Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Jun, 2024 12:18 PM
आज बात करेंगे शनिदेव की। ये वक्री होने जा रहे हैं 29 जून मध्य रात को। 139 दिनों तक तक शनि वक्री ही रहेंगे। 15 नवंबर तक शनि मार्गी रहेंगे। वक्री ग्रह का चेष्टा बल थोड़ा बढ़ जाता है। सूर्य से शनि जब 120 डिग्री दूर चले
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Shani Retrograde: आज बात करेंगे शनिदेव की। ये वक्री होने जा रहे हैं 29 जून मध्य रात को। 139 दिनों तक तक शनि वक्री ही रहेंगे। 15 नवंबर तक शनि मार्गी रहेंगे। वक्री ग्रह का चेष्टा बल थोड़ा बढ़ जाता है। सूर्य से शनि जब 120 डिग्री दूर चले जाते हैं तो वक्री अवस्था में आ जाते हैं। मानलीजिए आपकी कुंडली में सूर्य मेष राशि में पड़े हैं तो शनि उच्च के होंगे तो वक्री ही होंगे। जब प्लानेट वक्री होते हैं तो आपका चेष्टा बल बढ़ जाता है। शनि ऐसे फल हैं जो कर्म के फल देते हैं। शनि देव के पॉजिटिव फल भी देंगे। जिनकी कुंडली में शनि शुभ गोचर में हैं उन्हें बढ़िया परिणाम मिलेंगे।इस आर्टिकल में बात करेंगे मकर राशि वालों के लिए ये शनि वक्री कैसा रहेगा।
मकर राशि के लिए शनि राशि के स्वामी हैं। राशि के स्वामी का वक्री होना शुभ नहीं है। शनि दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। शनि की साढ़ेसाती का आखिरी फेज चल रहा है। ये चौथे भाव को देख रहे हैं तीसरी दृष्टि के साथ। चौथा भाव सुख स्थान है। यदि आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बनाना चाहते हैं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मां की सेहत में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। अपने दस्तवेजों को संभाल कर रखें। शनि की सीधी दृष्टि जा रही है आपके अष्टम स्थान के ऊपर। गाड़ी थोड़ी धीमी चलाएं, अचानक कोई दुर्घटना हो सकती है। अपने पासवर्ड को संभल कर रखें। मकर राशि वालों के लिए शनि की दसवीं दृष्टि ग्यारहवें भाव के ऊपर है। शनि की दृष्टि जब फल वाले भाव के ऊपर है तो ऐसा हो सकता है तो तरक्की में देरी का सामना करना पड़ेगा। आय में भी दिक्कत आने की सम्भावना है। शनि आपकी आय और प्रमोशन को रोक सकते हैं।
नरेश कुमार
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