Edited By Prachi Sharma,Updated: 15 Mar, 2025 08:20 AM
शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे।अगला गोचर मीन राशि में रहेगा।
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Shani Transit 2025: शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे।अगला गोचर मीन राशि में रहेगा। इस राशि में गोचर के दौरान यदि हम सामान्य फलों की बात करें दुनिया के ऊपर प्रभाव की बात करें तो यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है। यदि हम 30 साल पीछे जाते हैं। शनि मीन राशि में होते हैं तो ऐसे बीज पड़ जाते हैं पूरी दुनिया में जिसका असर शनि के मेष राशि और वृषभ राशि में होने के बाद होता है। मीन राशि जल तत्व की राशि है। शनि ऐसे साइन में है जिनके स्वामी गुरु हैं। गुरु चूंकि ब्लेसिंग्स, फाइनेंस के कारक हैं। गुरु आपके भाग्य के कारक ग्रह होते हैं। गुरु आपके पंचम स्थान के कारक होते हैं तो निश्चित तौर पर गुरु से संबंधित फल जरूर कर जाएंगे। शनि यहां पर अपने इस गोचर के दौरान जो आपकी लाइफ जो डिस्टर्ब चल रही है उन चीजों को काफी ठीक करके भी जाएंगे।
अगली राशि जिसको शनि के इस गोचर का बहुत अच्छा फायदा होगा बहुत लाभ होगा वह है शनि की अपनी मकर राशि। मकर राशि शनि की अपनी राशि है। इसी राशि के ऊपर शनि की साढ़े साती चल रही थी, साढ़े साती खत्म हो जाएगी। सबसे पहली बात तो यह है शनि तीसरे भाव में शुभ गोचर में आ जाएंगे। राशि
के स्वामी का शुभ गोचर में आ जाना निश्चित तौर पर एक अलग एडवांटेज है। यदि यह दशा चल रही है और रूलिंग प्लेनेट आपका शुभ गोचर में आ जाए तो आपके लिए निश्चित तौर पर उसके फल ज्यादा अच्छे हो जाते हैं। यदि आपकी मकर राशि है तो आपका जन्म सूर्य के उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है। आपकी राशि में सूर्य के तीन चरण आते हैं। अगला जो नक्षत्र होता है वह होता है श्रवण ये आपका चंद्रमा का नक्षत्र है। इसके चारों चरण मकर राशि में आते हैं, इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र आता है। ये मंगल का नक्षत्र है इसके दो चरण वो आपके मकर राशि में आते हैं तो मोटे तौर पर जिनका जन्म सूर्य के उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है तो उनको जन्म के समय ही सूर्य की लगभग 4 साल की महादशा मिलेगी। उसके बाद चंद्रमा की मिलेगी 14 साल हो लिए, फिर मंगल की मिलेगी 21 साल के लिए। यदि आपकी उम्र 50, 55 के आसपास है तो शनि के प्रभाव में आप आ चुके हैं। शनि की महादशा आपके ऊपर चल रही है और महादशा नाथ आपका शुभ गोचर में है।
पहले चरणों में यानी कि श्रवण नक्षत्र के पहले चरणों में जिनका जन्म हुआ है उनकी यदि 50 से ऊपर है तो वे शनि के प्रभाव में है। यदि दूसरे चरण के बाद वाले जातक है उनकी यद 45 साल के ऊपर है तो वो प्रभाव में है। यदि आपका जन्म चंद्रमा में भी नहीं हुआ या चंद्रमा के लास्ट में हुआ है आप 40 के ऊपर हैं तो भी आप शनि के प्रभाव में है। शनि की राशि के स्वामी शनि है, स्वामी का शुभ गोचर में जाना निश्चित तौर पर अच्छा हो गया है। धन से सम्बंधित आपकी शुभ फल मिलेंगे। मूल त्रिकोण राशि कुंभ दूसरे भाव में पड़ी हुई है तो यहां पर यह धन भाव होता है। यदि कोई लीगल परेशानी चल रही थी वो भी ठीक होती हुई नजर आएगी। शनि समय के कारक है, शनि समय के साथ चीजों को करेक्ट करते हैं। तो यहां पर शनि तीसरे भाव में बैठकर आपका कॉन्फिडेंस बढ़ाएंगे। कुछ लोगों का कॉन्फिडेंस लो हो जाता है, साढ़े साती के दौरान बहुत सारी चीजें गलत हो जाती है। यहां पर शनि तीसरे भाव में आकर सबसे पहले तो आपका कॉन्फिडेंस मजबूत करेंगे। यहां पर आप देखेंगे कि चीजें करेक्ट होती हुई नजर आएंगी। यहां पर आपको सबसे पहले तो फायदा यह होगा कि तीसरे भाव के फल अच्छे मिलेंगे। भाई के साथ तालमेल बेहतर होता हुआ नजर आएगा। धन के फल आपको अच्छे मिल जाएंगे। आध्यात्म की तरफ आपका ध्यान लग सकता है यदि आपका जन्म सूर्य के नक्षत्र में है क्योंकि शनि भाग्य स्थान को देख रहे हैं। अध्यात्म की तरफ आपका रुझान थोड़ा सा बढ़ता हुआ नजर आएगा। इस अवधि के दौरान आप काफी यात्राएं करेंगे।
चूंकि शनि गुरु की राशि में है तो उसका अपना अलग प्रभाव रहता है। आध्यात्म की तरफ ध्यान थोड़ा सा बढ़ेगा। पांचवें भाव पर शनि की दृष्टि है तो संतान पक्ष से अच्छी खबर आएगी। जिनके संतान नहीं है उनके यहां पर संतान आ सकती है। बुद्धि-विवेक का जो भाव है वहां पर भी शनि का प्रभाव रहेगा। शनि चूंकि शुभ गोचर में है तो निश्चित तौर पर फिफ्थ हाउस के अच्छे फल आपको देखने को मिलेंगे। फिफ्थ हाउस से बुद्धि-विवेक देखा जाता है यहां पर चीजें बहुत अच्छी होती हुई नजर आएंगी तीसरा भाव चूंकि अ तीसरे भाव में चूंकि शनि है और दसवीं दृष्टि आपके 12वें भाव के ऊपर जा रही है तो 12वां भाव विदेश का का भाव होता है। जिनका काम विदेश से जुड़ा हुआ है वहां पर सारी चीजें सटीक होती हुई नजर आएंगी। बहुत सारी चीजें जो डिस्टर्ब चल रही थी वहां पर चीजें ठीक होती हुई नजर आएंगी। विदेश से फायदा हो सकता है। अध्यात्म में आपका ध्यान लगता हुआ नजर आएगा। यह चीजें मकर राशि के जातकों के लिए इस गोचर के दौरान बहुत अच्छी होने वाली है।
यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है। मान लीजिए शनि आपकी कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में पड़े हुए हैं। सूर्य के साथ है, अस्त है मंगल के साथ है, राहु-केतु एक्सेस में है शनि बहुत अच्छी पोजीशन में नहीं है तो आपको शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।
शनिवार शाम के समय शनि देव की शिला को तेल अर्पित करें।
काली दाल का दान करें।
ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
नरेश कुमार
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