Edited By Sarita Thapa,Updated: 16 Feb, 2025 11:23 AM
Shani dhaiya 2025: यदि आपका नाम अंग्रोजी के शब्द एम या हिंदी के शब्द मा, मी, म, मे, मो से शुरू होता है, तो आपका जो नक्षत्र बनता है या तो मघ बनता है या पूर्वा आग्नी का पहला नक्षत्र बनता है। इस नाम के जितने भी जातक हैं, वो सिंह राशि में पैदा होते हैं।...
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Shani dhaiya 2025: यदि आपका नाम अंग्रोजी के शब्द एम या हिंदी के शब्द मा, मी, म, मे, मो से शुरू होता है, तो आपका जो नक्षत्र बनता है या तो मघ बनता है या पूर्वा आग्नी का पहला नक्षत्र बनता है। इस नाम के जितने भी जातक हैं, वो सिंह राशि में पैदा होते हैं। इस नक्षत्र में पैदा होने वाले जितने भी जातक वो सिंह राशि के ऊपर और शनि अष्टम में आ जाएंगे। इस नाम के जातकों के ऊपर शनि की ढैया शुरू हो जाएगी। अंग्रेजी के इस शब्द और हिंदी के इन शब्दों से जिनका भी नाम शुरू होता है। उनके ऊपर शनि अब 12वें भाव या 12 राशि में आ जाएंगे यानी कि अष्टम भाव में आ जाएंगे। अष्टम भाव आयु स्थान होता है। यहां से सडन लॉस का विचार किया जाता है क्योंकि इस राशि के जितने भी जातक हैं। उनके लिए शनि मार्ग स्थान के स्वामी बन जाते हैं। इसलिए शनि अच्छा फल नहीं करते हैं। अपनी ढैया में शनि आपको कुछ परेशानियां दे सकते हैं। जिसके लिए आपको सावधान रहना जरूरी है क्योंकि यह अष्टम से गोचर करेंगे। अष्टम सीक्रेसी का भाव होता है। सीक्रेसी आपके मोबाइल, आपके मोबाइल के पासवर्ड, आपके यूपीआई के पासवर्ड, आपके इंटरनेट बैंकिंग के पासवर्ड में यह सारी चीजें सीक्रेट है। आपकी रिलेशनशिप भी सीक्रेट है वह भी आपके मोबाइल में है, तो सीक्रेसी कंप्रोमाइज हो सकती है।
सबसे पहले तो यह ध्यान रखना है कि इस अवधि के दौरान जब तक शनि यहां पर है 23 फरवरी 2028 तक कोशिश करिए कि अपना पासवर्ड लगातार चेंज करते रहिए। सारा कुछ सीक्रेट रखिएगा। सीक्रेसी भंग हो सकती है यह सबसे पहली चीज है क्योंकि शनि यहीं पर है और इसी भाव के कारक भी है। यह आयु स्थान भी होता है। दूसरा गाड़ी कोशिश करिए कि धीमी ही चलाइए क्योंकि इस अवधि के दौरान शनि अष्टम में बैठे हैं। यह दुर्घटना का भी भाव होता है। लिहाजा कोई हादसा या चोट चपट आ सकती है। शनि अव्वल दर्जे के मारक होते हैं, तो गाड़ी थोड़ी धीमी ही चलाएं। शनि जब यहां पर बैठेंगे तो आपके कारोबार से संबंधित फलों को धीमा कर देंगे। आपको कारोबार से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यदि कोई कारोबार से संबंधित काम कर रहे हैं, तो वहां पर काम थोड़ा डिले हो सकता है। यह समझ के चलिए कि यह शनि का प्रभाव है यह 29 मार्च से शुरू हो जाएगा।
कार्यस्थल पर आपका प्रभाव जो है व बढ़ने की बजाय थोड़ा सा कम होता हुआ नजर आएगा। आप काम करेंगे क्रेडिट कोई और ले जाएगा। कार्यस्थल पर आप अपना वर्क बैलेंस को मेंटेन रखिएगा। इस राशि के या इन नामों के जितने भी जातक होते हैं, वैसे भी का जो स्वभाव होता है थोड़ा सा आक्रामक होता है। फायरी नेचर के होते हैं। ओवर रिएक्ट कर जाते हैं, तो यहां पर अगले ढाई साल कोशिश करिएगा। शनि की तीसरी दृष्टि फल देने के लिए बैठी है। कारोबार से संबंधित चीजें बिगड़ सकती हैं। यहां से शनि बैठेंगे और दूसरे भाव को दृष्टि देंगे। दूसरा भाव आपके कुटुंब का भाव होता है। आपकी वाणी का भाव होता है। आपकी ईटिंग हैबिट्स का भाव होता है। आपके जितने भी दांतों से संबंधित डिजीज होती है, वो सेकंड हाउस से देखी जाती हैं। आपकी कुंडली में आपकी बॉडी में ह्यूमन बॉडी में जो आपकी राइट आई होती है, वो सेकंड हाउस से देखी जाती है। सूर्य नेत्र ज्योति होते हैं। चंद्रमा नेत्र ज्योति होते हैं। लेकिन 12वां और दूसरा भाव राइट और लेफ्ट आई होते हैं, तो इसलिए इन चीजों का आपको ध्यान रखना पड़ेगा। धन की हानि हो सकती है। जितने भी जातक इस राशि के हैं दोस्तों के चक्कर में ही कई बार हम उल्टा पुल्टा खाने के चक्कर में फंस जाते हैं। कुछ लोगों को स्मोकिंग की आदत लग जाती है। कुछ लोगों को ड्रिंकिंग की आदत लग जाती है। इस अवधि के दौरान आपकी ईटिंग हैबिट डिस्टर्ब हो सकती है। तब आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। शनि जब यहां पर बैठे हैं, तो पंचम भाव के ऊपर दशम दृष्टि आ जाएगी।
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पंचम भाव आपका बुद्धि विवेक है। इस अवधि के दौरान 23 मार्च 2025 से फरवरी 2028 के तक कोई भी आप फैसला लीजिएगा। इस समय के दौरान कोई भी फैसला लेने से पहले किसी अनुभव व्यक्ति से सलाह लें। पंचम भाव को शनि देख रहे हैं। बुद्धि विवेक का भाव है। बुद्धि विवेक के ऊपर जब शनि का प्रभाव है, तो निश्चित तौर पर फैसला आपसे गलत हो सकता है। यदि आप सेकंड ओपिनियन लेंगे तो गलत फैसले से बच जाएंगे। दूसरा यह पंचम भाव आपके संतान का भाव है। इजी गेन का भाव होता है। जो शेयर मार्केट है जहां से आपको इजी गेन आता है। इजी गेन आपको शनि यहां पर नहीं लेने देंगेष बुद्धि विवेक का भाव है। संतान का भाव है। संतान से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। यहां पर कुछ चीजों से हम बच सकते हैं। कुछ चीजों को हम अवॉइड नहीं कर सकते है। जैसे संतान वाले भाव के ऊपर शनि की दृष्टि है, तो जो लोग इस अवधि के दौरान प्रेगनेंसी में है वहां पर केस के कॉम्प्लिकेशन में जा सकते हैं। वहां पर थोड़ा सा जरूर एक्स्ट्रा ध्यान रखना पड़ेगा। जब संतान की कंसेप्ट होती है तो डिलीवरी से लेकर नौ ग्रह जो है, वो नौ महीनों के दौरान संतान को प्रोटेक्ट करते हैं। गर्भ में जो प्रोटेक्शन होती है नौ ग्रहों के जरिए होती है, तो जितने भी जातक इस अवधि के दौरान प्रेगनेंसी प्लान करेंगे। वो नौ के नौ महीने अपनी रेमेडी जरूर करें। यहां पर शनि की दृष्टि है। जिस वजह से चीजें बिगड़ सकती हैं। ढाई साल का जो दौर है, तो उन चीजों को यदि हम ध्यान रख लेते हैं, तो उससे काफी हद तक बचा जा सकता है।
यदि आपकी कुंडली में शनि की पोजीशन ठीक नहीं है, तो आपको निश्चित तौर पर शनि के उपाय जरूर करने चाहिए। क्योंकि शनि आपके लिए मार्ग स्थानों के स्वामी होते हैं। मार्ग स्थान सप्तम मार्ग स्थान होता है। अष्टम आयु स्थान होता है। शनि दोनों भावों के स्वामी माने जाते हैं। शनिवार के दिन शाम को ओम शन शनिश्चराय नम का जप कर सकते हैं। इसके अलावा माला का जाप करें। शनि से जुड़ी चीजों का दान कर सकते हैं। शनि का दान हमेशा शाम के समय करना चाहिए। अपना नाम बोलकर अपना नक्षत्र बोलकर अपनी राशि बोलकर और संकल्प लेकर ही दान करिए। मन में जो भावना लेकर दान करेंगे। वह भावना संकल्प लेकर किए गए दान से पूरी होती है। शास्त्र कहता है कि राजसिक दान करना चाहिए और संकल्प लेकर किया गया दान राजसिक दान की कैटेगरी में आता है। हम वैसे डोनेशन कर देते हैं अपनी खुशी से कहीं पर जाकर डोनेट करते हैं। वह हमारा सात्विक दान होता है। हम जो एरोगेंस में डोनेशन करते हैं। उस स्थिति में जो हम दान करते हैं, वह हमारा तामसिक दान में आता है। उसका फल अच्छा नहीं होता। तो हमेशा जब भी दान करें राजसिक दान करें और संकल्प लेकर ही दान करें। उसका निश्चित तौर पर आपको फायदा ज्यादा होता है।
नरेश कुमार
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