Edited By Prachi Sharma,Updated: 18 May, 2024 02:16 PM
आज बात करेंगे शनि देव की। शनि देव 2024 को वक्री होने जा रहे हैं। ये लगभग 139 दिन तक वक्री अस्वथा में रहेंगे। 15 नवंबर को शनि मार्गी होंगे और 30 जून को वक्री होंगे। सबसे पहले जानेंगे कि शनि
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Shani Retrograde: आज बात करेंगे शनि देव की। शनि देव 2024 को वक्री होने जा रहे हैं। ये लगभग 139 दिन तक वक्री अस्वथा में रहेंगे। 15 नवंबर को शनि मार्गी होंगे और 30 जून को वक्री होंगे। सबसे पहले जानेंगे कि शनि वक्री और मार्गी क्या होता है ?
सूर्य से शनि जब 120 डिग्री दूर चले जाते हैं तो वक्री अवस्था में आ जाते हैं। मानलीजिए आपकी कुंडली में सूर्य मेष राशि में पड़े हैं तो शनि उच्च के होंगे तो वक्री ही होंगे। जब प्लानेट वक्री होते हैं तो आपका चेष्टा बल बढ़ जाता है। शनि ऐसे फल हैं जो कर्म के फल देते हैं। शनि देव के पॉजिटिव फल भी देंगे। जिनकी कुंडली में शनि शुभ गोचर में हैं उन्हें बढ़िया परिणाम मिलेंगे।
तुला राशि के लिए शनि योगा कारक भी होते हैं। यह एक राशि है जिसके लिए शनि महादशा नाथ भी हैं। तुला राशि के जातक जिनकी उम्र 25 से 50 साल से बीच तक है वो शनि की महादशा से गुजर रहे हैं। तुला राशि के जातक आपके लिए शनि चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। इस समय शनि का गोचर आपके लिए पंचम भाव में हो रहा है। पंचम भाव में शनि गुरु के नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। महादशा का वक्री हो जाना आपके लिए बहुत शुभ है। शनि सप्तम भाव में दिग्बली हो जाते हैं। निश्चित तौर पर आपको इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव में वृद्धि कर देते हैं। यहां से धन का भी फायदा देखा जाता है। इसी भाव से रिलेशनशिप देखा जाता है। यही भाव आपके हायर एजुकेशन का भाव है। यहां पर शनि मजबूत होकर वक्री अवस्था में आएँगे। तुला राशि के जातक जो संतान की वेट कर रहे हैं उनके लिए शनि संतान देकर जाने का काम करेंगे।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए फैसले लेने पड़ सकते हैं। शनि सप्तम भाव को देखेंगे। यदि आप सिंगल हैं तो हो सकता है मैरिज भी हो जाए। जो लोग सिंगल हैं उनकी शादी हो सकती है। जो लोग पहले से रिलेशनशिप में हैं उनका पार्टनर के साथ पहले से ज्यादा तालमेल बढ़ सकता है। शनि ग्यारहवें भाव को देख रहे हैं और ये शनि का अपना भाव होता है। ये वृद्धि का भाव है। यदि ऑफिस में प्रमोशन पेंडिंग है तो वो समय अब आने वाला है। ये प्रतिष्ठा में भी वृद्धि करता है। पंचम भाव में जब शनि बैठते हैं तो दूसरे भाव को देखते हैं। धन भाव में ऊपर शनि की दृष्टि धन में वृद्धि करवाने का भी काम करती है। शनि का वक्री होना तुला राशि के लिए बहुत शुभ है। शनि कुंडली में छठे और सातवें भाव में शनि वीक है तो कभी भी स्टोन का इस्तेमाल न करें। यदि शनि केंद्र में हैं तो ही स्टोन
शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए इस मंत्र का जाप करें -
ॐ शं शनैश्चराय नमः
यदि ऑफिस में आपके अंडर कोई काम करता है तो आपको उनके साथ बढ़िया बना के रखना चाहिए।
शनिवार शाम के समय काली उड़द की दाल या लोहा डोनेट करना चाहिए। यह दान शाम के समय होगा।
शनिवार शाम के समय नीलम धारण करें। कोई भी काम करने से पहले संकल्प जरूर लें।
नरेश कुमार
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