Edited By Prachi Sharma,Updated: 15 Mar, 2025 07:33 AM
शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर जो है वो मीन राशि में रहेगा
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Shani Transit 2025: शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर जो है वो मीन राशि में रहेगा। देश-दुनियां के हिसाब से यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है, यदि हम 30 साल पीछे जाते हैं।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के ऊपर शनि की ढैया चल रही थी यह खत्म हो जाएगी और वृश्चिक राशि के जातकों को बहुत राहत मिलेगी। वृश्चिक राशि मंगल की राशि है, ये शनि के शत्रु की राशि है। शनि की महादशा या अंतर्दशा इसको मिलती है, तो जितने भी जातक होते हैं वृश्चिक राशि के उनका जो जन्म होता है वह शनि की जो नक्षत्र है। शनि का नक्षत्र उसके चारों चरण इस राशि में आ जाते हैं। जेष्ठा नक्षत्र होता है, यह बुध का नक्षत्र होता है। उसके चारों चरण इस राशि में आ जाते हैं तो जिनको जिनका जन्म अनुराधा नक्षत्र में हुआ है उनको तो शनि बचपन में निकल गए हैं। जिनका जन्म विशाखा में हुआ है, आखिरी चरण में हुआ उनको भी शनि बचपन में निकल गए लेकिन जिनका जन्म जेष्ठा नक्षत्र में हुआ उनको शनि कभी नहीं मिलेंगे। शनि 19 साल के होते हैं इसका मतलब यह है कि यदि कि का जन्म जेष्ठा में हुआ तो उसको जाकर शनि मिलेंगे 90 साल के बाद। आजकल महादशा तो बहुत कम लोगों को मिलती है, उन्हीं लोगों को मिलती है जिनका जन्म अनुराधा नक्षत्र में हुआ और गोचर में शनि जरूर आते हैं।
शनि जब ढैया में आते हैं तो कई बार परेशान कर जाते हैं। शनि यहां पर जो वृश्चिक राशि की कुंडली है उसके लिए तीसरे भाव के स्वामी हो जाते हैं। चौथे भाव के स्वामी हो जाते हैं, चौथा भाव केंद्र का भाव है। तीसरा भाव अशुभ भाव कहा गया है। तीसरा, छठा, 11वां, आठवां भाव अच्छा नहीं होता। 12वां भी अच्छा नहीं होता और दूसरा भाव भी अच्छा नहीं होता।
दूसरा मार्क स्थान होता है। 12वां मोक्ष का स्थान होता है।11वां भाव अच्छा होना ही चाहिए तो यहां पर जब गोचर हो रहा था आपको आपके लिए वृश्चिक राशि में कुंभ राशि में तो आपके लिए चौथे भाव में गोचर हो रहा था। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए छठे भाव को शनि देख रहे थे। यदि आपके ऊपर कर्ज चढ़ गया था ये सारी स्थितियां सही होती हुई नजर आएंगी। शनि छठे भाव को देख रहे थे, कर्म भाव को लेकर शनि की दृष्टि थी तो निश्चित तौर पर कारोबार में डिस्टरबेंस आ सकती है। शनि देख रहे थे तो चूंकि चंद्रमा के ऊपर शनि की दसवीं दृष्टि का प्रभाव है। शनि नैसर्गिक तौर पर अशुभ ग्रह है तो जब वो उस भाव को देख रहे थे आपके चंद्रमा को देख रहे थे तो आपका मन थोड़ा परेशान रह सकता है। शनि आगे आएंगे वो सारी चीजें अब थोड़ी सी इज आउट होती हुई नजर आएंगी। वहां पर आपको राहत मिलती हुई नजर आएगी।
लेकिन शनि पांचवें भाव में अच्छे फल करेंगे। पंचम भाव में कोई भी ग्रह आता है तो निश्चित तौर पर उसके फल अच्छे होते हैं लेकिन शनि तीसरे, छठे, 11वें भाव में ही अच्छे फल करते हैं। यदि आपकी कुंडली में इस चार्ट में शनि की मार्किंग 12 नंबर से नीचे जाकर चार से ऊपर है तो यह पंचम का फल आपको बहुत अच्छा मिलेगा। पंचम में भी शनि आपको खराब कर जाए हो सकता है कि पंचम में भी शनि आपको खराब इतने खराब फल कर जाए, जितने आपको ढैया में भी नहीं हुए। पंचम में बैठा कोई भी ग्रह पावरफुल हो जाता है। पंचमकुंडली का दूसरा सबसे शुभ भाव होता है, यहां पर शनि निश्चित तौर पर आपको शुभ फल ज्यादा करेंगे। और अशुभ फल कम करेंगे अशुभ फल तो उन्होने जो करने थे वो कर दिए लेकिन शुभ फल थोड़े से ज्यादा कर सकते हैं। यदि वह समुदायक अष्टक वर्ग में पांच से ऊपर बैठे हैं तो आपके लिए फल निश्चित तौर पर अच्छे होंगे। संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर आ सकती है, आपका रिश्ता हो सकता है। हो सकता
है कि आप जो कोई भी फैसला ले इस समय आप बुद्धि-विवेक के साथ लें।
आपकी डिसीजन मेकिंग थोड़ी सी अच्छी हो जाएगी। बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल आप बड़ा अच्छे तरीके से करेंगे। संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर आएगी एलिवेशन शनि यहां पर करवा के जा सकते हैं। यदि वो पॉइंट्स पांच से ज्यादा है तो शनि की दृष्टि 11 भाव के ऊपर आ रही है। 11वां भाव तरक्की का भाव होता है। यह शनि का अपना भाव हो जाता है अपने भाव को शनि देख रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपको शनि बहुत अच्छा फल कर जाएंगे। यहां पर 11वें भाव से आय आती है, 11 भाव से डिजायर आती है। 11वें भाव से तरक्की आती है। सामाजिक प्रतिष्ठा 11वें भाव से आती है तो वो सारी चीजें अब रिकवर होंगी। शनि समय के कारक है तो निश्चित तौर पर वो चीजें सी थोड़ी सी अब करेक्ट होती हुई नजर आएंगी। 23 फरवरी से 28 तक ये शनि का गोचर है तो निश्चित तौर पर आपको शनि इस दौरान अच्छे फल करके जाएंगे। शनि की दृष्टि धन भाव के ऊपर रहेगी जो धन का लोस हुआ या जो पैसा फसा पहले ढैया के दौरान वो चीजें अब धीरे-धीरे रिकवर होती हुई नजर आएंगी। यहां पर सप्तम भाव को शनि देखेंगे। पार्टनर के साथ कोई विवाद था तो वहां पर विवाद थोड़ा सा सेटल होता हुआ नजर आएगा।
वृश्चिक राशि के जातकों को शनि के इस गोचर का लाभ होगा। यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है। मान लीजिए शनि आपकी कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में पड़े हुए हैं। सूर्य के साथ है, अस्त है मंगल के साथ है, राहु-केतु एक्सेस में है शनि बहुत अच्छी पोजीशन में नहीं है तो आपको शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।
शनिवार शाम के समय शनि देव की शिला को तेल अर्पित करें।
काली दाल का दान करें।
ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
नरेश कुमार
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