Edited By Sarita Thapa,Updated: 22 Jan, 2025 10:10 AM
Shani ki sadesati: अगर आपका नाम अंग्रेजी के शब्द c या हिंदी के शब्द चू,चे,चो से शुरू होता है, तो आपका नक्षत्र अश्विनी बनता है और आपकी मेश राशि बनती है। इसका मतलब यह है कि अंग्रेजी का शब्द है c उसके ऊपर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और नाम राशि के हिसाब से...
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Shani ki sadesati: अगर आपका नाम अंग्रेजी के शब्द c या हिंदी के शब्द चू,चे,चो से शुरू होता है, तो आपका नक्षत्र अश्विनी बनता है और आपकी मेश राशि बनती है। इसका मतलब यह है कि अंग्रेजी का शब्द है c उसके ऊपर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और नाम राशि के हिसाब से साढ़ेसाती शुरू होगी। यह साढ़ेसाती 29 मार्च 2025 से 2032 तक चलेगी। साढ़े साल का समय है जब आपके लिए शनि की साढ़े साती का जो है वह दोर रहेगा।
मेष राशि के जितने भी जातक हैं उनके ऊपर शनि की पहली ढैया 29 मार्च 2025 को शुरु हो जाएगी।कुंडली में शनि आपके 12वें भाव में आ जाएंगे 12वें भाव में जब शनि बैठते हैं तो तीसरी दृष्टि से आपके दूसरे भाव को देखते हैं। यह धन का भाव होता है। यहां पर आकर शनि थोड़ा सा धन की हानि करवा सकते हैं। पारिवारिक कष्ट दे सकते हैं। बॉडी पार्ट्स की बात करें तो 12वें में जब शनि बैठते हैं, तो 12वां भाव आपका लेफ्ट आई होता है और जिस भाव को देख रहे होते हैं, वो राइट आई होता है। इस अवधि में पहले फेज के दौरान आपकी आईसाइट को वो डिस्टर्ब कर सकते हैं क्योंकि शनि का प्रभाव यहां पर रहेगा। एक जगह पर शनि बैठेंगे दूसरी जगह पर वो देखेंगे। कुंडली में शनि की जो सातवीं दृष्टि जाएगी वो आपके छठे भाव के ऊपर रहेगा। छठा भाव रोग ऋण और शत्रु का भाव होता है। शनि के द्वारा यह भाव एक्टिव होने का भाव है कि इस अवधि में आप किसी भी फाइनेंशियल या लीगल गारंटी न लें। छठे भाव से कर्जा आता है। शनि कर्ज के भी कार्य ग्रह होते हैं। इस अवधि में अगर आप किसी को पैसा देंगे तो आपका पैसा फस सकता है। यदि आप किसी से पैसा लेंगे तो कर्ज वाली स्थिति लंबी चल सकती है। यहां पर शनि आपको पहले फेज के दौरान पैसे से जुड़ी कोई परेशानी दे सकते हैं। इसलिए आपको इस अवधि के दौरान फाइनेंस से संबंधित और फिजिकल कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा शनि जब 12वें हाउस में होते हैं तो आपके नाइंथ हाउस के देखते हैं। दशम दृष्टि से यह भाग्य का स्थान होता है। शनि मंद गामी ग्रह है। जब वो किसी कहीं-कहीं किसी भाव को देखते हैं, तो उस भाव से संबंधित फल को स्लो कर देते हैं। यानी भाग्य आपका साथ कम देता हुआ नजर आता है। शनि की पहली ढैया आपकी कुंडली के तीन भावों दूसरा, छठा और नौवें को प्रभावित करते हैं। शनि जिस भाव को देखते हैं। उसके अच्छे फल देते हैं। शनि की पहली ढैया 23 फरवरी 2028 तक चेलगी।
जितने भी इस राशि या नाम के जातक हैं। जिनका पहला अक्षर यह बन रहा है। वो लोग अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सावधान हो जाएं। यदि आपकी ईटिंग हैबिट डिस्टर्ब है तो थोड़ा सा ईटिंग हैबिट्स को कंट्रोल करें। अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो इस अवधि में एक्सरसाइज करनी शुरू करें। ताकि आपको फिजिकली कोई दिक्कत न आए। जब शनि गोचर करते हैं तो शनि के गोचर का प्रभाव जो है वह आखिरी महीनों में गोचर करते हैं, तो शनि आखिरी 10 महीनों में गोचर में असर ज्यादा दिखाएंगे। पहले 10 महीने और दूसरे 10 महीने में आपको नजर न आए लेकिन गोचर के आखरी 10 महीनों के दौरान शनि आपके लिए धन से संबंधित और सेहत को लेकर समस्याएं खड़ी कर सकते हैं। तो कोशिश करें जैसे ही यह गोचर शुरू होता है, तो इस अवधि के दौरान अपनी ईटिंग हैबिट को मेंटेन रखिए। यदि आपका स्क्रीन टाइम मोबाइल के या कंप्यूटर के ऊपर तो उसको थोड़ा सा रिड्यूस करिए ताकि आईसाइट की दिक्कत न आए। किसी को भी कर्ज देने से बचें। इन चीजों को करने से शनि की पहली ढैया जो आएगी उससे बचा जा सकता है।
अब 23 फरवरी 2028 को शनि आपके चंद्रमा के ऊपर से आ जाएंगे जब शनि जैसा ग्रह चंद्रमा के ऊपर से आता है। यह मन का कारक होता है, तो आपके मन को प्रभावित करता है। यह आपके मन को थोड़ा सा अशांत करता है। शनि यहां पर बैठेंगे, तो तीसरे भाव को देखेंगे। तीसरा भाव आपके पराक्रम का भाव होता है। आपके कॉन्फिडेंस में कमी आ जाती है।
आप थोड़ा सा सुस्त हो जाते है। तीसरा भाव आपके छोटे भाई का भी भाव होता है। यह बॉडी में कंधा होता है। तो जितने भी जातक हैं इस नाम के अक्षर वाले उनको सर्वाइकल का इशू हो सकता है, तो थोड़ा सा दूसरी ढैया के दौरान इन चीजों का ध्यान रखें। छोटे भाई के साथ अपना तालमेल बैटर बना कर रखें औैर भारी चीजों को लिफ्ट करने से बचें। क्योंकि यदि हम सर्वाइकल जैसे इशू में आ जाते हैं यदि हमें पता है कि हमारे राट शोल्डर में प्रॉब्लम आ सकती है, तो हमें ऐसी स्थिति में हैवी चीजें उठाने से बचना पड़ेगा।
जब यहां पर शनि बैठते हैं, तो आपके सप्तम भाव को सीधी दृष्टि से देखते हैं। यह पार्टनर का भाव होता है। यहीं से बिजनेस पार्टनर और यहीं से लाइफ पार्टनर को भी देखा जा सकता है। 23 फरवरी 2028 से लेकर 17 अप्रैल 2030 की अवधि की दौरान अपने पार्टनर की हेल्थ को लेकर थोड़ा सा सावधान रहें। यदि बिजनेस शुरू कर रहे हैं, तो किसी पार्टनरशिप में करें। बिजनेस पार्टनर की खोजबीन करते समय थोड़ी सी सावधानी बरते। ताकि वो आपको डिचया धोखा न दे दें। इसके साथ ही पार्टनर की सेहत को लेकर भी थोड़ा सा सावधान रहिए। शनि जब यहां पर बैठेंगे तो दशम को देखेंगे। दशवी दृष्टि के साथ दशम आपका कर्म स्थान होता है। कर्म स्थान के ऊपर शनि की दृष्टि आपके कारोबार से संबंधित फलों को धीमा कर देती है यानी कि आप कारोबार में एफर्ट्स को लगाते हो लेकिन आपको एफर्ट्स के मुताबिक उसका रिजल्ट नहीं मिलता या आपको धीमा मिलता है। अगर आपने कोई गोल सेट किया या टारगेट सेट किया उसके लिए आप टाइमलाइन ले लेके चल रहे हो दो या तीन महीने की लेकिन वो दो या तीन महीने की टाइमलाइन आपकी एक्सटेंड होती जाती है, तो ऐसी चीजें शनि के आखिरी ढैया के दौरान हो जाती है। दूसरी ढैया के दौरान जब शनि आपको आपके दशम को प्रभावित करेंगे तो चीजें थोड़ी सी वर्क फ्रंट के ऊपर हो सकती है। कहीं न कहीं प्रॉब्लम हो सकती है। इस अवधि के दौरान यदि आप कारोबार नहीं करते और नौकरी करते हैं, तो चीजें आपके मुताबिक न हो आपके असाइनमेंट्स थोड़े से डिले हो जाएंगे। कार्यस्थल पर आपके खिलाफ कुछ माहौल बनना शुरू हो जाएगा। इन सारी चीजों का आपको अपने सेकंड फेस के दैरान ध्यान रखने की जरूरत है। यह सेकंड फेस 27 फरवरी 2028 से लेकर 17 अप्रैल 2030 तक आपका रहेगा। इसके बाद तीसरी ढैया शुरू हो जाएगी।
शनि आपके सेकंड हाउस में आ जाएंगे तो सेकंड हाउस में जब शनि बैठते हैं, तो आपके फोर्थ हाउस को देखते हैं। फोर्थ हाउस आपका सुख स्थान होता है और मदर का विचार फोर्थ हाउस से किया जाता है। जब सुख स्थान के ऊपर शनि की दृष्टि आएगी तो इससे संबंधित फल थोड़े से डिस्टर्ब हो सकते हैं। फोर्थ हाउस से जितनी भी प्रॉपर्टी की खरीद करते हैं या गाड़ी लेते हैं, वो सारी आपके फोर्थ हाउस से आती है। मदर की हेल्थ का विचार फोर्थ हाउस से होता है। इस अवधि के दौरान यानी कि 30 अप्रैल 2030 के दौरान और 17 अप्रैल 2030 के बाद आपको थोड़ा सा इस विषय में ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी। यदि आप इस अधि के दौरान कोई एसेट खरीदने की योजना बनाएंगे या कुछ करने की योजना बनाएंगे इस विषय में आपको थोड़ा सा एक्स्ट्रा ध्यान रखना पड़ेगा। अगर इस अवधि के दौरान प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो थोड़ा सा ध्यान देकर खरीदिए। इन चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा और मदर की हेल्थ को लेकर थोड़ा सा विचार पर ध्यान रखना पड़ेगा।
यहां से मदर की हेल्थ देखी जाती है जब शनि दूसरे भाव में बैठते हैं, तो धन की हानि कर जाते हैं क्योंकि शनि की दृष्टि अष्टम के ऊपर होती है और अष्टम आपका सडन लॉस का भाव होता है। सडन प्रॉफिट भी यहीं से आता है। सडन लॉस भी यहीं से आता है, तो ऐसी स्थिति में कई बार सडन प्रॉफिट हो जाता है। लेकिन लॉस की संभावना इसलिए रहती है क्योंकि शनि अष्टम भाव के कारक भी है। यह आयु स्थान होता है। यहां से दुर्घटना भी देखी जाती है, तो इस अवधि में आपको गाड़ी थोड़ी सी धीमी चलानी पड़ेगी। शनि की तीसरी ढैया के दौरान जितने भी जातक हैं या जिनका नाम इस इन शब्दों से शुरू होता है उनको थोड़ा सा इस अवधि के दौरान अष्टम के फल थोड़े से ध्यान में रखने पड़ेंगे। शनि जब दूसरे भाव में बैठते हैं, तो 11वें भाव को दृष्टि देते हैं।अगर शनि की दृष्टि 11वें भाव पर जा रही है। यह आय स्थान होता है। यहां से हम रूटीन की जितनी भी अर्निंग होती है। यहीं से देखी जाती है। आय को प्रभावित कर सकते हैं, तो यह चीजें शनिदेव आपके लिए तीन चरणों में प्रभावित करेंगे। जितने भी मेष राशि के जातक हैं या जितने भी इस नाम से शुरुआत होती है और उस नाम उस अक्षर से जिनका भी नाम शुरू होता है। उनको साढ़े साती के दौरार इन चीजों को लेकर थोड़ा सा सावधान रहना पड़ेगा।
साढ़ेसाती सभी के लिए एक जैसे नहीं होती है। जिनके लिए शनि की पोजीशन कुंडली में ठीक नहीं है या जिनका शनि समुदायक अष्टक वर्ग में ठीक नहीं होता। उनके लिए शनि प्रॉब्लम कर जाते हैं। लिहाजा यदि आपकी कुंडली में शनि की पोजीशन ठीक नहीं है या शनि आपको खराब फल कर रहे हैं साढ़े साती के दौरान या ढैया के दौरान तो इस अवधि के दौरान शनि के जो बीज मंत्र ओम शन शनिश्चराय नमः का जाप करें। शनि से जुड़ी वस्तुओं का दान करें। अगर दान करते समय आप अपने नाम और गोत्र का अपनी राशि के नक्षत्र का संकल्प लेने के बाद करेंगे, तो इसका फायदा आपको ज्यादा होता है।
नरेश कुमार
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