Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Jun, 2024 07:22 AM
शनि देव का जन्म हिंदू महीने के तीसरे माह ज्येष्ठ अमावस्या पर हुआ था। इस खास तिथि पर शनि देव का जन्मदिन मनाया जाता है। इस रोज शनि देव की पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से साढ़ेसाती, ढैय्या, शनि की महादशा और
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Shani Jayanti 2024: शनि देव का जन्म हिंदू महीने के तीसरे माह ज्येष्ठ अमावस्या पर हुआ था। इस खास तिथि पर शनि देव का जन्मदिन मनाया जाता है। इस रोज शनि देव की पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से साढ़ेसाती, ढैय्या, शनि की महादशा और शनि दोष से मिलने वाली पीड़ा एवं दुष्प्रभाव से काफी हद तक राहत प्राप्त की जा सकती है। यहां कुछ सरल और सटीक उपाय राशि अनुसार बताए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप शनि कृपा प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपके लिए यह उपाय करना कठिन हो अथवा आप शनि मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन कर सकते हैं। हर रोज करना भी संभव न हो तो मंगलवार और शनिवार को कर सकते हैं। दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें।
शनि के हर वार की काट हैं यह उपाय
मेष: शनि अमावस्या के बाद शनि मंदिर में 9 शनिवार 9 लौंग चढ़ाएं।
वृष: शनि अमावस्या के बाद शनिदेव पर 8 शनिवार 8 नीले फूल चढ़ाएं।
मिथुन: शनि अमावस्या के बाद 7 शनिवार शनि मंदिर में 7 नारियल चढ़ाएं।
कर्क: शनि अमावस्या के बाद 6 शनिवार काली हांडी में तेल भरकर किसी वीरान स्थान में दबाएं।
सिंह: शनि अमावस्या के बाद 5 शनिवार किसी गरीब सुहागन स्त्री को स्टील का बर्तन भेंट करें।
कन्या: शनि अमावस्या के बाद 4 शनिवार गरीब बच्चों में इच्छा अनुसार बादाम बांटें।
तुला: शनि अमावस्या के बाद 3 शनिवार काली गाय को उड़द की कचौड़ी खिलाएं।
वृश्चिक: शनि अमावस्या के बाद 2 शनिवार शनि मंदिर में बरगद के पत्तों की माला चढ़ाएं।
धनु: शनि अमावस्या के बाद हर शनिवार 1 लौंग सिर से वारकर जला दें।
मकर: शनि अमावस्या के बाद 12 शनिवार 12 पीपल के पत्ते शनि मंदिर में चढ़ाएं।
कुम्भ: शनि अमावस्या के दिन 11 बड़ी काली इलायची काले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।
मीन: शनि अमावस्या के बाद 10 शनिवार किसी मेहनतकश मजदूर को काले जूते भेंट करें।