Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Mar, 2025 11:07 AM

चैत्र अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने और पूर्वजों की आत्मा की शांति के
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Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वर्ष 2025 में चैत्र अमावस्या 29 मार्च को पड़ रही है। इस दिन पितृ दोष के उपाय करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। आइए जानते हैं चैत्र अमावस्या का महत्व और पितृ दोष के उपाय।
चैत्र अमावस्या तिथि 2025:
वर्ष 2025 में चैत्र अमावस्या 29 मार्च को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि का प्रारंभ 28 मार्च को रात 7 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर इसका समापन होगा। चैत्र अमावस्या पर पूजन 29 मार्च को किया जाएगा।
चैत्र अमावस्या शुभ योग:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र अमावस्या के दिन बहुत ही शुभ योग का निर्माण होने जा रहा है। ब्रह्म योग सुबह से लेकर रात 10 बजकर 04 मिनट तक है। इसके बाद इंद्र योग की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में यदि इस दौरान कोई महादेव का पूजन करेगा तो उसे दोगुना फल मिलने की सम्भावना है। इसके अलावा इन शुभ योगों में पूजा-पाठ करने से जीवन के सब दुःख-संताप दूर हो जाएंगे।
चैत्र अमावस्या के दिन पितृ दोष के उपाय
पितरों का तर्पण
चैत्र अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। तर्पण करने के लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पवित्र नदी या तालाब के किनारे जाएं। वहां जल, तिल, चावल और फूल लेकर पितरों का तर्पण करें। तर्पण करते समय पितरों का नाम लेकर उन्हें जल अर्पित करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
श्राद्ध कर्म
चैत्र अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म करना बहुत ही शुभ माना जाता है। श्राद्ध कर्म करने के लिए ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें। श्राद्ध कर्म करते समय पितरों का नाम लेकर उन्हें भोजन अर्पित करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। श्राद्ध कर्म करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

पल के पेड़ की पूजा
चैत्र अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है और मान्यता है कि इस पेड़ पर पितरों का वास होता है। पीपल के पेड़ की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। पीपल के पेड़ को जल, दूध, फूल और तिल अर्पित करें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
दान-पुण्य
चैत्र अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र, धन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करें। दान-पुण्य करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा, इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराना और दान-दक्षिणा देना भी बहुत ही शुभ माना जाता है।
पिंड दान
चैत्र अमावस्या के दिन पिंड दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पिंड दान करने के लिए चावल, तिल, जौ और गुड़ से बने पिंड को पितरों को अर्पित करें। पिंड दान करते समय पितरों का नाम लेकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। पिंड दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
