mahakumb

भगवान शिव का रुप है ये पक्षी, सावन में दिख जाए तो होते हैं वारे-न्यारे

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Jul, 2019 08:48 AM

sawan ka mahina 2019

सावन के महीने में शिव मंदिरों और तीर्थ स्थलों के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। लोक मान्यता के अनुसार नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का प्रतिनिधि है। सावन में इस पक्षी का दर्शन हो जाए तो वारे-न्यारे हो जाते हैं।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)

सावन के महीने में शिव मंदिरों और तीर्थ स्थलों के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। लोक मान्यता के अनुसार नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का प्रतिनिधि है। सावन में इस पक्षी का दर्शन हो जाए तो वारे-न्यारे हो जाते हैं। एक वर्ष तक उस पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव असर नहीं दिखा पाता और वे मंगलमय जीवन जीता है। 

PunjabKesari Sawan ka mahina 2019

नीलकंठ महादेव का मंगलकारी एवं शांत स्वरूप माना गया है। इस सुंदर रुप के विषय में श्रीमद्भागवत के आठवें अध्याय में एक कथा आती है, जिसके अनुसार समुद्र मंथन के समय समुद्र से ‘हलाहल’ नामक विष निकला। उस समय सभी देवों की प्रार्थना तथा पार्वती जी के अग्रह करने से शिव जी ने हलाहल का पान कर लिया और हलाहल को उन्होंने कंठ में ही रोक लिया जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ कहा जाने लगा।

वर्तमान समय में नीलकंठ नामक पक्षी को भगवान शिव यानी नीलकंठ का प्रतीक माना जाता है। उड़ते हुए नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना सौभाग्य का सूचक माना जाता है। इससे व्यक्ति की आयु पांच वर्ष बढ़ जाती है। 

बाएं तरफ नीलकंठ का दिखना प्रियतय से मिलन करवाता है।

दाएं ओर उड़ते नीलकंठ के दिखने पर पति से समागम होता है।

पीठ पीछे नीलकंठ के उड़ते दिखने पर पुराने प्रेमी से मिलने का योग बनता है।

नीलकंठ धरती पर बैठा दिखाई दे तो पास बैठी महिला के पेट संबंधी समस्याएं या रोग होने की संभावना होती है। 

अगर नीलकंठ किसी वृक्ष की हरी डाली पर बैठा दिखाई दे तो यौन सुख प्राप्त होता है।

सूखे वृक्ष की डाली पर बैठा दिखाई दे तो यौन समस्याएं या दांपत्य कलह हो सकती है।

जलाशय के किनारे बैठा दिखाई दे तो पर पुरुष गमन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 

PunjabKesari Sawan ka mahina 2019

नीलकंठ अगर किसी सुहागन स्त्री के अधोवस्त्र (पेटीकोट, ब्लाऊज, ब्रा) आदि पर आकर बैठ जाए तो उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति अवश्य ही होती है।

कुंआरी कन्या पर अगर नीलकंठ आकर बैठ जाता है तो यह इस बात का सूचक होता है कि उस कन्या का वैवाहिक जीवन आजीवन सुखमय एवं आनंदमय व्यतीत होगा। 

अगर कोई रजस्वला कुंआरी कन्या नीलकंठ पक्षी को अपनी दाईं ओर उड़ते देखती है तो उसका विवाह शीघ्र ही होने का भाव दर्शाता है। इस कन्या के बाईं ओर नीलकंठ के उडऩे पर परभोग्या, सम्मुख उडऩे पर प्रियदर्शन तथा पीठ पीछे उडऩे पर विश्वासघात का योग बनता है। 

अविवाहित कन्या के सामने अगर नीलकंठ भूमि पर बैठा दिखाई दे तो यह इस बात का सूचक है कि उस कन्या की मनोकामना शीघ्र पूरी होने वाली है। अगर शुष्क काष्ठ पर नीलकंठ बैठा दिखाई दे तो कौमार्य भंग, जलाशय पर बैठा दिखाई दे तो प्रिय सहेली या नजदीकी रिश्तेदार से मिलन का योग होता है।

नीलकंठ का जूठा किया हुआ फल खाने से मनवांछित लाभ, सौभाग्य वृद्धि एवं सुखमय वैवाहिक जीवन का योग बनता है।

पुरुष का सामने से नीलकंठ का दर्शन करना शुभकारी है। उड़ता हुआ नीलकंठ अगर दाएं भाग में दिखाई दे तो विजय-पराक्रम की प्राप्ति होती है। बाईं ओर का दर्शन करने से शत्रुनाश, पीछे के भाग का दर्शन करने से दुख मिलता है। भूमि पर बैठा नीलकंठ स्त्री शोक, सूखी लकड़ी पर बैठा नीलकंठ पुत्र शोक तथा जलाशय पर बैठा नीलकंठ दर्शन व्यापार एवं संतान प्राप्ति का सूचक होता है।

अगर नीलकंठ अविवाहित युवक के माथे पर से उड़ता हुआ निकल जाए तो यह बहुत शुभकारी माना जाता है। कामनापूर्ति, आर्थिक स्थिति में दृढ़ता तथा अतिशीघ्र वैवाहिक बंधन में बंधने की भावी सूचना का द्योतक होता है। अधोवस्त्र (जंघिया, लंगोटा, बनियान) आदि पर अगर नीलकंठ आकर बैठ जाए तो यह इस बात का सूचक होता है कि उसे स्त्री-सुख प्राप्त होना है। 

विशेष- सावन माह में अगर किसी भी स्थिति में नीलकंठ का दर्शन हो जाए तो वह सुख-सौभाग्य और समृद्धि देने वाला ही होता है। 

PunjabKesari Sawan ka mahina 2019

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!