Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Oct, 2024 09:28 AM
आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। नवदुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है।
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Shardiya Navratri Day 6: आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। नवदुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी। विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक मानी जाती है। योग्य या मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है। ज्योतिष में इनका संबंध बृहस्पति से माना जाना चाहिए। तंत्र साधना में देवी का संबंध आज्ञा चक्र से होता है। आइए आपको मां कात्यायनी की पूजन विधि बताते हैं।
Navratri 6th Day: मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा व सुनें कथा
Benefits of worshiping Maa Katyayani मां कात्यायनी की पूजा के लाभ
मां कात्ययानी की पूजा को कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए अद्भुत माना जाता है। मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है। वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है। अगर कुंडली में विवाह के योग क्षीण या कमजोर हों तो भी विवाह हो जाता है।
How to worship Maa Katyayani कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा
गोधूली वेला के समय पीले या लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए। इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें। इनको शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है। मां को सुगन्धित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होती हैं। इसके बाद मां के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें।
How to worship Maa Katyayani for quick marriage शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा
गोधूलि वेला में पीले वस्त्र धारण करें। मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें। इसके बाद तीन गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं। फिर मां कात्यायनी के मंत्र "कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।" इसके बाद हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें।
Maa Katyayani's offering मां कात्यायनी का भोग
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्ययानी को शहद का भोग लगाएं। फिर इसे प्रसाद के रूप में सबको बांट दें। इससे आपकी तमाम मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।
Form of Maa Katyayani मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी का स्वरूप दिव्य और भव्य है। इनका शुभ वर्ण हैं और स्वर्ण आभा से मण्डित हैं। इनकी चार भुजाओं में से दाहिने तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। बाएं हाथ में ऊपर कर हाथ में तलवार और निचले हाथ में कमल है। इनका वाहन सिंह है। मां कात्यायनी सम्पूर्ण ब्रज की अधिष्ठात्री थीं। चीर हरण के समय राधा रानी और अन्य गोपियां इन्हीं माता की पूजा करने गई थीं। कात्यायनी माता का वर्णन भागवत पुराण 10.22.1 में भी मिलता है।
Navratri 6th day color नवरात्रि 6वें दिन का रंग
देवी पुराण के अनुसार नवरात्रि के 6वें दिन कन्याओं का भोज करवाना चाहिए। इसके अलावा, महिलाएं इस दिन स्लेटी यानी ग्रे रंग के कपड़े या साड़ियां पहनती हैं।
Method of Worship of Mother Katyayani मां कात्यायनी की पूजा विधि
नवरात्रि के छठें दिन सबसे पहले अपने हाथ में एक कमल का फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें। इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार से पूजा कर, उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें। इसके बाद उनके सामने घी या कपूर जलाकर आरती करें। अंत में मां के मन्त्रों का उच्चारण करें। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा में सफेद या पीले रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। मां कात्यायनी शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। शत्रुओं पर विजय पाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा की जाती है और देवी स्वयं नकारात्मक शक्तियों का अंत करने वाली देवी हैं।
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
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