Shakambhari Purnima: शाकम्भरी पूर्णिमा पर करें ये काम, घर में कभी नहीं होगी अन्न की कमी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Jan, 2025 09:30 AM

shakambhari purnima

Shakambari Purnima 2025: शाकम्भरी नवरात्रि का प्रारंभ 07 जनवरी 2025, मंगलवार पौष शुक्ल अष्टमी से हो चुका है। 13 जनवरी 2025 सोमवार को मां शाकम्भरी पूर्णिमा मनाई जाएगी। जिसे पौष पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शाकम्भरी नवरात्रि देवी शाकम्भरी की...

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Shakambari Purnima 2025: शाकम्भरी नवरात्रि का प्रारंभ 07 जनवरी 2025, मंगलवार पौष शुक्ल अष्टमी से हो चुका है। 13 जनवरी 2025 सोमवार को मां शाकम्भरी पूर्णिमा मनाई जाएगी। जिसे पौष पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शाकम्भरी नवरात्रि देवी शाकम्भरी की पूजा और आराधना को समर्पित एक विशेष पर्व है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष में अष्टमी या नवमी तिथि के दौरान मनाया जाता है। इस नवरात्रि को शीतकालीन नवरात्रि भी कहा जाता है और यह माता शाकम्भरी, जो देवी दुर्गा का एक स्वरूप हैं की कृपा प्राप्त करने का समय होता है। शाकम्भरी नवरात्रि प्रकृति, पर्यावरण और आध्यात्मिकता का संगम है, जो हमें जीवन में संतुलन और सुख-समृद्धि का मार्ग दिखाती है।

 Shakambari Purnima
Introduction to Goddess Shakambhari देवी शाकम्भरी का परिचय: देवी शाकम्भरी को प्रकृति की देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों को अन्न, जल और फल-फूल प्रदान करती हैं। "शाकम्भरी" नाम का अर्थ है शाक (सब्जियां) और अन्न से पालन करने वाली। देवी ने दुर्गम नामक राक्षस का वध कर धरती पर पुनः हरियाली और जीवन लाने का कार्य किया। देवी का स्वरूप यह सिखाता है कि प्रकृति का संरक्षण और संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।

Shakambhari
Devi Shakambhari Puja vidhi देवी शाकम्भरी पूजा विधि: देवी शाकम्भरी के निमित्त व्रत रखें। दुर्गा सप्तशती का पाठ या देवी के अन्य मंत्रों का जाप करें। Shakambari Devi Mantra देवी शाकम्भरी के प्रमुख मंत्र:
ॐ शाकम्भर्यै नमः , ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शाकम्भर्यै नमः
हवन अथवा देवी की आरती के साथ अन्न, शाक (सब्जियां) और फल का प्रसाद चढ़ाएं। कंजक पूजन करें।

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Glory of Shakambari Navratri शाकम्भरी नवरात्रि की महिमा: शाकम्भरी नवरात्रि का उल्लेख श्रीमद्भागवत पुराण और दुर्गा सप्तशती में मिलता है। शाकम्भरी पूर्णिमा के दिन देवी को शाकाहारी भोग अर्पित किए जाते हैं, जिसमें विशेष रूप से हरी सब्जियां, फल और अनाज शामिल होते हैं। यह पर्व खासतौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। सहारनपुर के पास स्थित शाकम्भरी देवी का मंदिर इस पर्व का मुख्य केंद्र है। यहां हर साल श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन और पूजा करने आते हैं।

Shakambari Purnima
Message of Shakambari Navratri शाकम्भरी नवरात्रि का संदेश: यह पर्व हमें प्रकृति की शक्ति और उसके संरक्षण का महत्व सिखाता है। देवी शाकम्भरी अन्नदाता और जीवनदायिनी हैं। उनकी पूजा करने से मनुष्य के जीवन में समृद्धि, शांति और सुख का संचार होता है। यह पर्व हमें शाकाहार, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का महत्व भी समझाता है।

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