Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Aug, 2021 06:42 AM
श्रावण मास के शुभारंभ के साथ ही त्योहारों का मौसम भी शुरू हो गया है। अगस्त मास में ही 11 को हरियाली तीज, 13 को नाग पंचमी, 22 को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन, 24 को कजरी तीज,
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2021 Masik Shivaratri: श्रावण मास के शुभारंभ के साथ ही त्योहारों का मौसम भी शुरू हो गया है। अगस्त मास में ही 11 को हरियाली तीज, 13 को नाग पंचमी, 22 को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन, 24 को कजरी तीज, 30 को जन्माष्टमी और 31 अगस्त को गुग्गा नवमी जैसे महत्वपूर्ण पर्व आ रहे हैं। श्रावण का हर दिन भगवान शिव की आराधना के लिए उत्तम और श्रेष्ठ है। आप प्रत्येक दिन विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। श्रावण सोमवार व्रत हो या मंगला गौरी व्रत दोनों ही शिव और शक्ति का आशीष प्राप्त करने का साधन हैं। यदि आप किन्हीं कारणों से इन व्रतों को नहीं कर पाते, तो आप श्रावण शिवरात्रि का व्रत रख सकते हैं। श्रावण शिवरात्रि व्रत का भी विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखते हुए आप भोले भंडारी भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
Sawan Shivratri vrat: सौभाग्य और आरोग्य के लिए है श्रावण की शिवरात्रि का व्रत
अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं। जिन लोगों के विवाह में अड़चनें आ रही हों उन्हें यह व्रत जरूर रखना चाहिए। इससे विवाह की अड़चनें दूर हो कर मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है और विवाहितों द्वारा इस व्रत को करने से उनके वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं। श्रावण की शिवरात्रि का व्रत और इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से शांति, सुरक्षा, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि श्रावण की शिवरात्रि व्रत के सभी पाप को नष्ट कर देती है।
Sawan shivratri 2021 kab hai कब है सावन की शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है। उससे एक दिन पहले प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस सावन मास की चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ेगी, जो शाम 6 बज कर 28 मिनट पर शुरू होकर 7 अगस्त दिन शनिवार को शाम 7.11 बजे तक रहेगी। हालांकि शिवरात्रि का व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा।
Masik shivratri in august 2021 puja shubh muhurat पूजा का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि के दिन निशीथ काल में पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है। निशीथ काल कुल 43 मिनट का है जो 6 अगस्त की रात 12 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। यदि आप निशीथ काल में पूजा नहीं कर सकते तो इन शुभ मुहूर्तों में पूजा कर सकते हैं :
शाम 07.08 बजे से रात 09.48 बजे तक
रात 09.48 बजे से देर रात 12.27 बजे तक
देर रात 12.27 बजे से तड़के 03.06 बजे तक
07 अगस्त को सुबह 03.6 बजे से सुबह 05.46 मिनट तक 7 अगस्त को होगा व्रत पारण
Masik Shivratri in august 2021 paran time: शिवरात्रि के व्रत का पारण उसी दिन नहीं किया जाता। व्रत के अगले दिन किया जाता है। चूंकि 6 अगस्त को व्रत रखा जाएगा। अत: व्रत पारण 7 अगस्त की सुबह 05.46 मिनट से दोपहर 03.47 बजे के बीच कभी भी व्रत का पारण कर सकते हैं। स्नान के बाद व्रत पारण करें और सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद को दान दें।