Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Mar, 2025 11:13 AM
शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर मीन राशि में रहेगा।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shani Transit 2025: शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर मीन राशि में रहेगा। देश-दुनियां के हिसाब से यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है, यदि हम 30 साल पीछे जाते हैं। जितनी भी वर्ल्ड वार हुई हैं वो इसी के दौरान हुई हैं। मीन राशि जल तत्व की राशि है और दूसरा यह शुभ राशि है। शनि इस गोचर के दौरान बहुत कुछ शुभ कर के जाएंगे।
वृष राशि: वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि योगा कारक ग्रह हो जाते हैं। वृषभ राशि के लिए शनि की मकर राशि भाग्य स्थान में आ जाती है और दूसरी जो कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि है वो दशम स्थान में आ जाती है। दशम केंद्र का भाव होता है और नाइंथ हाउस जो भाग्य स्थान होता है वो त्रिकोण का भाव होता है। त्रिकोण दोनों भावों के स्वामी हो गए हैं। ये योगा कारक हो जाते हैं शनि वृषभ राशि के लिए निश्चित तौर पर अच्छा फल करते हैं। अब अच्छा फल गोचर में तो शुभ आ जाएंगे क्योंकि यदि हम दो राशि की कुंडली बनाएंगे तो शनि आपके लिए 11वें भाव में आ जाएंगे।
यहां पर हम शनि आपको दिखा रहे हैं 11वें भाव में ये गोचर शुभ है लेकिन क्या आपके ऊपर शनि की महादशा भी चल रही है ? यदि ये महादशा चल रही है तो निश्चित तौर पर शनि भाग्य स्थान के भी फल करेंगे और कर्म स्थान के भी फल करेंगे दोनों ही फल करेंगे। अष्टम के भी फल करेंगे आपकी राशि को देख रहे हैं, उसके भी फल करेंगे। यदि आपकी राशि वृषभ है तो आपका जन्म या तो कृतिका नक्षत्र में हुआ है। कृतिका नक्षत्र के तीन चरण आखिरी वाले दूसरा तीसरा चौथा यह आपके वृषभ राशि में आते हैं। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र आता है, यह चंद्रमा का नक्षत्र है। यह इसके चारों चरण जो है वो आपकी वृषभ राशि में आएंगे। फिर उसके बाद मृषा नक्षत्र आएगा यह मंगल का नक्षत्र है। यहां पर दो चरण होते हैं वृषभ राशि के पास फिर अगले चरण मिथुन राशि के पास चले जाते हैं। यहां पर जिनका जन्म मान लीजिए कृतिका नक्षत्र में हुआ है तो कृतिका नक्षत्र वालों को म सूर्य की जो दशा मिलेगी वो 4 साल के आसपास मिलेगी। यदि आपकी उम्र 50 से ऊपर है तो शनि की महादशा भी आपके ऊपर से आपके ऊपर चल रही होगी। आपका जन्म रोहिणी में हुआ है तो चंद्रमा की दशा में आप आ जाएंगे। जिनकी उम्र 35 साल है और जन्म रिक्षा नक्षत्र में हुआ है। जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर है
तो महादशा नाथ शुभ गोचर में आ गए हैं। अब शुभ गोचर में आ गए तो सबसे पहले दो भावों के फल करना चाहेंगे जिनके वो स्वामी हैं, भाग्य स्थान के स्वामी हैं और कर्म स्थान के स्वामी हैं। तो जिनका तो जन्म मृषा नक्षत्र का हुआ है आखिरी चरण का है वो तो अपने करियर के पीक में जाने वाला पीरियड होता है 50, 30 से 50 वाला उसमें है तो वहां पर उनको भाग्य साथ देता हुआ नजर आएगा। कहीं पर भी आप काम करेंगे वहां पर आपको ब्लेसिंग्स जरूर मिलेगी। यदि हम काल पुरुष की कुंडली भी निकालते हैं तो यहां पर शनि की मूल त्रिकोण राशि 11 भाव में आ जाती है। पुरुष की कुंडली मेष लग्न की होती है तो यहां पर शनि निश्चित तौर पर आपके लिए अच्छा फल करेंगे। आपको प्रमोशन दिला सकते हैं यदि आप नौकरी में है तो निश्चित तौर पर इस अवधि के दौरान आपको प्रमोशन मिलेगा। 11वें भाव में शनि है और 11वां भाव प्रमोशन का होता है शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव को मजबूत कर जाते हैं तो यहां पर शनि 11वें भाव के फल कर जाएंगे आपके लिए एलिवेशन के रास्ते खोलेंगे।
शनि आपके लिए मित्र ग्रह है आपके लिए भाग्य स्थान के स्वामी है तो यहां पर बहुत सारी चीजें वो शुभ करके जाएंगे। बहुत अच्छी करके जाएंगे यहां पर दसवें भाव के फल कर जाएंगे। पिता से कोई न कोई फायदा मिल सकता है। फादर की तरफ से कोई बहुत बड़ा गिफ्ट मिल सकता है। आपका ध्यान अध्यात्म की तरफ बढ़ेगा क्योंकि शनि ऐसे भाव के स्वामी हैं जिसका अध्यात्म से सीधा नाता है। शनि जब अध्यात्म देते हैं तो थोड़ा वैराग्य वाला अध्यात्म दे जाते हैं। यहां पर थोड़ा सा जरूर ध्यान रखना पड़ेगा कि बहुत ज्यादा डीप इवॉल्व मत होएगा। वैराग्य वाला अध्यात्म जो आता है वो शनि से आता है गुरु और केतु भी अध्यात्म देते हैं लेकिन शनि थोड़ा सा अलग लेवल का अध्यात्म दे जाते हैं। जितने 50 साल के आसपास के लोग हैं वृषभ राशि के उनके लिए या 50 साल के ऊपर से हैं उनका ध्यान थोड़ा सा धर्म क्रम में ज्यादा लगेगा। धर्म की यात्राएं ज्यादा करेंगे कर्म की यात्राएं ज्यादा करेंगे और जितने भी सीनियर हैं उनको संतान पक्ष से अच्छी खबरें सुनने को मिलेंगी क्योंकि पंचम पर भी शनि की दृष्टि है। अष्टम पर शनि की दृष्टि है जितने भी प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद है, पुराने प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद वहां पर चीजें सही होती हुई नजर आएंगी। बहुत सारे लंबे समय से जो विवाद चल रहे थे वो चीजें ठीक होती हुई नजर आएंगी।
12 राशि में यह जो गोचर है 23 फरवरी 2028 तक है। इस इस अवधि के दौरान बहुत सारी चीजें शनि आपके लिए बिल्कुल करेक्ट करके जाएंगे। यदि आपके ऊपर शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही है क्योंकि सबके ऊपर नहीं चल रही 35 साल के नीचे वालों के ऊपर तो नहीं चल रही है। 35 साल के ऊपर वालों के ऊपर चल रही होगी। निश्चित तौर पर यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। महादशा भी शुरू हो गई लेकिन शनि कुंडली में पीड़ित है। शनि एक ऐसे ग्रह हो गए कुंडली में जो आपको बहुत अच्छा फल नहीं कर कर पा रहे क्योंकि योगा कारक होने के बावजूद फल अच्छे प्रॉपर नहीं मिलते। कई बार तो ऐसा तब होता है यदि आपकी कुंडली में शनि की पोजीशन आठवें, छठे, में 12वें भाव में है। शनि राहु-केतु से पीड़ित है, शनि सूर्य-मंगल से पीड़ित है या शनि की पोजीशन इस तरह की हो गई है कि शनि अस्त हो गए हैं तो वहां पर आपको शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।
तुला राशि: तुला राशि के ऊपर शनि की महादशा आती है। तुला राशि के जातक है वह चित्रा नक्षत्र में पैदा होते हैं। चित्रा नक्षत्र के दो चरण आखिरी वो तुला राशि में आते हैं। ये मंगल का नक्षत्र है, स्वाति नक्षत्र ये राहु का नक्षत्र है। इसके चारों चरण जो तुला राशि में आते हैं और अगला नक्षत्र वो विशाखा नक्षत्र है वो गुरु का नक्षत्र है। इसके जो तीन चरण है वो स्वाति नक्षत्र उसमें आते हैं। तुला राशि में अब मान लीजिए किसी का जन्म चित्रा नक्षत्र में हुआ है तो चित्रा नक्षत्र के यदि तीसरे चरण में भी हुआ है तो उसको मंगल की जो दशा मिलेगी वह लगभग तीन चार साल के आसपास मिलेगी।
जिनका जन्म चित्रा नक्षत्र में हुआ है और उम्र 40 के पास है वो सारे शनि के प्रभाव में आ चुके हैं। 40 से 60 वाले सारे शनि के प्रभाव में आ चुके हैं। 30 से 50 साल वाले जितने भी जातक हैं वह सारे शनि के प्रभाव में आ गए क्योंकि जब यह स्वाती नक्षत्र में पैदा हुआ होगा। कोई जातक तो उसको राहु की जो दशा मिलेगी वह या तो 19 साल की मिलेगी या 9 साल की मिलेगी। उसके बाद गुरु का नक्षत्र आ जाएगा। गुरु की राशि आ जाएगी गुरु का फेस आ जाएगा तो गुरु का फेस थोड़ा ही होता है। योगा कारक है इसलिए वह अपने भावों के फल अच्छे कर जाएंगे। जहां पर गोचर में है वह अच्छा फल कर जाएंगे। यहां पर आपके लिए इतना भरा है तुला राशि के वो जातक मोटे तौर पर जिनका जन्म चित्रा में हुआ है या स्वाति में हुआ है उनके लिए शनि बहुत अच्छे फल करने वाला है। तो कुछ लोग तो महादशा क्रॉस कर चुके जिनका जन्म विशाखा में हुआ है स्वाति वाले अभी महादशा में है। चित्रा वाले महादशा में चल रहे होंगे और उनको इसका बहुत फायदा होगा। शनि जहां पर बैठे हैं यह रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है यह कर्जे का भाव होता है। यहां से सारे विवाद आते हैं कोर्ट केसेस आपके यहीं से आते हैं। यदि आपकी राशि तुला है और आपके ऊपर महादशा चल रही है। यहां पर शनि इस भाव को मजबूत कर देंगे। कोर्ट के केसेस कर्ज वाली स्थिति पर आपको राहत मिलती हुई नजर आएगी। शनि थोड़ा सा स्लो फल करते हैं। यहां पर चीजें आपके पक्ष में होती हुई नजर आएंगी। यदि ये कोर्ट का विवाद पुरानी प्रॉपर्टी से संबंधित है जो आपने खुद नहीं बनाई क्योंकि अष्टम भाव से वो प्रॉपर्टी देखी जाती है।
आप जो खुद बनाते हैं वो फोर्थ हाउस से आती है, तो वहां से संबंधित चीजें सेट होती हुई नजर आएंगी। आपका काम यदि विदेश से जुड़ा हुआ है तो आपको इसको फायदा होगा। विदेश से जिनका संबंध है उनके लिए समय बेटर होता हुआ नजर आएगा। यहां पर शनि तीसरे भाव को देखेंगे तो आपके लिए निश्चित तौर पर डिटरमिनेशन आपकी बढ़ती हुई नजर आएगी। डिटरमिनेशन का मतलब यह है कि आप कोई भी फैसला करेंगे पूरी कन्न के साथ करेंगे पूरे कॉन्फिडेंस के साथ करेंगे। जल्दबाजी में कोई डिसीजन लेंगे। जब डिसीजन लेंगे पूरा बुद्धि-विवेक के साथ लेंगे। फिफ्थ हाउस का स्वामी अच्छे गोचर में नहीं होता या अच्छे प्रभाव में नहीं होता। तो निश्चित तौर पर यहां पर चीजें उस मामले में भी सेट होती हुई नजर आएंगी। प्रॉपर्टी का काम है जिनका उनको बहुत फायदा होने जा रहा है। उनके लिए बहुत सारी चीजें सेट होती हुई नजर आएंगी और एसेट क्रिएशन का काम इन ढाई सालों में निश्चित तौर पर होगा। तुला राशि के जातकों के लिए बहुत सारी एसेट क्रिएट हो सकती हैं जिनकी राशि तुला है वो इन ढाई सालों में एसेट जरूर क्रिएट करके जाएंगे।
यह आप निश्चित तौर पर जब यह गोचर खत्म होगा तो उसको आप विटनेस भी करेंगे कि फोर्थ भाव की दशा चल रही थी और भाव का स्वामी अच्छे गोचर में था। यदि सामान्य स्थिति है तब भी कुछ न कुछ एसेट क्रिएट हो जाएगी लेकिन यदि वो आपका प्लेनेट विशेष फल कर रहा है, भाग्य स्थान में पड़ा हुआ है पंचम स्थान में पड़ा हुआ है। निश्चित तौर पर वो विशिष्ट फल करके जाएगा, वो अच्छे फल करके जाएगा। यहां पर निश्चित तौर पर तुला राशि के जातकों के लिए ये चीजें भी होने जा रही हैं। तो ये जो गोचर तुला राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है। यह 30 साल बाद फेस आया है बहुत लंबे समय बाद ये फेस आया है तुला राशि के जातक बहुत परेशान रहते हैं शनि के कारण और फाइनली यह जो फेस है तुला राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छे फल लेकर आएगा । यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है तो शनि आपकी कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में पड़े हुए हैं। राहु-केतु एक्सेस में है शनि बहुत अच्छी पोजीशन में नहीं है तो आपको शनि की रेमेडी जरूर करनी चाहिए।
मकर राशि: मकर राशि शनि की अपनी राशि है इसी राशि के ऊपर शनि की साढ़े साती चल रही थी, साढ़े साती खत्म हो जाएगी। शनि तीसरे भाव में शुभ गोचर में आ जाएंगे। राशि के स्वामी का शुभ गोचर में आ जाना निश्चित तौर पर एक अलग एडवांटेज है। मकर राशि के ऊपर शनि की दशा चल रही है यदि यह दशा चल रही है और रूलिंग प्लेनेट आपका शुभ गोचर में आ जाए तो आपके लिए निश्चित तौर पर उसके फल ज्यादा अच्छे हो जाते हैं। यदि आपकी मकर राशि है आपका जन्म सूर्य के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के तीन चरण, दूसरा, तीसरा, चौथा यह आपकी राशि में सूर्य के तीन चरण आते हैं। अगला नक्षत्र होता है वह होता है श्रवण। यह आपका चंद्रमा का नक्षत्र है इसके चारों चरण वह मकर राशि में आते हैं। इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र आता है, यह मंगल का नक्षत्र है। लगभग 4 साल की महादशा मिलेगी उसके बाद चंद्रमा की मिलेगी। फिर राहु हो गया यह 18 साल रहेंगे, यह 39 हो गए और फिर उसके बाद 16 साल गुरु के आते हैं। यह हो गए 55 तो इसका मतलब यह है कि यदि आपका जन्म सूर्य के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में हुआ है तो आपकी जज यदि 50, 55 के आसपास है तो शनि के प्रभाव में आ चुके हैं। महादशा आपके ऊपर चल रही है और महादशा नाथ आपका शुभ गोचर में है। यदि आपका जन्म उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में नहीं है तो आपका जन्म श्रवण नक्षत्र में है तो आपकी उम्र 45 के आसपास है तो भी आप शनि के प्रभाव में आ चुके हैं। 10 साल आपको चंद्रमा के मिल गए और उसके बाद साल मंगल के मिल गए हैं।
जिनका जन्म श्रवण नक्षत्र के पहले चरणों में हुआ है, उनकी यदि 50 से ऊपर है तो वो शनि के प्रभाव में है। यदि दूसरे चरण के बाद वाले जातक हैं उनकी यदि 45 साल के ऊपर है तो वो प्रभाव में है। यदि आप 40 के ऊपर हैं तो भी आप शनि के प्रभाव में है तो निश्चित तौर शनि के प्रभाव में आ जाएंगे। शनि की राशि का शुभ गोचर में जाना निश्चित तौर पर अच्छा हो गया है। आपका राशि स्वामी भी है, आपका रूलिंग प्लांट भी है आपके लिए शुभ गोचर में भी है तो निश्चित तौर पर इसके वो फल आपके लिए अच्छे करके जाएगा। राशि के स्वामी शुभ गोचर में है वो कर जाएंगे। दूसरा धन भाव के अच्छे फल कर जाएंगे। मूल त्रिकोण राशि कुंभ दूसरे भाव में पड़ी हुई है तो यहां पर ये धन भाव होता है। दूसरा भाव तो दोनों का ही फल करेंगे अब क्या करेंगे मोटे तौर पर जो प्रॉब्लम 72 साल में आई थी साढ़े साती के कारण फिजिकल प्रॉब्लम थी डेट की प्रॉब्लम थी या आपको यदि कोई चोट चपट लग गई थी वो सारी चीजें अब धीरे-धीरे करेक्ट होती हुई नजर आएंगी। शनि समय के कारक हैं शनि समय के साथ चीजों को करेक्ट करते हैं। हमारा पेशेंस टेस्ट शनि करते हैं तो यहां पर क्या होगा शनि तीसरे भाव में बैठकर आपका कॉन्फिडेंस बढ़ाएंगे। सबसे पहले कुछ लोगों को कॉन्फिडेंस लो हो जाता है। साढ़े साती के दौरान बहुत सारी चीजें गलत हो जाती है। इसके कारण लगता है कि यार दुनिया ही खत्म हो रही है तो यहां पर तीसरे भाव में आकर सबसे पहले तो आपका कॉन्फिडेंस मजबूत करेंगे। तीसरे भाव के फल अच्छे मिलेंगे, ये पराक्रम भाव है। छोटे भाई के साथ तालमेल बेटर होता हुआ नजर आएगा, पराक्रम बढ़ता हुआ नजर आएगा। आप थोड़ा सा हेल्दी फील करेंगे।
धन के फल आपको अच्छे मिल जाएंगे। अध्यात्म की तरफ आपका ध्यान लग सकता है यदि आपका जन्म सूर्य के नक्षत्र में है क्योंकि शनि भाग्य स्थान को देख रहे हैं। यह अध्यात्म का भाव होता है तो अध्यात्म की तरफ आपका रुझान थोड़ा सा बढ़ता हुआ नजर आएगा। यह चीजें हो सकती हैं यात्राएं इस अवधि में आप काफी करेंगे।
शनि गुरु की राशि में है तो उसका अपना अलग प्रभाव रहता है। आध्यात्म की तरफ ध्यान थोड़ा सा बढ़ेगा, थोड़ा सा रिलीजियस एक्टिविटीज की तरफ जाएंगे। थोड़ा सा दान धर्म करना आप शुरू करेंगे। यह चीजें आपके लिए होंगी फिफ्थ हाउस पर चूंकि शनि की दृष्टि है तो संतान पक्ष अच्छी खबर आएगी। जिनके संतान नहीं है उनके यहां पर संतान आ सकती है। जिनके संतान है उनको संतान पक्ष से अच्छी खबर आ सकती है। तो यहां पर चीजें अच्छी होती हुई नजर आएंगी। आप फैसले बेटर ले पाएंगे क्योंकि बुद्धि-विवेक का जो भाव है, वहां पर भी शनि का प्रभाव रहेगा। शनि चूंकि शुभ गोचर में है तो निश्चित तौर पर फिफ्थ हाउस के अच्छे फल आपको देखने को मिलेंगे। फिफ्थ हाउस से बुद्धि-विवेक देखा जाता है, यहां पर आप चीजें बहुत अच्छी होती हुई नजर आएंगी। तीसरे भाव में चकि शनि है और दसवीं दृष्टि आपके 12वें भाव के ऊपर जा रही है। 12वां भाव विदेश का भाव होता है, जिनका काम विदेश से जुड़ा हुआ है फॉरेक्स का काम करते हैं, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का काम करते हैं तो वहां पर सारी चीजें सटीक होती हुई नजर आएंगी। बहुत सारी चीजें जो डिस्टर्ब चल रही थी, वहां पर चीजें ठीक होती हुई नजर आएंगी। मकर राशि के जातकों को स्वास्थ्य लाभ होगा, धन की वृद्धि होगी, संतान पक्ष से अच्छी खबर आएगी। यह चीजें जरूर होंगी। विदेश से फायदा हो सकता है, आपको अध्यात्म में आपका ध्यान लगता हुआ नजर आएगा। यह चीजें मकर राशि के जातकों के लिए इस गोचर के दौरान बहुत अच्छी होने वाली है।
यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है तो शनि आपकी कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में पड़े हुए हैं। राहु-केतु एक्सेस में है शनि बहुत अच्छी पोजीशन में नहीं है तो आपको शनि की रेमेडी जरूर करनी चाहिए।
शनिवार शाम के समय शनि देव की शिला को तेल अर्पित करें।
काली दाल का दान करें।
ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728