Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Jun, 2024 07:23 AM
आज बात करेंगे शनिदेव की। ये वक्री होने जा रहे हैं 29 जून मध्य रात को। 139 दिनों तक तक शनि वक्री ही रहेंगे। 15 नवंबर तक शनि मार्गी रहेंगे। वक्री ग्रह का चेष्टा बल थोड़ा बढ़ जाता है। सूर्य से शनि जब 120 डिग्री दूर चले जाते
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Shani Vakri: आज बात करेंगे शनिदेव की। ये वक्री होने जा रहे हैं 29 जून मध्य रात को। 139 दिनों तक तक शनि वक्री ही रहेंगे। 15 नवंबर तक शनि मार्गी रहेंगे। वक्री ग्रह का चेष्टा बल थोड़ा बढ़ जाता है। सूर्य से शनि जब 120 डिग्री दूर चले जाते हैं तो वक्री अवस्था में आ जाते हैं। मानलीजिए आपकी कुंडली में सूर्य मेष राशि में पड़े हैं तो शनि उच्च के होंगे तो वक्री ही होंगे। जब प्लानेट वक्री होते हैं तो आपका चेष्टा बल बढ़ जाता है। शनि ऐसे फल हैं जो कर्म के फल देते हैं। शनि देव के पॉजिटिव फल भी देंगे। जिनकी कुंडली में शनि शुभ गोचर में हैं उन्हें बढ़िया परिणाम मिलेंगे।
कर्क राशि के लिए शनि का गोचर अष्टम भाव से हो रहा है। अष्टम भाव में जब शनि गोचर करते हैं तो शनि की ढैया कहलाती है। शनि का गोचर वैसे ही शुभ नहीं है। कर्क राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए शनि अनुकूल नहीं हैं। कर्क राशि के लिए शनि सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। शनि की तीसरी दृष्टि आपके अष्टम भाव के ऊपर जा रही है। ये कर्म का भाव होता है, यहां से आपकी नौकरी और जॉब देखी जाती है। ऐसा हो सकता है आपको कोई न कोई दिक्कत का सामना करना पड़े। दशम से संबंधित आपको शुभ फल मिलेंगे। कर्म वाले भाव में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शनि की सीधी दृष्टि जा रही है आपके धन भाव के ऊपर। शनि सप्तम भाव के स्वामी भी हैं। सप्तम का स्वामी अष्टम में चले जाना शुभ नहीं है। अष्टम में बैठकर सीधी दृष्टि कुटुंब भाव पर जा रही है। धन वाला भाव भी डिस्टर्ब हो जाएगा। कर्क राशि का ओवर रिएक्शन उनके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। शनि की दसवीं दृष्टि आपके पंचम स्थान के ऊपर जा रही है। पंचम स्थान से हायर एजुकेशन देखी जाती है। सुत वाले भाव के ऊपर शनि की दृष्टि है। संतान की तरफ से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा हो सकता है कोई गलत फैसला ले लें।
नरेश कुमार
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