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Shani Transit 2025: 30 साल बाद मीन में शनि, वृष राशि वालों के वारे-न्यारे

Edited By Prachi Sharma,Updated: 26 Feb, 2025 09:22 AM

जिनका जन्म मृषा नक्षत्र के आखिरी चरण का है तो अपने करियर के पीक में जो जाने वाला पीरियड होता है  50 30 से 50 वाला उसमें है। वहां पर उनको भाग्य साथ देता हुआ नजर आएगा।

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Shani Transit 2025: जिनका जन्म मृषा नक्षत्र के आखिरी चरण का है तो अपने करियर के पीक में जो जाने वाला पीरियड होता है  50 30 से 50 वाला उसमें है। वहां पर उनको भाग्य साथ देता हुआ नजर आएगा। कहीं पर भी आप काम करेंगे वहां पर आपको ब्लेसिंग्स जरूर मिलेंगी। आपको निश्चित तौर पर वो बहुत सारी चीजें सपोर्ट मिलती हुई नजर आएंगी। फादर से सपोर्ट मिलता हुआ मिलता हुआ नजर आएगा। गवर्नमेंट से संबंधित चीजें हैं वहां से भी आपको सपोर्ट मिलता हुआ नजर आएगा। शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे, यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे। अगला गोचर मीन राशि में रहेगा। लगभग साल का समय होता है शनि के गोचर का। इस राशि में गोचर के दौरान यदि हम सामान्य फलों की बात करें दुनिया के ऊपर प्रभाव की बात करें तो यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है। पिछले 120 साल का यदि हम इतिहास देखते हैं तो पता लगता है कि जब जब शनि मीन राशि में होते हैं तो ऐसे बीज पड़ जाते हैं पूरी दुनिया में जिसका असर शनि के मेष राशि और वृषभ राशि में होने के बाद होता है। शनि ऐसे साइन में है जिनके स्वामी गुरु हैं। गुरु चूंकि ब्लेसिंग्स के कारक हैं, गुरु फाइनेंस के कारक हैं, गुरु आपके भाग्य के कारक ग्रह होते हैं।

 गुरु आपके पंचम स्थान के कारक होते हैं तो निश्चित तौर पर गुरु से संबंधित फल जरूर कर जाएंगे, काफी सारी चीजें करेक्ट करके जाएंगे। शनि यहां पर अपने इस गोचर के दौरान जो आपकी लाइफ डिस्टर्ब थी उन चीजों को काफी ठीक करके भी जाएंगे। शनि का ये गोचर तीन राशियों के लिए बहुत शुभ होने जा रहा है। तीन राशियों के लिए इसलिए शुभ क्योंकि शनि जैसा पाप ग्रह तीसरे, छठे और 11वें भाव में बहुत अच्छा फल करता है। तो निश्चित तौर पर तीन ऐसी राशिया तो होंगी जिनके लिए तीसरे, छठे, ग्यारहवें में आएंगे तो उन तीनों राशियों के लिए। 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि योगा कारक ग्रह हो जाते हैं।  वृषभ राशि के लिए शनि की मकर राशि भाग्य स्थान में आ जाती है और दूसरी जो कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि है वो दशम स्थान में आ जाती है। दशम केंद्र का भाव होता है और नाइंथ हाउस जो भाग्य स्थान होता है वो त्रिकोण का भाव होता है। त्रिकोण दोनों भावों के स्वामी हो गए हैं। ये योगा कारक हो जाते हैं शनि वृषभ राशि के लिए निश्चित तौर पर अच्छा फल करते हैं। अब अच्छा फल गोचर में तो शुभ आ जाएंगे क्योंकि यदि हम दो राशि की कुंडली बनाएंगे तो शनि आपके लिए 11वें भाव में आ जाएंगे। 

यहां पर हम शनि आपको दिखा रहे हैं 11वें भाव में ये गोचर शुभ है लेकिन क्या आपके ऊपर शनि की महादशा भी चल रही है ? यदि ये महादशा चल रही है तो निश्चित तौर पर शनि भाग्य स्थान के भी फल करेंगे और कर्म स्थान के भी फल करेंगे दोनों ही फल करेंगे। अष्टम के भी फल करेंगे आपकी राशि को देख रहे हैं, उसके भी फल करेंगे। यदि आपकी राशि वृषभ है तो आपका जन्म या तो कृतिका नक्षत्र में हुआ है। कृतिका नक्षत्र के तीन चरण आखिरी वाले दूसरा तीसरा चौथा यह आपके वृषभ राशि में आते हैं। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र आता है, यह चंद्रमा का नक्षत्र है। यह इसके चारों चरण जो है वो आपकी वृषभ राशि में आएंगे। फिर उसके बाद मृषा नक्षत्र आएगा यह मंगल का नक्षत्र है। यहां पर दो चरण होते हैं वृषभ राशि के पास फिर अगले चरण मिथुन राशि के पास चले जाते हैं। यहां पर जिनका जन्म मान लीजिए कृतिका नक्षत्र में हुआ है तो कृतिका नक्षत्र वालों को म सूर्य की जो दशा मिलेगी वो 4 साल के आसपास मिलेगी।  यदि आपकी उम्र 50 से ऊपर है तो शनि की महादशा भी आपके ऊपर से आपके ऊपर चल रही होगी। आपका जन्म रोहिणी में हुआ है तो चंद्रमा की दशा में आप आ जाएंगे। जिनकी उम्र 35 साल है और जन्म रिक्षा नक्षत्र में हुआ है। जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर है

तो महादशा नाथ शुभ गोचर में आ गए हैं। अब शुभ गोचर में आ गए तो सबसे पहले  दो भावों के फल करना चाहेंगे जिनके वो स्वामी हैं, भाग्य स्थान के स्वामी हैं और कर्म स्थान के स्वामी हैं। तो जिनका तो जन्म मृषा नक्षत्र का हुआ है आखिरी चरण का है वो तो अपने करियर के पीक में जाने वाला पीरियड होता है 50, 30 से 50 वाला उसमें है तो वहां पर उनको भाग्य साथ देता हुआ नजर आएगा। कहीं पर भी आप काम करेंगे वहां पर आपको ब्लेसिंग्स जरूर मिलेगी। यदि हम काल पुरुष की कुंडली भी निकालते हैं तो यहां पर शनि की मूल त्रिकोण राशि 11 भाव में आ जाती है। पुरुष की कुंडली मेष लग्न की होती है तो यहां पर शनि निश्चित तौर पर आपके लिए अच्छा फल करेंगे। आपको प्रमोशन दिला सकते हैं यदि आप नौकरी में है तो निश्चित तौर पर इस अवधि के दौरान आपको प्रमोशन मिलेगा। 11वें भाव में शनि है और 11वां भाव प्रमोशन का होता है शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव को मजबूत कर जाते हैं तो यहां पर शनि 11वें भाव के फल कर जाएंगे आपके लिए एलिवेशन के रास्ते खोलेंगे। 

शनि आपके लिए मित्र ग्रह है आपके लिए भाग्य स्थान के स्वामी है तो यहां पर बहुत सारी चीजें वो शुभ करके जाएंगे। बहुत अच्छी करके जाएंगे यहां पर दसवें भाव के फल कर जाएंगे। पिता से कोई न कोई फायदा मिल सकता है। फादर की तरफ से कोई बहुत बड़ा गिफ्ट मिल सकता है।  आपका ध्यान अध्यात्म की तरफ बढ़ेगा क्योंकि शनि ऐसे भाव के स्वामी हैं जिसका अध्यात्म से सीधा नाता है। शनि जब अध्यात्म देते हैं तो थोड़ा वैराग्य वाला अध्यात्म दे जाते हैं। यहां पर थोड़ा सा जरूर ध्यान रखना पड़ेगा कि बहुत ज्यादा डीप इवॉल्व मत होएगा। वैराग्य वाला अध्यात्म जो आता है वो शनि से आता है गुरु और केतु भी अध्यात्म देते हैं लेकिन शनि थोड़ा सा अलग लेवल का अध्यात्म दे जाते हैं। जितने 50 साल के आसपास के लोग हैं वृषभ राशि के उनके लिए या 50 साल के ऊपर से हैं उनका ध्यान थोड़ा सा धर्म क्रम में ज्यादा लगेगा। धर्म की यात्राएं ज्यादा करेंगे कर्म की यात्राएं ज्यादा करेंगे और जितने भी सीनियर हैं उनको संतान पक्ष से अच्छी खबरें सुनने को मिलेंगी क्योंकि पंचम पर भी शनि की दृष्टि है। अष्टम पर शनि की दृष्टि है जितने भी प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद है, पुराने प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद वहां पर चीजें सही होती हुई नजर आएंगी।  बहुत सारे लंबे समय से जो विवाद चल रहे थे वो चीजें ठीक होती हुई नजर आएंगी। 

12 राशि में यह जो गोचर है 23 फरवरी 2028 तक है। इस इस अवधि के दौरान बहुत सारी चीजें शनि आपके लिए बिल्कुल करेक्ट करके जाएंगे। यदि आपके ऊपर शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही है क्योंकि सबके ऊपर नहीं चल रही 35 साल के नीचे वालों के ऊपर तो नहीं चल रही है। 35 साल के ऊपर वालों के ऊपर चल रही होगी।  निश्चित तौर पर यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है।  महादशा भी शुरू हो गई लेकिन शनि कुंडली में पीड़ित है। शनि एक ऐसे ग्रह हो गए कुंडली में जो आपको बहुत अच्छा फल नहीं कर कर पा रहे क्योंकि योगा कारक होने के बावजूद फल अच्छे प्रॉपर नहीं मिलते। कई बार तो ऐसा तब होता है यदि आपकी कुंडली में शनि की पोजीशन आठवें, छठे, में 12वें भाव में है। शनि राहु-केतु से पीड़ित है, शनि सूर्य-मंगल से पीड़ित है या शनि की पोजीशन इस तरह की हो गई है कि शनि अस्त हो गए हैं तो वहां पर आपको शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए। 

शनिवार शाम के समय शनि देव की शिला को तेल अर्पित करें। 
काली दाल का दान करें। 
ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें। 

नरेश कुमार
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