Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Oct, 2024 01:13 AM
Shardiya navratri 2024: प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। इस वर्ष 3 अक्टूबर गुरुवार से नवरात्रि शुरू हो रही हैं और इसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को देवी मां की...
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Shardiya navratri 2024: प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। इस वर्ष 3 अक्टूबर गुरुवार से नवरात्रि शुरू हो रही हैं और इसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को देवी मां की विदाई की जाएगी और विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। इस दौरान देवी मंदिरों में विशेष तैयारियां की जाती हैं। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन लोग अपने घरों में घटस्थापना या कलश स्थापना करते हैं। साथ ही लोग माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों का व्रत भी रखते हैं। ज्योतिषविदों के अनुसार इस वर्ष मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। हर बार मां का अलग-अलग वाहनों पर आना एक खास संकेत देता है। मां का डोली पर सवार होकर आना, देश के लिए कैसा रहेगा, तो आईए जानते हैं....
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 02 अक्टूबर की रात 12 बजकर 18 मिनट से होगी और इसका समापन 03 अक्टूबर की रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। उदय तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 03 अक्टूबर दिन गुरुवार को होगा।
साल 2024 की शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 03 अक्टूबर, गुरुवार से हो रहा है इसलिए इस बार मां का वाहन डोली यानी पालकी होगा। मां दुर्गा का वाहन इस बात पर निर्भर करता है कि नवरात्रि किस दिन से शुरू हो रहे हैं। मान्यता है कि नवरात्रि की शुरुआत अगर सोमवार या रविवार से हो रही हो तो इसका मतलब है कि माता रानी हाथी पर आएंगी। वहीं अगर शनिवार या फिर मंगलवार को कलश स्थापना हो रही है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। वहीं गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि का प्रारंभ होने का मतलब हैं मैया इस बार डोली सवार होकर आएंगी। इसके अलावा बुधवार के दिन मां नाव को अपनी सवारी बनाती हैं। हालांकि मां दुर्गा का डोली पर आना शुभ नहीं माना जाता है। देवी पुराण के अनुसार, पालकी पर सवारी का संकेत है कि देश में आर्थिक मंदी आ सकती है। प्रकृति अपने रौद्र रूप में जान-माल का नुकसान कर सकती हैं। राजनीतिक रूप से अव्यवस्था का माहौल बन सकता है। यह देश-दुनिया में महामारी के बढ़ने के संकेत भी देता है।
नवरात्रि के नौ दिनों में मां जगदंबे के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। देशभर में इस पर्व को बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और इसके साथ ही घटस्थापना भी की जाती है।