Edited By Sarita Thapa,Updated: 25 Jan, 2025 08:02 AM
Shani Dev ke Upay: शनिवार का दिन शनि की पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है। हिंदू धर्म में शनिदेव को धर्मराज और न्याय का देवता माना गया है। शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों के मुताबिक शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनिदेव के शरण में रहने वाले साधकों को...
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Shani Dev ke Upay: शनिवार का दिन शनि की पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है। हिंदू धर्म में शनिदेव को धर्मराज और न्याय का देवता माना गया है। शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों के मुताबिक शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनिदेव के शरण में रहने वाले साधकों को अपने जीवन काल में सब सुखों की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव की पूरे विधि -विधान के साथ पूजा करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए पूजा के बाद कुछ उपाय और मंत्रों का जाप करें। तो आइए जानते हैं शनिदेव के उपायों के बारे में-
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
शनिदेव को खुश करने के लिए शनिवार के दिन काला तिल, काला चना, लोहे से बनी उपयोगी वस्तु, सरसों का तेल, अन्न, धन या वस्त्र का दान करें क्योंकि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दान को सबसे उपयोगी माना जाता है। ऐसा करने से मन की हर इच्छा पूरी होगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर शनि चालीसा का पाठ करें और शनिदेव की प्रतिमा पर सरसों के तेल का दीपक चलाएं। इस उपाय को करने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
इस दिन शनिदेव को खुश करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हनुमान जी को बूंदी का भोग लगाएं और सिंदूर चढ़ाएं। साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा भी साधक पर बनी रहती है।
शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद पीपल की पूजा जरूर करें और शान के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से शनि देव के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी साधक पर बनी रहती है।
Mantras of Lord Shani शनिदेव के मंत्र
शनि देव के मंत्र
‘ॐ शनिदेवाय नमः’
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
ॐ शं शनिश्चराय नम:
शनि गायत्री मंत्र
औम कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात
शनिदशा का प्रभाव होगा कम
ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात