Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 May, 2023 07:02 AM
जब शनिदेव माता छाया के गर्भ में थे तो छाया ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। भूख-प्यास, धूप-गर्मी सहने के कारण
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Shani Jayanti special: जब शनिदेव माता छाया के गर्भ में थे तो छाया ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। भूख-प्यास, धूप-गर्मी सहने के कारण उसका प्रभाव छाया के गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ा, जब शनिदेव का जन्म हुआ तो उनका रंग काला था। यह देख कर सूर्य देव को लगा कि यह तो मेरा पुत्र नहीं हो सकता। उन्होंने छाया पर संदेह प्रकट कर उसको अपमानित किया। मां की तप की शक्ति शनिदेव में आ गई थी, उन्होंने क्रोधित होकर अपने पिता को देखा तो सूर्य शनि की शक्ति से काले पड़ गए और उनको कुष्ठ रोग हो गया।
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तब घबरा कर सूर्य देव भगवान शिव की शरण में पहुंचे। भगवान शिव ने सूर्य देव को उनकी गलती का एहसास कराया। उन्हें अपनी करनी पर दुख हुआ तथा उन्होंने क्षमा मांगी, तब उनका असली रूप उन्हें वापस मिला लेकिन इस घटना से पिता-पुत्र के संबंध हमेशा के लिए खराब हो गए।