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Shani Transit 2025: 30 साल बाद मीन राशि में शनि, सिंह राशि को रहना होगा सावधान

Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Mar, 2025 08:48 AM

शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर जो है वो मीन राशि में रहेगा।

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Shani Transit in pisces 2025: शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर जो है वो मीन राशि में रहेगा। देश-दुनियां के हिसाब से यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है, यदि हम 30 साल पीछे जाते हैं। अगली राशि जिसको शनि के इस गोचर का काफ लाभ होने जा रहा है वह है तुला राशि। यह गोचर तुला राशि के जातकों के लिए छठे भाव में होगा और छठे भाव में शनि का गोचर शुभ होता है। अब तुला राशि के लिए शनि योगा कारक ग्रह हो जाते हैं क्योंकि शनि की मकर राशि चौथे भाव में आ जाती है। शनि की कुंभ राशि जो मूल त्रिकोण राशि है, वह पंचम भाव में आ जाती है। इस लिहाज से शनि वह तुला राशि के जातकों के लिए योगा कारक हो जाते हैं। एक केंद्र और एक त्रिकोण भाव के स्वामी होकर अब गोचर तो निश्चित तौर पर अच्छा रहेगा। गुरु आपके भाग्य के कारक ग्रह होते हैं, गुरु आपके पंचम स्थान के कारक होते हैं। तो निश्चित तौर पर गुरु से संबंधित फल जरूर कर जाएंगे। काफी सारी चीजें करेक्ट करके जाएंगे। शनि आपके लाइफ में काफी चीजों को ठीक करके भी जाएंगे। 

सिंह राशि: सिंह राशि एक ऐसी राशि है जिसके सभी जातकों को शनि की महादशा फेस नहीं करनी पड़ती है। सिंह राशि के सभी जातकों को यह फेस नहीं करना पड़ता। उसका कारण यह है कि इसके जो जातक होते हैं, सिंह राशि के उनका जन्म या तो होता है मगा नक्षत्र में यह केतु का नक्षत्र है या पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होता है। यह शुक्र का नक्षत्र है या उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में होता है। जो जातक तो उत्तर फागण के पहले चरण में पैदा हुए हैं यानी कि बिल्कुल लास्ट वाले फेस में सिंह राशि के उनको तो 50 साल के बाद कहीं न कहीं जाकर शनि की दशा मिल जाती है। जिनका जन्म केतु के नक्षत्र में होता है, मगा में होता है। उनको तो 80 साल के बाद जाकर मिलता है। शनि तो वहां पर तो महादशा आएगी नहीं तो यह गोचर बहुत खराब फल कर जाएगा। इस गोचर से मत घबराइए कुछ नहीं होने वाला है। शनि लेकिन यदि यहां पर पांच से कम है तो आपको नुकसान हो सकता है। यह थोड़ा सा ट्रिकी है थोड़ा सा, कैलकुलेशन वाला मामला है क्योंकि गोचर इसी समुदायक अष्टक वर्ग से चेक किया जाता है। किसी का भी यदि गोचर खराब है तो फिर तो थोड़ा सा चिंता वाली बात हो सकती है। लेकिन यदि गोचर आपका ठीक है वहां पर शनि की पॉइंट शनि की मार्किंग ठीक है। निश्चित रहिए कोई बहुत ज्यादा बड़ी गड़बड़ नहीं होगी लेकिन चूंकि शनि अष्टम में है उसकी हानि हो जाती है, उसके फलों की हानि हो जाती है। तो यहां पर

शनि का अष्टम में आना तो खराब है। कुछ न कुछ चीजों के लिए तो खराब हो ही जाएगा क्योंकि प्लेनेट दो तरीके से फल करता है। एक उसके नेचुरल तत्व होते हैं, जिसको हम निसर्ग तत्व बोल देते हैं ज्योतिष की भाषा में जैसे शनि क्रूर ग्रह है वो उसका नैसर्गिक तत्व है। शनि बीमारी देते हैं या उसका नैसर्गिक तत्व है। ये नैसर्गिक तत्व है सारे उसके कंट्रोल करते हैं हमारे नर्वस सिस्टम को कंट्रोल करते हैं। ये बॉडी में उसका नैसर्गिक तत्व है जिन चीजों के वो कारक होते हैं वो उसके नैसर्गिक तत्व है। लेकिन कुंडली में दो भावों के वो स्वामी भी होते हैं। जहां पर दृष्टि होती है वहां के भी फल करते हैं। तो प्लेनेट नैसर्गिक तत्त्वों के भी फल करते हैं। प्लेनेट जहां पर बैठा है उसका भी फल करता है। जिसको देखता है उसका भी फल करता है तो पहली बात तो सिंह राशि के जातकों के लिए शनि अच्छे ग्रह नहीं है क्योंकि शनि की जो मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि है आपके सप्तम भाव में आ जाती है। ये मार्क स्थान होता है, शनि आपके लिए मार्क हो जाते हैं। एक शनि छठे भाव के स्वामी हो जाते तो छठा भाव रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है तो अपनी दशाओं में तो अच्छा फल नहीं करेंगे। जिनकी उम्र 50 से ऊपर है या जिनका जन्म सूर्य के नक्षत्र में हुआ है उनको तो लास्ट फेस में जाकर तंग कर सकते हैं क्योंकि दोनों भावों के फल कर जाएंगे। बीमारी के फल ऋण के फल शत्रु के फल, कोट-केसेस के फल और मार्ग स्थान के फल वो कर जाएंगे। यहां पर जिनका जन्म मघ नक्षत्र में हुआ है उनको तो शनि ये दो दोनों भाव के फल नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनकी दशा ही नहीं आएगी। तो यहां पर शनि अष्टम में है, अष्टम के फल कर जाएंगे। सबसे पहला काम तो सिंह राशि वाले यह करें कि अपने पासवर्ड सारे चेंज कर लीजिए। फाइनेंशियल पासवर्ड आपके जितने भी हैं सब चेंज करिए। जब तक शनि यहां पर है इसको कंसिस्टेंटली चेंज करिए। शनि बैठे हैं यह सीक्रेसी का भाव है, यह अष्टम भाव है। यह अचानक धन हानि का भाव है यहां से सीक्रेसी लीक आपकी हो सकती है और ऐसी सीक्रेसी लीक होगी कि आपको उसका नुकसान धन के रूप में होगा। यहां से सडन लॉस देखा जाता है। ड्राइविंग थोड़ी सोच-समझ कर करें। चोट-चपट आपको लग सकती है और इस अवधि में आपका डाइजेशन सिस्टम डिस्टर्ब हो सकता है। कुछ लोगों को स्टोन की समस्या आ जाएगी। कुछ लोगों को यूरिन से संबंधित समस्या आएगी क्योंकि शनि का प्लेसमेंट उस भाव में है जो जेनेटिकल पार्ट होता है। छठे के स्वामी का अष्टम में जाना सप्तम के स्वामी का अष्टम में जाना गोचर में जाना अच्छा नहीं है। इन चीजों का जरूर ध्यान रखिएगा। खान-पान का खास ध्यान रखें। शनि की दृष्टि उस भाव के ऊपर है जो आपके खाने-पीने का भाव होता है। यहां पर हमारी ईटिंग हैबिट डिस्टर्ब हो सकती है। खान-पान का खास ध्यान रखें। शनि यहां पर आएंगे तो आपके काम को थोड़ा सा स्लो कर सकते हैं। कर्म से संबंधित फलों को शनि स्लो कर देंगे। यहां पर आपके लिए शनि चूंकि धन वाले भाव में देख रहे हैं। अष्टम भाव में बैठे हैं सडन लोस के तो धन की भी हानि कर जाए। धन भाव के ऊपर दृष्टि है सडन लॉस वाले भाव में खुद बैठे हैं तो वहां पर धन की हानि कर सकते हैं। जिनका प्रेगनेंसी का प्लान है वो खास तौर पर ध्यान रखिएगा। 

यदि आपके घर में संतान है यदि 12, 13 साल के ऊपर है। उसका खास तौर पर इस ढाई साल के दौरान जरूर ध्यान रखिएगा। उसकी कंपनी भी थोड़ी सी डिस्टर्ब हो सकती है क्योंकि ये टीनेज होती है संतान वाले भाव के ऊपर शनि की दृष्टि है। वहां से कुछ ऐसी खबरें आ सकती हैं, जो आपको थोड़ा सा डिस्कंफर्ट लगे। स्कूल से कोई न कोई ऐसी शिकायत आ सकती है। शनि आपके लिए उस भाव में बैठे हैं जो आपके संतान वाले भाव को दृष्टि दे रहे हैं। कोई भी फैसला इस अवधि में लेना है तो एक ऐसा व्यक्ति जरूर देखिए जिसकी राय आपको बहुत अच्छी लगती है। क्योंकि पंचम भाव शनि की दृष्टि में है बुद्धि-विवेक का भाव है। कई बार ऐसा होता है कि हम डिसीजन ले रहे हैं लेकिन हम पूरी बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल उसमें नहीं कर पाते या चीजें हमारे दिमाग से निकल जाती हैं। 
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि के गोचर के फल रहेंगे। यह 23 फरवरी 2028 तक रहेगा यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है। शनि आपकी कुंडली में छठे, आठवें भाव में पड़े हुए हैं। सूर्य के साथ है, अस्त है मंगल के साथ है, राहु-केतु एक्सेस में है। शनि बहुत अच्छी पोजीशन में नहीं है तो आपको शनि की रेमेडी जरूर करनी चाहिए। 

 शनिवार शाम के समय शनि देव की शिला को तेल अर्पित करें। 
काली दाल का दान करें। 
ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें। 

नरेश कुमार
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