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Shani-Rahu Conjunction: 51 दिन के लिए शनि राहु का पिशाच योग, ये 4 राशियां रहें सावधान

Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Mar, 2025 12:07 PM

आज एक ऐसी युति के बारे में बात करेंगे जिसे ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है। ये युति है शनि और राहु की। राहु इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, राहु यहां पर 18 मई तक गोचर करेंगे।

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Shani Rahu Conjunction: आज एक ऐसी युति के बारे में बात करेंगे जिसे ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है। ये युति है शनि और राहु की। राहु इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, राहु यहां पर 18 मई तक गोचर करेंगे। शनि का गोचर हो जाएगा 29 मार्च को मीन राशि में जहां पर राहु का गोचर हो रहा है। इस समय वहां पर शनि भी जाकर युति कर लेंगे। ज्योतिष में कहा जाता है शनिवत राहु कुजवत केतु यानी कि राहु शनि की ही तरह फल करते हैं इनकी दशा भी लगभग सेम होती है। शनि 19 साल चलते हैं महादशा में राहु 18 साल चलते हैं। 

30 मार्च को ग्रहण लगेगा।  ग्रहण के दौरान मीन राशि में वीनस, राहु, सूर्य, चंद्रमा भी होंगे और शनि भी साथ हो जाएंगे। प्लेनेट का असर या जिस प्लेनेट में ग्रहण लग रहा है उसका असर उस एरिया में ज्यादा नजर आता है। मीन राशि की यदि हम बात करते हैं क्योंकि ग्रहण मीन राशि में लग रहा है तो यदि हम मीन राशि की बात करते हैं तो मीन राशि रिप्रेजेंट करती है नॉर्थ पार्ट ऑफ द वर्ल्ड को। यह जल तत्व की राशि है यूरोप का पूरा एरिया सारा मीन राशि से आता है। यू.एस में डिस्टरबेंस हो सकती है, ये दो महीने बड़े क्रिटिकल है और चूंकि आज दुनिया बहुत छोटी हो गई है यदि कहीं पर भी दुनिया में कोई प्रभाव आता है तो वह हम पर सीधे तौर पर आता है। अतीत में भी राहु और शनि का कंजंक्शन अच्छा नहीं रहा है 2002 में जब राहु और शनि का कंजंक्शन हुआ था तो गोदरा में दंगे हो गए थे। इससे थोड़ा सा बचने की जरूरत रहेगी।

मीन राशि: मीन राशि के ऊपर ही ये कंजंक्शन बन रहा है। जिनका चंद्रमा मीन राशि का है उनको थोड़ा सा माइग्रेन से संबंधित इशू जरूर हो सकता है। मानसिक तनाव ज्यादा बढ़ने की सम्भावना है क्योंकि इतने सारे ग्रह एक ही राशि में आकर बैठ जाएंगे।मीन राशि के लिए यदि शुक्र की बात करते हैं तो शुक्र अष्टमेश हो जाते हैं। बुध की बात करते हैं तो बुध मार्ग स्थान के स्वामी हो जाते हैं। सप्तम के स्वामी हो जाते हैं वह भी वहीं पर रहेंगे। सूर्य की बात करते हैं सूर्य छठे भाव के स्वामी हो जाते हैं। छठे भाव का स्वामी अष्टम भाव का स्वामी सारा ही राशि के ऊपर रहेगा तो निश्चित तौर पर उसका असर आपकी हेल्थ के ऊपर आ सकता है। हेल्थ को लेकर थोड़ा सा मीन राशि के जातकों को कम से कम दो महीने सजग हो जाना चाहिए। ड्राइविंग थोड़ी सी संभल कर करें। पासवर्ड थोड़े से अपने मेंटेन रखिएगा यानी कि पास पावर्ड चेंज करते रहिए। कहीं न कहीं धन का नुकसान भी हो सकता है। 

कन्या राशि: कन्या राशि क्योंकि सारे ग्रहों की दृष्टि सामने कन्या राशि के ऊपर पड़ रही है तो कन्या राशि के जितने भी जातक हैं, उनको भी थोड़ा सा हेल्थ का जरूर ध्यान रखना चाहिए। कन्या राशि के जातकों के लिए चूंकि राशि का स्वामी ही इस कंजंक्शन के बीच में फंस जाएगा। आप डिसीजन मेकिंग गलत तरीके से करना शुरू कर देंगे। पार्टनर के साथ किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। ये सारा जो कंजंक्शन है आपके सप्तम भाव में चला गया है। सप्तम भाव पार्टनर का भाव होता है। भले ही वो लाइफ पार्टनर है या आपका बिजनेस पार्टनर है तो इस स्थिति में डिसीजन मेकिंग करते समय सेकंड ओपिनियन जरूर लीजिएगा। कन्या राशि के जातक ये आपके लिए बहुत अच्छा होगा हालांकि कन्या राशि के जातक बुध के प्रभाव में रहते हैं। ये बुध की राशि है और बुद्धि -विवेक इनके पास काफी होता है। बुध भी प्रभाव में आ जाएगा तो लिहाजा थोड़ा सा ध्यान रखने की जरूरत जरूर पड़ेगी। 

मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए पहले तो साढ़े शुरू हो रही है। इसी दिन शुरू हो जाएगी दूसरा 12वें भाव में इतने सारे प्लेनेट आ गए हैं। 12वां भाव आपके हॉस्पिटलाइजेशन, खर्चे का भाव होता है। 12वें से हम विदेश यात्रा का विचार करते हैं जो लोग विदेश में जा रहे हैं इस अवधि में वो खास तौर पर ध्यान रखें। मेष राशि के जातक किसी प्रॉब्लम में न फंस जाएं। मेष राशि के जातकों के लिए जितने भी ग्रह है सारे छठे भाव को देखेंगे। जब छठे भाव को इतने सारे ग्रह देख रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपका छठा भी एक्टिव है। छठा रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है। जब रोग ऋण शत्रु का भाव आपका एक्टिव हो गया तो निश्चित तौर पर यहां पर आपको दिक्कत हो सकती है। किसी की फाइनेंशियल गारंटी मत लीजिए। फिजिकल प्रॉब्लम आती है तो निश्चित तौर पर डॉक्टर की मदद जरूर लीजिए। 12वें भाव में इतने सारे ग्रहों का गोचर में चले जाना शुभ नहीं है। 

सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए यह गोचर अष्टम भाव में हो रहा है। अष्टम भाव में ये कंजंक्शन बनेगी। अष्टम आपका लॉस, एक्सीडेंट का भाव है। यहां से जब सारे ग्रह देखते हैं तो आपके कुटुंब भाव, आपके धन भाव, आपकी वाणी वाले भाव को देखते हैं इस अवधि में आपका टेंपरामेंट बहुत हाई साइड जा सकता है। सीक्रेसी कंप्रोमाइज हो सकती है। आपको कोई ऐसी समस्या आ सकती है जिसका आपको लॉन्ग टर्म में इलाज करना पड़े। लंबी अवधि में में जो बीमारी आती है वह हम अष्टम भाव से देखते हैं। वहां पर अष्टम में इतने सारे ग्रहों का आ जाना निश्चित तौर पर कोई न कोई शारीरिक समस्या पैदा कर सकता है। आप मेल है या फीमेल आपको यूरिन से संबंधित समस्या हो सकती है।  जिनकी कुंडली में यह केंद्र त्रिकोण में बनेगा। यह योग उनके लिए भी बहुत ज्यादा चीजें अच्छी नहीं है जिनके राशि के सामने आठवें,12वें भाव  कंजंक्शन अच्छा नहीं है। 

शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें। 

नरेश कुमार
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