Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Aug, 2024 04:06 AM
![sawan somvar vrat katha](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_8image_14_21_269827820sawansomvarvratkatha.jp-ll.jpg)
हिन्दू शास्त्रों में सावन सोमवार की कथा का बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से समर्पित है। सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय होता है, और इस महीने के हर
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shravan Somwar Vrat Katha: हिन्दू शास्त्रों में सावन सोमवार की कथा का बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से समर्पित है। सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय होता है, और इस महीने के हर सोमवार को विशेष रूप से पूजा और व्रत किया जाता है।
![PunjabKesari Sawan somvar vrat katha](https://static.punjabkesari.in/multimedia/14_31_457979867sawan-masik-shivratri-1.jpg)
सावन सोमवार व्रत कथा के अनुसार, एक बार की बात है, एक गरीब ब्राह्मण था जो अपने परिवार के साथ बहुत कष्ट में जी रहा था। उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी। उसने सोचा कि उसकी समस्याओं का समाधान केवल भगवान शिव की कृपा से ही हो सकता है, इसलिए उसने सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखने का निर्णय किया।
ब्राह्मण ने पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ सोमवार के दिन उपवास किया और शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र और पुष्प अर्पित किए। उसने व्रत के दौरान भगवान शिव से प्रार्थना की कि उसकी दरिद्रता दूर हो और उसके परिवार को सुख-समृद्धि प्राप्त हो।
सावन के सोमवार की पूजा के प्रभाव से ब्राह्मण की भक्ति और विश्वास ने भगवान शिव को प्रसन्न कर दिया। भगवान शिव ने उसकी प्रार्थना स्वीकार की और उसकी दरिद्रता को दूर कर दिया। धीरे-धीरे ब्राह्मण की आर्थिक स्थिति सुधर गई और उसे अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त हुई।
![PunjabKesari Sawan somvar vrat katha](https://static.punjabkesari.in/multimedia/14_29_388659399nag-panchami-3.jpg)
सावन सोमवार के व्रत से जुड़ी कथा
एक बार सावन के महीने में अनेक ऋषि क्षिप्रा नदी में स्नान कर उज्जैन के महाकाल शिव की अर्चना करने हेतु एकत्र हुए। वहां अभिमानी वेश्या भी अपने कुत्सित विचारों से ऋषियों को धर्मभ्रष्ट करने चल पड़ी। किंतु वहां पहुंचने पर ऋषियों के तप बल के प्रभाव से उसके शरीर की सुगंध लुप्त हो गई। वह आश्चर्यचकित होकर अपने शरीर को देखने लगी। उसे लगा उसका सौंदर्य भी नष्ट हो गया। उसकी बुद्धि परिवर्तित हो गई। उसका मन विषयों से हट गया और भक्ति मार्ग पर बढ़ने लगा। उसने अपने पापों के प्रायश्चित हेतु ऋषियों से उपाय पूछा, वे बोले- ‘तुमने सोलह श्रृंगारों के बल पर अनेक लोगों का धर्मभ्रष्ट किया, इस पाप से बचने के लिए तुम सोलह सोमवार व्रत करो और काशी में निवास करके भगवान शिव का पूजन करो।’
![PunjabKesari Sawan somvar vrat katha](https://static.punjabkesari.in/multimedia/14_31_263598430shiv-g-1.jpg)
वेश्या ने ऐसा ही किया और अपने पापों का प्रायश्चित कर शिवलोक पहुंची। ऐसा माना जाता है कि सोलह सोमवार के व्रत से कन्याओं को सुंदर पति मिलते हैं तथा पुरुषों को सुंदर पत्नी की प्राप्ति होती है। बारह महीनों में विशेष है श्रावण मास, इसमें शिव की पूजा करने से प्रायः सभी देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है।
सावन सोमवार का व्रत और पूजा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा और व्रत करके भक्त अपनी समस्याओं का समाधान और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।
![PunjabKesari Sawan somvar vrat katha](https://static.punjabkesari.in/multimedia/14_28_588759828sawan-masik-shivratri-2.jpg)