Shardiya Navratri 2024: इस बार घटस्थापना के लिए 02 शुभ मुहूर्त, ये रहेगी कलश स्थापना की सटीक विधि, बड़ी से बड़ी कामना की होगी पूर्ति

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Oct, 2024 04:04 AM

Shardiya navratri 2024: साल 2024 में शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 03 अक्टूबर गुरुवार से होने जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं और उसके बाद नवदुर्गा की पूजा प्रारंभ होती है। देवी पुराण के अनुसार नवरात्रि पर

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Shardiya Navratri 2024: साल 2024 में शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 03 अक्टूबर गुरुवार से होने जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं और उसके बाद नवदुर्गा की पूजा प्रारंभ होती है। देवी पुराण के अनुसार नवरात्रि पर घटस्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके बिना नवरात्रि की पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। जो लोग अपनी खास कामना की पूर्ति चाहते हैं उन्हें घट स्थापना यानि कलश स्थापना पूर्ण विधि व उचित मुहूर्त में ज़रूर करना चाहिए। इसके लिए आपको कलश स्थापना से पहले ही पूजा सामग्री की व्यवस्था करनी होगी, ताकि प्रतिपदा के दिन स्थापना के समय किसी चीज की कमी न रह जाए। साल 2024 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, सटीक विधि तो आईए जानते हैं...

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इस साल शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं। एक मुहूर्त प्रातः काल में है और दूसरा मुहूर्त दोपहर में। कलश स्थापना का पहला मुहूर्त है 03 अक्टूबर को प्रातः 6 बजकर 18 मिनट से प्रातः 7 बजकर 25 मिनट तक।
माता रानी के भक्तों को घटस्थापना के लिए 01 घंटा 08 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा। घटस्थापना के लिए ये मुहूर्त सबसे उत्तम माना जाता है। जो लोग सुबह में कलश स्थापना करना चाहते हैं वो दूसरे मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 48 से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच घटस्थापना कर सकते हैं। सुबह के बाद दिन में कलश स्थापना का ये मुहूर्त 47 मिनट का है।

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Exact method of Ghatasthapana घटस्थापना की सटीक विधि
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करके जिस जगह पर कलस्‍थापना करना है, वहां गंगाजल छिड़कें।
फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें।
एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें।
इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें।
कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें।
कलश के चारों ओर अशोक के पत्ते लगाएं।
फिर कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें और एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें।
फिर इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आह्वान करें।
इसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें।
ध्यान रखें कि कलश सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का ही हो।
स्‍टील सा किसी अन्‍य अशुद्ध धातु का कलश घटस्थापना के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

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