Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Aug, 2024 03:12 AM
प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को प्रसन्न करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य अपना स्थाई बसेरा बना लेते हैं और जीवन में आ रहे हर कष्ट से छुटकारा मिलता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत व पूजा करने से हर बाधा से मुक्ति मिलती...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shani Pradosh 2024: प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को प्रसन्न करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य अपना स्थाई बसेरा बना लेते हैं और जीवन में आ रहे हर कष्ट से छुटकारा मिलता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत व पूजा करने से हर बाधा से मुक्ति मिलती है। शनि प्रदोष के दिन का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन शिव पूजा करने से कुंडली में शनि संबंधित समस्याएं सदा के लिए समाप्त हो जाती हैं। यदि आप व्रत और पूजा करने में समर्थ नहीं हैं तो शनि प्रदोष के दिन इस कथा को अवश्य पढ़ें अथवा सुनें। शनि प्रदोष के दिन कथा सुनने या पढ़ने से शनि ग्रह की कृपा प्राप्त होती है, दोष निवारण होता है और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। कथा पवित्रता, समर्पण और धार्मिक श्रद्धा को बढ़ाती है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
Story of Shani Pradosh शनि प्रदोष की कथा: एक बार की बात है, एक गरीब ब्राह्मण अपने परिवार के साथ बहुत कठिनाई में था। उसके जीवन में सभी सुख-साधन समाप्त हो चुके थे और उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी। उसने अपने जीवन की इस दुरावस्था के कारणों को जानने के लिए एक संत से संपर्क किया। संत ने उसे बताया कि उसके जीवन में शनि ग्रह की अशुभ स्थिति है और उसे शनि प्रदोष व्रत का पालन करना चाहिए।
ब्राह्मण ने शनि प्रदोष व्रत करने का निर्णय लिया। उसने व्रत के दिन पूरी श्रद्धा और पवित्रता के साथ पूजा की। उसने पूरे दिन उपवास रखा और संध्या के समय शनि देव की विधिपूर्वक पूजा की। उसने शनि देव के मंत्रों का जाप किया और दीपक जलाए।
इस व्रत की पूर्णता के बाद, ब्राह्मण के जीवन में धीरे-धीरे सुधार आने लगा। उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और उसके परिवार के सुख-साधन भी बढ़ने लगे। ब्राह्मण ने महसूस किया कि उसकी कठिनाइयां समाप्त हो गई हैं और उसने शनि प्रदोष व्रत के महत्व को समझा।
इस प्रकार शनि प्रदोष व्रत की नियमित पूजा और व्रत का पालन करने से व्यक्ति की जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी होता है, जिनके जीवन में शनि ग्रह की स्थिति अशुभ है।