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Scientists discovered Shiva and Shakti in the Milky Way: वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा में खोजे ‘शिव और शक्ति’

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 May, 2024 07:27 AM

scientists discovered shiva and shakti in the milky way

वैज्ञानिकों ने आसमान में शिव और शक्ति को खोज लिया है। हिन्दू देवताओं के नाम से जानी जाने वाली ये सितारों की दो प्राचीन शृंखलाएं हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि मिल्की-वे यानी हमारी आकाशगंगा के

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Shiva and Shakti in the Milky Way: वैज्ञानिकों ने आसमान में शिव और शक्ति को खोज लिया है। हिन्दू देवताओं के नाम से जानी जाने वाली ये सितारों की दो प्राचीन शृंखलाएं हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि मिल्की-वे यानी हमारी आकाशगंगा के निर्माण में इनकी अहम भूमिका रही होगी। इस खोज से वैज्ञानिकों को मिल्की-वे की जीवन यात्रा के बारे में नई जानकारियां मिली हैं।

PunjabKesari Shiva and Shakti in the Milky Way

यूरोपीय अंतरिक्ष एजैंसी (ई.एस.ए.) के गाइया टैलीस्कोप से खोजी गईं इन शृंखलाओं के बारे में अनुमान है कि ये दो अलग-अलग आकाशगंगाओं के अवशेष हैं, जिन्होंने मिलकर नई आकाशगंगा मिल्की-वे को जन्म दिया। शक्ति और शिव शृंखलाओं के सितारों का रासायनिक ढांचा वही है, जैसा 12-13 अरब साल पहले जन्मे सितारों में पाया गया है। दोनों शृंखलाओं का भार हमारे सूर्य से एक-एक करोड़ गुना ज्यादा है।

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हिन्दू पुराणों में शिव और शक्ति के मिलन से ब्रह्मांड के जन्म का जिक्र आता है। अब वैज्ञानिकों की खोज से यह पता चलता है कि मिल्की-वे का निर्माण किस प्रक्रिया से हुआ होगा।

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जर्मनी के माक्स प्लांक इंस्टीच्यूट में खगोलविद् ख्याति मल्हान इस शोध की मुख्य शोधकर्ता हैं, जो गत दिनों ‘एस्ट्रोफिजिकल’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। मल्हान बताती हैं, ‘‘मोटे तौर पर हमारे शोध का मकसद फिजिक्स के मूल सवाल का हल खोजना है कि आकाशगंगाएं कैसे बनती हैं।’’

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How are Shiv and Shakti कैसे हैं शिव और शक्ति
मिल्की-वे करोड़ों-अरबों सितारों का समूह है, जो करीब एक लाख प्रकाश वर्ष के दायरे में फैला हुआ है। सितारे, गैसें और सितारों की धूल के रूप में यह समूह एक लहर की तरह लम्बाई में है। ख्याति कहती हैं, ‘‘हमारे अध्ययन से यह पता चला है कि मिल्की-वे का शुरुआती समय कैसा रहा होगा। हमने सितारों के उन दो समूहों की पहचान की है जो मिल्की-वे के निर्माण से पहले का आखिरी चरण रहा होगा।’’

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जिस गाइया टैलीस्कोप ने इस खोज में मदद की है, उसने 2013 में काम करना शुरू किया था। यह दूरबीन मिल्की-वे का अब तक का सबसे बड़ा थ्री-डी नक्शा तैयार कर रही है। इसके लिए सितारों की स्थिति, दूरियां और गति का आकलन किया जा रहा है। इसी डाटा से ख्याति मल्हान और उनके साथियों को शिव और शक्ति की पहचान का मौका मिला।

जिस बिग-बैंग से आकाशगंगाओं का निर्माण शुरू हुआ, वह करीब 13.8 अरब साल पहले हुआ था। शिव और शक्ति अब आकाशगंगा के केंद्र से 30 हजार प्रकाश वर्ष दूर स्थित हैं। शिव केंद्र के ज्यादा पास है जबकि शक्ति समूह दूर की तरफ है।

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