन मास में कढ़ी का सेवन करने से पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर पड़ता है क्योंकि दही में एसिड वात के होने से कई तरह की परेशानियां बनी रहती हैं। आयुर्वेद के अनुसार सावन के महीने में पाचन क्रिया भी धीमी रहती है।
This food is also forbidden ये खाना भी होता है वर्जित
चातुर्मास के दूसरे महीने भाद्रपद में दही और छाछ खाना वर्जित है। चातुर्मास के तीसरे महीने आश्विन में दूध के साथ करेला खाना सही नहीं बताया गया है। चातुर्मास के चौथे महीने कार्तिक में लहसुन, उड़द दाल, अरहर, बैंगन, प्याज, जीरा और दही का सेवन नहीं किया जाता।