Shani Transit 2025: 30 साल बाद मीन राशि में शनि, इन 3 राशियों को रहना होगा सावधान

Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Mar, 2025 09:33 AM

शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर मीन राशि में रहेगा।

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Shani Transit 2025: शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर मीन राशि में रहेगा। देश-दुनियां के हिसाब से यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है, यदि हम 30 साल पीछे जाते हैं। जितनी भी वर्ल्ड वार हुई हैं वो इसी के दौरान हुई हैं। मीन राशि जल तत्व की राशि है और दूसरा यह शुभ राशि है। शनि इस गोचर के दौरान बहुत कुछ शुभ कर के जाएंगे। 

मेष राशि: मेष राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़े साती शुरू हो रही है 29 मार्च से। यह साढ़े साती आपकी चलेगी 2032 तक। शनि आपके लिए अच्छा फल करेंगे, शनि खराब फल नहीं करेंगे चूंकि आपके लिए शनि अगले दो घरों के लिए भी इंपोर्टेंट है। आपके लिए दो फेस अगले भी इंपोर्टेंट है। मेष राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए शनि की महादशा लाइफ के आखिरी फेस में आती है। लाइफ के आखिरी फेस में इसलिए क्योंकि मेष राशि के जातक पैदा होतेहैं केतु के नक्षत्र में या फिर होते हैं शुक्र के नक्षत्र में या सूर्य के नक्षत्र के पहले चरण में अश्विनी नक्षत्र में जो लोग पैदा हुए उनको पूरी दशा केतु की साथ साल नहीं मिलती। मान लीजिये केतु के नक्षत्र में पैदा हुए और आपको दशा मिल गई 5 साल की तो, 5 साल केतु के रहे उसके बाद शुक्र आ गए। 20 साल शुक्र के आ गए आपके पास 25 साल हो गए 25 साल तक तो आपके ऊपर शनि नहीं आएंगे। उसके बाद सूर्य आ जाएंगे 6 साल के लिए। 31
साल सूर्य शनि नहीं आएंगे। उसके बाद आपके पास चंद्रमा आ गए 10 साल 41 हो गए। 
आपका जन्म सूर्य के नक्षत्र में हो गया तो वहां पर आपको दिशा मिलेगी सूर्य की ज्यादा से ज्यादा दो साल तीन। यदि आपका जन्म सूर्य के नक्षत्र में भी हुआ है यानी कि कृतिका के पहले चरण में भी हुआ है तो भी आपको जाकर यह दशा 50 साल के बाद मिलेगी। शनि की महादशा जब तक आप करियर की ऊंचाई छू रहे होते हैं, तब तक आपको शनि नहीं आते। शनि की साढ़े साती या ढैया जरूर आ जाती है। अंतर्दशा में कई बार शनि बीच में जरूर आ जाते हैं। शुक्र की दशा है या राहु की दशा है उसमें दो-दो तीन-तीन साल का फेस शनि का आ जाता है लेकिन शनि की महादशा आपको नहीं मिलती। इसके बावजूद शनि की दृष्टि का असर जरूर होता है। 

यहां पर शनि चूंकि 12वें भाव में आ जाएंगे। 12वें भाव का शनि का गोचर वैसे ही अच्छा नहीं होता तो 12वें भाव में जब शनि आते हैं क्योंकि शुभ गोचर में नहीं है आपके लिए दो भावों के स्वामी हैं। आपकी कुंडली के लिए कर्म भाव के स्वामी है और आपके लिए आय भाव के स्वामी है। इन दो भावों के स्वामी का 12वें भाव में चले जाना, ये दोनों के फलों की हानि कर जाएगा। यह दोनों को दोनों ही फलों को खराब कर जाएगा तो अपने दो भावों के फल को खराब कर जाएगा। तीसरी दृष्टि यहां पर है धन भाव के ऊपर, वहां पर हानि कर जाएंगे। तीसरी दृष्टि यहां पर जब 12वें भाव में शनि गोचर करेंगे तो धन भाव के ऊपर रहती है। यह कुटुंब का भी भाव है, ये आपकी वाणी का भी भाव होता है। ये आपकी ईटिंग हैबिट्स का भी भाव है, कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको शनि की साढ़ेसाती के दौरान कुछ खराब आदतें लग जाती है। आपकी हेल्थ खराब कर सकती हैं। छठे भाव के ऊपर शनि की दृष्टि है, यह रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है निश्चित तौर पर यदि आप कुछ गड़बड़ खाएंगे तो आपका असर छठे भाव का मिलेगा। शनि की दृष्टि सीधी है छठे भाव के ऊपर तो अपनी कंपनी से सावधान रहना है। तीसरी दृष्टि दूसरे भाव के ऊपर है इससे बचना है। दूसरा अपनी वाणी के ऊपर थोड़ा सा नियंत्रण रखिएगा। मेष राशि वैसे ही अग्रेसिव राशि होती है। ओवर रिएक्शन से बचें। जो धन भाव है यहां पर धन की हानि निश्चित तौर पर कर जाते हैं। शनि तो कोशिश करिएगा कि धन किसी को न दिया जाए। शनि की दृष्टि बढ़ रही है छठे भाव के ऊपर। छठा भाव रोग, ऋण, कर्जे वाला भाव छठा भाव है तो किसी की गरंटी न लें। यहां पर छठे भाव से संबंधित सिग्निफिकेंट सारे एक्टिव हो जाएंगे। कोर्ट केसेस एक्टिव है रोग, ऋण, शत्रु वाला भाव एक्टिव है यह सारी चीजें थोड़ा सा ध्यान में रखने वाली होंगी। इनका यदि हम ध्यान रखेंगे तो इसके  प्रभाव को थोड़ा सा कम किया जा सकता है।  शनि यहां से दसवीं दृष्टि दे रहे हैं आपके भाग्य स्थान को। भाग्य स्थान से संबंधित फल आपके थोड़े से धीमे हो जाएंगे। कहीं जा रहे हैं धार्मिक यात्रा का प्लान बन रहा है, अध्यात्म में जाना चाहते हैं वहां पर मन नहीं लगेगा। वहां पर डिस्टरबेंस ज्यादा हो जाएगी। धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं। रास्ते में कोई न कोई प्रॉब्लम आ जाएगी। कोई प्लान कर रहे हैं कुछ चीजों का कुछ गोल सेट कर रहे हैं, दो महीने की बजाय चार महीने लग जाएंगे। वहां पर चीजें क्योंकि शनि डिले करवाते हैं।

सिंह राशि: सिंह राशि एक ऐसी राशि है जिसके सभी जातकों को शनि की महादशा फेस नहीं करनी पड़ती है। सिंह राशि के सभी जातकों को यह फेस नहीं करना पड़ता। उसका कारण यह है कि इसके जो जातक होते हैं, सिंह राशि के उनका जन्म या तो होता है मगा नक्षत्र में यह केतु का नक्षत्र है या पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होता है। यह शुक्र का नक्षत्र है या उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में होता है। जो जातक तो उत्तर फागण के पहले चरण में पैदा हुए हैं यानी कि बिल्कुल लास्ट वाले फेस में सिंह राशि के उनको तो 50 साल के बाद कहीं न कहीं जाकर शनि की दशा मिल जाती है। जिनका जन्म केतु के नक्षत्र में होता है, मगा में होता है। उनको तो 80 साल के बाद जाकर मिलता है। शनि तो वहां पर तो महादशा आएगी नहीं तो यह गोचर बहुत खराब फल कर जाएगा। इस गोचर से मत घबराइए कुछ नहीं होने वाला है। शनि लेकिन यदि यहां पर पांच से कम है तो आपको नुकसान हो सकता है। यह थोड़ा सा ट्रिकी है थोड़ा सा, कैलकुलेशन वाला मामला है क्योंकि गोचर इसी समुदायक अष्टक वर्ग से चेक किया जाता है। किसी का भी यदि गोचर खराब है तो फिर तो थोड़ा सा चिंता वाली बात हो सकती है। लेकिन यदि गोचर आपका ठीक है वहां पर शनि की पॉइंट शनि की मार्किंग ठीक है। निश्चित रहिए कोई बहुत ज्यादा बड़ी गड़बड़ नहीं होगी लेकिन चूंकि शनि अष्टम में है उसकी हानि हो जाती है, उसके फलों की हानि हो जाती है। तो यहां पर

शनि का अष्टम में आना तो खराब है। कुछ न कुछ चीजों के लिए तो खराब हो ही जाएगा क्योंकि प्लेनेट दो तरीके से फल करता है। एक उसके नेचुरल तत्व होते हैं, जिसको हम निसर्ग तत्व बोल देते हैं ज्योतिष की भाषा में जैसे शनि क्रूर ग्रह है वो उसका नैसर्गिक तत्व है। शनि बीमारी देते हैं या उसका नैसर्गिक तत्व है। ये नैसर्गिक तत्व है सारे उसके कंट्रोल करते हैं हमारे नर्वस सिस्टम को कंट्रोल करते हैं। ये बॉडी में उसका नैसर्गिक तत्व है जिन चीजों के वो कारक होते हैं वो उसके नैसर्गिक तत्व है। लेकिन कुंडली में दो भावों के वो स्वामी भी होते हैं। जहां पर दृष्टि होती है वहां के भी फल करते हैं। तो प्लेनेट नैसर्गिक तत्त्वों के भी फल करते हैं। प्लेनेट जहां पर बैठा है उसका भी फल करता है। जिसको देखता है उसका भी फल करता है तो पहली बात तो सिंह राशि के जातकों के लिए शनि अच्छे ग्रह नहीं है क्योंकि शनि की जो मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि है आपके सप्तम भाव में आ जाती है। ये मार्क स्थान होता है, शनि आपके लिए मार्क हो जाते हैं। एक शनि छठे भाव के स्वामी हो जाते तो छठा भाव रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है तो अपनी दशाओं में तो अच्छा फल नहीं करेंगे। जिनकी उम्र 50 से ऊपर है या जिनका जन्म सूर्य के नक्षत्र में हुआ है उनको तो लास्ट फेस में जाकर तंग कर सकते हैं क्योंकि दोनों भावों के फल कर जाएंगे। बीमारी के फल ऋण के फल शत्रु के फल, कोट-केसेस के फल और मार्ग स्थान के फल वो कर जाएंगे। यहां पर जिनका जन्म मघ नक्षत्र में हुआ है उनको तो शनि ये दो दोनों भाव के फल नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनकी दशा ही नहीं आएगी। तो यहां पर शनि अष्टम में है, अष्टम के फल कर जाएंगे। सबसे पहला काम तो सिंह राशि वाले यह करें कि अपने पासवर्ड सारे चेंज कर लीजिए। फाइनेंशियल पासवर्ड आपके जितने भी हैं सब चेंज करिए। जब तक शनि यहां पर है इसको कंसिस्टेंटली चेंज करिए। शनि बैठे हैं यह सीक्रेसी का भाव है, यह अष्टम भाव है। यह अचानक धन हानि का भाव है यहां से सीक्रेसी लीक आपकी हो सकती है और ऐसी सीक्रेसी लीक होगी कि आपको उसका नुकसान धन के रूप में होगा। यहां से सडन लॉस देखा जाता है। ड्राइविंग थोड़ी सोच-समझ कर करें। चोट-चपट आपको लग सकती है और इस अवधि में आपका डाइजेशन सिस्टम डिस्टर्ब हो सकता है। कुछ लोगों को स्टोन की समस्या आ जाएगी। कुछ लोगों को यूरिन से संबंधित समस्या आएगी क्योंकि शनि का प्लेसमेंट उस भाव में है जो जेनेटिकल पार्ट होता है। छठे के स्वामी का अष्टम में जाना सप्तम के स्वामी का अष्टम में जाना गोचर में जाना अच्छा नहीं है। इन चीजों का जरूर ध्यान रखिएगा। खान-पान का खास ध्यान रखें। शनि की दृष्टि उस भाव के ऊपर है जो आपके खाने-पीने का भाव होता है। यहां पर हमारी ईटिंग हैबिट डिस्टर्ब हो सकती है। खान-पान का खास ध्यान रखें। शनि यहां पर आएंगे तो आपके काम को थोड़ा सा स्लो कर सकते हैं। कर्म से संबंधित फलों को शनि स्लो कर देंगे। यहां पर आपके लिए शनि चूंकि धन वाले भाव में देख रहे हैं। अष्टम भाव में बैठे हैं सडन लोस के तो धन की भी हानि कर जाए। धन भाव के ऊपर दृष्टि है सडन लॉस वाले भाव में खुद बैठे हैं तो वहां पर धन की हानि कर सकते हैं। जिनका प्रेगनेंसी का प्लान है वो खास तौर पर ध्यान रखिएगा। 

यदि आपके घर में संतान है यदि 12, 13 साल के ऊपर है। उसका खास तौर पर इस ढाई साल के दौरान जरूर ध्यान रखिएगा। उसकी कंपनी भी थोड़ी सी डिस्टर्ब हो सकती है क्योंकि ये टीनेज होती है संतान वाले भाव के ऊपर शनि की दृष्टि है। वहां से कुछ ऐसी खबरें आ सकती हैं, जो आपको थोड़ा सा डिस्कंफर्ट लगे। स्कूल से कोई न कोई ऐसी शिकायत आ सकती है। शनि आपके लिए उस भाव में बैठे हैं जो आपके संतान वाले भाव को दृष्टि दे रहे हैं। कोई भी फैसला इस अवधि में लेना है तो एक ऐसा व्यक्ति जरूर देखिए जिसकी राय आपको बहुत अच्छी लगती है। क्योंकि पंचम भाव शनि की दृष्टि में है बुद्धि-विवेक का भाव है। कई बार ऐसा होता है कि हम डिसीजन ले रहे हैं लेकिन हम पूरी बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल उसमें नहीं कर पाते या चीजें हमारे दिमाग से निकल जाती हैं। 

धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए शनि की ढैया शुरू हो रही है। यहां पर शनि आपकी कुंडली में चौथे भाव में गोचर करेंगे। तो निश्चिंत रहिए यहां पर शनि का फल बहुत खराब नहीं होगा लेकिन यदि यह मार्किंग आपकी चार से कम है तो शनि यहां पर आपके लिए डिस्टरबेंस क्रिएट कर सकते हैं। यहां पर चौथे भाव में शनि का फल अच्छा नहीं होता। दृष्टियां खराब फल कर सकती है लेकिन कई बार या तो ऐसा होता है कि जो प्लानेट होता है वह साधारण फल करता है। कई बार विशेष फल कर जाता है यह अच्छे की तरफ भी होता है। बुरे की तरफ भी होता है तो यहां पर यदि तो स्थिति वहां पर एक पॉइंट की है चार्ट में तो यह खराब फल कर जाएगा। जितना शनि का प्रभाव होता है वे उतना ही करेगा। तो यहां पर सबसे पहले तो यह एक तो यह आपके लिए ट्रांजिट का प्रभाव हो गया है। आपकी कुंडली में शनि की दशा चल रही है तो वो बहुत ज्यादा डिस्टर्ब कर सकता है। धनु राशि एक ऐसी राशि होती है जिसके लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हो जाते हैं। दूसरा भाव मार्ग से होता है, तीसरा भाव का अष्टम भाव होता है। यह दोनों ही भाव अच्छे नहीं कहके जाएंगे। शनि चूंकि गुरु का लग्न है। गुरु के लग्न के लिए गुरु की राशि के लिए अच्छे फल नहीं करते हैं। तो यहां पर यह जो जातक पैदा होते हैं या तो मूला नक्षत्र में मूला नक्षत्र केतु का नक्षत्र है इसका पहला चरण इस धनु राशि में आता है तो इनका जन्म तो मूला नक्षत्र में हुआ है। उनको तो शनि की महादशा मिलती है। लेकिन जिनका जन्म होता है उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में  उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण में होता है उनको 50 साल के बाद कहीं न कहीं शनि की दशा मिल जाती है। यदि आपकी उम्र 50 साल के ऊपर है। धनु राशि है तो शनि की महादशा चल रही है। आपके ऊपर महादशा चल रही है और इसके बीच शनि भी आ गए ढैया भी आ गई तो वहां पर फल हो सकता है। शनि फोर्थ हाउस में है और ये आपका पीस ऑफ माइंड होता है, ये प्रॉपर्टी का भाव होता है। ये आपकी मदर का भाव होता है। यहां से आप एसेट क्रिएट करते हैं, इसको सुख स्थान बोला जाता है। तो यहां पर जब शनि आ गए हैं तो प्रॉपर्टी से संबंधित जितने भी विषय हैं, वहां पर दिक्कत हो सकती है। मदर की हेल्थ को लेकर दिक्कत हो सकती है। आपका पीस ऑफ माइंड शनि डिस्टर्ब कर सकते हैं क्योंकि यहां पर शनि बैठेंगे तो दसवीं दृष्टि से आपकी राशि को ही देखेंगे। जब राशि के ऊपर शनि का प्रभाव है यानी कि चंद्रमा के ऊपर आपके चंद्रमा के ऊपर एक ऐसे ग्रह का प्रभाव आ गया जो नैसर्गिक तौर पर शुभ नहीं है। जिसके नैसर्गिक तत्व ही नेगेटिव हैं, वह टेंशन देते हैं, वह बीमारी देते हैं वह कर्जा देते हैं तो निश्चित तौर पर वह आपको थोड़ा सा टेंस कर सकते हैं। जिनके शनि आ रहा है मेडिटेशन शुरू कर दीजिए। मेडिटेशन जरूर करें, यहां पर चीजें डिस्टर्ब हो सकती है क्योंकि राशि के ऊपर क्षण का प्रभाव है। अध्यात्म की तरफ ध्यान बढ़ता हुआ नजर आएगा। आप उससे थोड़ा सा अपने आप को मानसिक तौर पर शांत कर सकते हैं। शनि यहां पर बैठे हैं तो तीसरी दृष्टि छठे भाव पर जाती है। यह रोग का भाव होता है, ये ऋण का भाव होता है। किसी की गारंटी न लें। छठे भाव को शनि देख रहे हैं। रोग, ऋण, शत्रु एक्टिव है। पैसा किसी को उधार मत दीजिएगा। जिनका फाइनेंस का काम है उनके लिए भी खास तौर के ऊपर क्योंकि यहां पर पैसा भी डूब सकता है। जो फंड रेजिंग करना चाहते हैं उनके लिए भी उनको भी स्ट्रगल करनी पड़ेगी। जो लोग लोन लेना चाहते हैं उनको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

यहां पर शनि बैठेंगे तो दसवीं दृष्टि, सातवीं दृष्टि से सीधा दसवें भाव को देखेंगे। दशम भाव आपका कर्म का भाव होता है। आप लाइफ में जितना भी कर्म करते हैं, आप कारोबार करते हैं, आप नौकरी करते हैं सब दशम भाव से आता है। यह दशम भाव आपके सरकार का भाव होता है, इसको राज दरबार भी कहा जाता है तो सरकार से संबंधित काम आपके बनेंगे। कार्यस्थल पर आपका प्रभाव आपके खिलाफ कुछ साजिशें हो सकती हैं। चूंकि दशम को भी प्रभावित कर रहे हैं। शनि छठे को भी प्रभावित कर रहे हैं, ये शत्रु का ही भाव होता है। यदि आप नौकरी करते हैं तो ऑफिस पॉलिटिक्स सब जगह पर चलती है वहां पर कांस्टेंसी आपके खिलाफ हो सकती है, इस चीज का जरूर ध्यान रखिएगा। यदि कोई कोर्ट केस चलता है तो कोशिश करिएगा कि इस से पहले 29 मार्च से पहले-पहले निपटाने का कोशिश करें नहीं तो यह लटक जाएगा। यहां पर चीजें डिस्टर्ब हो जाएंगी, शनि की दृष्टि इस भाव के ऊपर है और यहां पर शनि इस भाव के फल को लटका देंगे। धनु राशि के जातकों के लिए शनि के गोचर का इस तरीके का प्रभाव देखने को मिल सकता है। यदि मेडिटेशन करेंगे तो थोड़ा सा बच जाएंगे। 

नरेश कुमार
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