Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Oct, 2024 02:36 PM
आज बात करेंगे शनिदेव कि शनिदेव 15 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे और जब शनिदेव मार्गी होंगे तो इसका कर्क राशि के जातकों के ऊपर असर पड़ेगा।
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Shani Margi 2024: आज बात करेंगे शनिदेव कि शनिदेव 15 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे और जब शनिदेव मार्गी होंगे तो इसका कर्क राशि के जातकों के ऊपर असर पड़ेगा। जब प्लेनेट वक्री हो जाता है शास्त्र कहता है कि वक्री प्लेनेट अपना अच्छा या बुरा दोनों तरह का फल तेजी से ज्यादा पावर से करने की क्षमता रखता है। वक्री अवस्था का प्लेनेट यदि खराब ट्रांजिट में चल रहा है जैसे अभी कर्क राशि के जातकों के लिए शनि की ढैया चल रही है। तेजी वाला जो प्लेनेट है जो तेज अवस्था जो उसकी जो जो अवस्था है जो खराब अवस्था है अष्टम भाव में जाना शनि का अच्छा नहीं होता तो यहां पर जो शनि के खराब फल है वो उसमें ज्यादा खराबी आ जाती है या वो ज्यादा खराब फल करना शुरू कर देते हैं। शनि चूंकि समय के कारक है। शनि कर्क राशि के जातकों के लिए अच्छा फल नहीं करते। शनि कर्क राशि के जातकों के लिए सप्तम भाव के स्वामी हो जाते हैं, जहां पर मकर राशि आती है। दूसरा वो अष्टम भाव के स्वामी हो जाते हैं। जहां पर शनि की कुंभ राशि आती है तो चंद्रमा की राशि के लिए शनि वैसे भी अच्छा फल नहीं करते। कर्क राशि के बहुत सारे जातक है जो शनि की दशा में भी पैदा होते हैं। पुष्य नक्षत्र के जन्में जातकों का समय ट्रबल वाला होता है स्टार्टिंग। जन्म के बाद का जो समय होता है वो कई बार बहुत कष्टकारी भी होता है। शनि जहां पर अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। यह ढैया चल रही है और ढैया में ही शनि जब वक्री अवस्था में आ गए तो यहां पर यह समय अच्छा नहीं चल रहा था।
15 नवंबर को शनि जब मार्गी अवस्था में आ जाएंगे तो तीन भावों से संबंधित फल कर्क राशि के जातकों के लिए जो खराब चल रहे हैं वहां पर थोड़ा सा सुधार की उम्मीद कर सकते हैं। यहां अष्टम भाव में शनि पड़े हैं, तीसरी दृष्टि दशम भाव के ऊपर जा रही है। दशम भाव आपके कर्म का भाव है, आपके कार्य का भाव है। आप रूटीन में जो भी कर्म करते हैं वो दशम से करते हैं। जब शनि की दृष्टि है यहां पर खास तौर पर शनि अष्टम में पड़े हैं वो भी अष्टमेश होकर अष्टम में पड़े हैं और मार्ग स्थान के स्वामी होकर अष्टम में पड़े हैं और वो वक्री अवस्था में रहकर दशम भाव को देख रहे हैं। निश्चित तौर आपके लिए कारोबार में बाधा डालने का काम कर रहे हैं। आपकी नौकरी जहां पर भी आप काम करते करते हैं वहां पर आपको उसका प्रॉपर क्रेडिट नहीं मिल पा रहा है। जब शनि मार्गी हो जाएंगे तो वहां पर आपको थोड़ी सी राहत मिलती हुई नजर आएगी।
दूसरा शनि की दृष्टि दूसरे भाव के ऊपर है। ये धन, कुटुंब, वाणी का भाव होता है। शनि के इस ट्रांजिट के कारण आपका गुस्सा बढ़ जाता है। आपका टेंपरामेंट बढ़ने के कारण आप ओवर रिएक्ट कर जाते हैं। कर्क राशि वाले जातक वैसे भी ओवर रिएक्शन ज्यादा करते हैं लेकिन जब शनि की दृष्टि आपके वाणी वाले भाव के ऊपर जा रही है तो निश्चित तौर पर आपके लिए थोड़ा सा प्रॉब्लम हो जाएगी। यह नेगेटिव प्लेनेट है और नेगेटिव प्लेनेट का प्रभाव किसी भी भाव के ऊपर उस भाव फलों को खराब करता है। यहां पर शनि धन की हानि करते हैं यहां पर शनि आपकी वाणी रिलेशनशिप में भी नुकसान करवा सकते हैं। ये कुटुंब का भाव है, यहां पर चीजें दिक्कत भरी हो जाती हैं। यहां पर बैठे शनि पंचम, दशम दृष्टि से पंचम भाव को देखते हैं। यहां पर जब शनि की दृष्टि है और वो भी शनि वक्री अवस्था में है तो निश्चित तौर पर जिन लोगों के यहां पर प्रेगनेंसी चल रही है वहां पर कॉम्प्लिकेशन होती हुई नजर आ रही होंगी। खास तौर पर आपकी संतान यदि आप मैरिड है और आपके संतान है आपको संतान पक्ष से कुछ न कुछ परेशानी हो रही हो। जैसे ही शनि यहां पर मार्गी होंगे तो निश्चित तौर पर आपको इन सब मामलों में राहत मिलती हुई नजर आएगी। कर्क राशि के जातकों के लिए शनि मार्गी होंगे और मार्गी अवस्था में रहेंगे।
शनि यहां पर अगले साल 13 जुलाई तक लगभग 140 दिन के आसपास शनि वक्र रहते हैं। 2025 दिन के आसपास का शनि का समय मार्गी होने का रहता है हालांकि आगे जाकर शनि नव भाव में चले जाएंगे, ढैया खत्म हो जाएगी। 29 मार्च 2025 को लेकिन जितने 29 मार्च 15 नवंबर से लेकर जो 29 मार्च तक का पीरियड है जो उससे पहले वक्री अवस्था में शनि के कारण परेशानी हो रही थी वहां पर अब परेशानी जो है वो थोड़ी सी हल्की होती हुई नजर आएगी कर्क राशि के जातकों के लिए यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है। शनि आपकी कुंडली में राहु-केतु एक्सेस में है। शनि मंगल या सूर्य से पीड़ित है। शनि आठवें या 12वें भाव में पड़े हुए हैं तो आपको शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।
जिनके ऊपर शनि की ढैया चल रही है उन्हें ओम शनि शनिश्चराय नमः का जप करना चाहिए।
पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं।
ऑफिस में सीनियर और जूनियर काम के साथ बिहेवियर कॉर्डियल होना चाहिए।
काली उड़द की दाल शनिवार शाम के समय दान करें।
नरेश कुमार
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