Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Aug, 2024 06:27 AM
प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाता है। इस बार प्रदोष व्रत 17 अगस्त को है यानि कि आज। शनिवार का दिन होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। आज के दिन शनिदेव और
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Shani Pradosh Vrat 2024: प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाता है। इस बार प्रदोष व्रत 17 अगस्त को है यानि कि आज। शनिवार का दिन होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। आज के दिन शनिदेव और महादेव की साथ में पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं। शनिदेव महादेव के भक्त थे इसलिए अगर दोनों को एक साथ खुश करना चाहते हैं तो आज के दिन खास शुभ मुहूर्त में इन उपायों को जरूर करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कौन से उपाय करके हम दोनों देवों को एक साथ प्रसन्न कर सकते हैं।
Shani Pradosh upay शनि प्रदोष उपाय: To reduce the effect of Saturn शनि के प्रभाव को कम करने के लिए: शनि ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव कम करना चाहते हैं तो शनि प्रदोष के दिन शनि चालीसा का पाठ करें और शनि देव के इन मंत्रों का जाप करें।
Shani dev mantra शनि देव मंत्र:
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
To get rid of financial constraints आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए: प्रदोष के दिन शाम की पूजा का बहुत महत्व होता है। अगर किसी व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो उसे प्रदोष के दिन शाम के समय 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से महादेव सारे दुखों हो हर लेते हैं।
To get a job desired मनचाही नौकरी पाने के लिए: बहुत कोशिशों के बाद भी नौकरी नहीं मिल पा रही तो शनि प्रदोष के दिन एक मुठ्ठी काली उड़द के दाने उलटे हाथ से अपने ऊपर से 7 बार घुमाएं और फिर इन्हें काले कौवे को खिला दें। ऐसा करने से भोलेनाथ तरक्की के रास्ते खोल देते हैं।
Method of Shani Pradosh fast in the month of Savan सावन महीने के शनि प्रदोष व्रत की विधि: सावन महीने में शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन, प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
पूजा स्थान: एक स्वच्छ स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। साथ में शनिदेव की प्रतिमा भी रखें।
व्रत का संकल्प: व्रत का संकल्प लें और उपवास करें। दिन भर निर्जला व्रत रखना शुभ माना जाता है लेकिन अगर कठिन हो तो फलों का सेवन किया जा सकता है।
भगवान शिव और शनिदेव की पूजा: शिवलिंग पर गंगा जल, दूध और फूल चढ़ाएं। शनिदेव की पूजा में काले तिल, तेल और पीपल के पत्ते अर्पित करें।
मंत्र जाप: "ॐ नमः शिवाय" और "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्रों का जाप करें।
आरती और भोग: पूजा के बाद आरती करें और भगवान को भोग अर्पित करें।
ब्राह्मणों को भोजन कराएं: व्रत समाप्ति पर ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा दें।
महत्व: शनि प्रदोष व्रत करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इसके अलावा, यह व्रत मन की शांति और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।