Shadashtak yoga: 94 दिन के लिए बना मंगल और शनि का षटाष्टक योग, 4 राशि वालें रहे सावधान

Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Sep, 2024 11:34 AM

shadashtak yoga

आज बात करेंगे ऐसे योग के बारे में जिसे ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता है वो है षटाष्टक योग। मंगल और शनि का षटाष्टक योग बहुत अशुभ होता है।  इसका कारण ये है कि ये

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shadashtak yoga: आज बात करेंगे ऐसे योग के बारे में जिसे ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता है वो है षटाष्टक योग। मंगल और शनि का षटाष्टक योग बहुत अशुभ होता है।  इसका कारण ये है कि ये दोनों ही फायरी प्लेनेट है। छठे, आठवें का एक्सेस इसलिए अच्छा नहीं है क्योंकि छठा भाव रोग, ऋण का भाव होता है। अष्टम भाव अच्छा भाव नहीं है इसे लॉस का भाव कहा जाता है। इसलिए जब कोई पाप ग्रह छह, आठ के एक्सिस पे आ जाता है तो वो थोड़ा सा अच्छा नहीं बनाता। 20 अक्टूबर को मंगल कर्क राशि में आ जाएंगे और शनि पहले से कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। जैसे ही मंगल कर्क राशि में आएंगे कुंभ राशि में शनि के साथ षटाष्टक योग बन जाएगा। इस अवधि के दौरान मंगल वक्री होंगे। शनि पहले से वक्री चल रहे हैं 15 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे। 6 दिसंबर को मंगल वक्री हो जाएंगे यह फिर आगे जाकर 21 जनवरी को मिथुन राशि में जाएंगे। हालांकि मंगल ने आगे जाकर फिर कर्क राशि में जाना है 2 अप्रैल को लेकिन उससे पहले 29 मार्च को शनि राशि बदल लेंगे। 20 अक्टूबर से लेकर 21 जनवरी तक चार राशियों के ऊपर नेगेटिव असर देखने को मिल सकता है। 

कर्क राशि: कर्क राशि के ऊपर चूंकि शनि की ढैया चल रही है। यह ढैया 29 मार्च 2025 तक चलेगी इसी ढैया के बीच कर्क राशि के ऊपर से मंगल का गोचर होना और शनि से छठे भाव में आ जाना यह अच्छा नहीं है। मंगल से शनि अष्टम में है, शनि से मंगल छठे में है। कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल योगा कारक होते हैं। मंगल आपको पंचम के अच्छे फल करेंगे और आपको इसके दशम भाव के अच्छे फल करेंगे। मंगल आपके लिए दशम के भी स्वामी है और पंचम के भी स्वामी हैं। मंगल आपके पार्टनर के साथ आपका कंफ्लेक्स करते हैं। यहां पर मंगल दुर्घटना के योग बना रहे हैं। कर्क राशि के जितने भी जातक हैं वो 20 अक्टूबर से लेकर 21 जनवरी तक वाहन सावधानी से चलाए। दूसरी चीज का जो कर्क राशि के जातक है जिनको ध्यान रखना है अपने पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें। आपकी सीक्रेसी कंप्रोमाइज हो सकती है। इसके अलावा अपने पार्टनर के साथ थोड़ा सा टेंपरामेंट लो रखिए। चंद्रमा के ऊपर से मंगल का गोचर जो फायरी प्लेनेट है। शनि की दृष्टि आपके वाणी वाले भाव के ऊपर है। शनि अष्टम में बैठे हैं वह सीधा देखेंगे वाणी वाले भाव को। कर्क राशि के जातकों को खास तौर पर ध्यान रखना है जाते-जाते शनि काम खराब कर सकते हैं। मंगल के साथ मिलकर यह थोड़ा सा ध्यान रखने की जरूरत पड़ेगी। 

सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर सप्तम भाव में और कर्क राशि में मंगल आएंगे। शनि यहां पर सप्तम में बैठे हैं और मंगल की दृष्टि सप्तम से आ रही है। सीधी सप्तम भाव के ऊपर भी और छठे भाव के ऊपर भी मंगल की चार दृष्टियां होती है। मंगल चौथी दृष्टि से तीसरे भाव को देखेंगे। सातवीं दृष्टि से छठे भाव को देखेंगे और आठवीं दृष्टि से आपके सप्तम भाव को देखेंगे। तो सिंह राशि के जातकों के लिए पार्टनर के लिहाज से थोड़ा सा सेंसिटिव समय है। 20 अक्टूबर से लेकर 21 जनवरी तक का क्योंकि यहां पर जो सप्तम है वो दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ जाएगा। सिंह राशि के जितने भी जातक पार्टनरशिप में बिजनेस कर रहे हैं उनको थोड़ा सा अलर्ट रहना चाहिए। यदि आप मैरिड है तो थोड़ा सा पार्टनर की हेल्थ को लेकर अवेयर रहिए। सिंह राशि के जातक वैसे ही फायरी नेचर के होते हैं हालांकि सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल योगा कारक होते हैं। दो पाप ग्रहों का प्रभाव आपके ऊपर सीधा-सीधा आ रहा है। यहां पर आपको सावधान रहना पड़ेगा, किसी को भी पैसा मत दीजिएगा। मंगल छठे को देख रहे हैं हालांकि मंगल छठे के कारक होते हैं लेकिन छठा रोग, ऋण, शत्रु का भाव है किसी भी अनावश्यक विवाद से बचिए।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए इस समय शनि का गोचर हो रहा है आपके तीसरे भाव से और मंगल यहां पर गोचर करेंगे आपके अष्टम भाव में। अष्टम भाव दुर्घटना का भाव है तो यहां पर धनु राशि के जातकों को अष्टम से संबंधित फल नेगेटिव मिल सकते हैं। तीसरे में  शनि हालांकि अच्छे गोचर में होते हैं लेकिन मंगल की इस पर दृष्टि आ गई तीसरा भाव दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ गया है। 21 जनवरी के बाद चीजें सामान्य हो जाएंगी इससे बचना चाहिए। मंगल जब बैठेंगे आपकी कुंडली में अष्टम को देखेंगे। आय में थोड़ा सा हो सकता है कि रुकावट हो। हो सकता है कि कहीं ना कहीं आपको रुकावट देखने को मिले।  

मकर राशि: मकर राशि शनि की राशि है और शनि की राशि में मंगल वैसे ही अच्छा फल नहीं करते। यहां पर मंगल सप्तम में आ जाएंगे राशि को देखेंगे। राशि के साथ-साथ आपके धन भाव को भी देखेंगे। धन भाव में पहले से शनि का गोचर हो रहा है और धन भाव आपका कुटुंब भाव भी होता है। यहां पर मंगल की दृष्टि आपकी राशि के ऊपर भी पड़ेगी।  मंगल यहां पर न सिर्फ सातवें में बैठकर आपके दशम को डिस्टर्ब करेंगे। मकर राशि के जातकों के लिए हालांकि ये शनि की राशि है शनि धन भाव में बैठे हैं लेकिन चूंकि धन भाव दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ जाएगा इसलिए धन की हानि यहां पर हो सकती है। पार्टनर के साथ कंफ्लेक्स है पार्टनर की हेल्थ को लेकर इशू हो सकता है। कारोबार में कहीं न कहीं रुकावट देखने को मिल सकती है। 

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!