Shatrunjay Parvat: भारत का अनोखा पहाड़, जहां बने हैं 900 से भी अधिक मंदिर

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Aug, 2023 08:39 AM

shatrunjay parvat

भारत अद्भुत देश है। इसे अद्भुत बनाती हैं, यहां की विविधताएं- आस्था, धर्म और परिवेश। भारत एक ऐसी जगह भी है, जहां एक साथ करीब 900 मंदिर बने हुए हैं

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shatrunjay Parvat: भारत अद्भुत देश है। इसे अद्भुत बनाती हैं, यहां की विविधताएं- आस्था, धर्म और परिवेश। भारत एक ऐसी जगह भी है, जहां एक साथ करीब 900 मंदिर बने हुए हैं। यह जगह भी एक पहाड़ है और इस पहाड़ का नाम है ‘शत्रुंजय पर्वत’ और यह शत्रुंजय नदी के तट पर स्थित है। इतने अधिक मंदिर होने के कारण यह पर्वत लोगों की आस्था का महत्वपूर्ण स्थान है और हर साल बहुत सारे श्रद्धालु यहां आते हैं। यह पर्वत गुजरात के भावनगर शहर से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह स्थान ऐतिहासिक शहर पालिताणा के समीप है। ये मंदिर जैन धर्म को समर्पित हैं।

PunjabKesari Shatrunjay Parvat

Temples shine in the light रोशनी में चमक उठते हैं मंदिर
पर्वत पर स्थित मंदिर संगमरमर से बने हुए हैं और इनकी खूबसूरती आकर्षण का केंद्र है। मंदिरों का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। इन मंदिरों की विशेष नक्काशी ध्यानवान रूप से की गई है क्योंकि जब सूरज की किरणें पड़ती हैं तो ये मंदिर और भी चमक उठते हैं। चंद्रमा की रोशनी में भी इन्हें देखने पर ये मोती की तरह चमकते हैं।

3,745 steps are made to reach the peak शिखर तक जाने के लिए बनी हैं 3,745 सीढ़ियां
शत्रुंजय शिखर की यात्रा मोक्षदायी मानी जाती है। 1900 फुट की ऊंचाई पर शत्रुंजय शिखर पर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ (ऋषभदेव) का प्रमुख मंदिर स्थित है। इनके दर्शन के लिए 3,745 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। ये सीढ़ियां 13वीं सदी में बनाई गई थीं। जैन धर्म के अनुसार प्राचीन काल से ही पालिताणा जैन साधुओं और मुनियों के मोक्ष एवं निर्माण का प्रमुख स्थल रहा है इसलिए यह जैन धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है।

जैन मान्यताओं में पहाड़ों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण भगवान के निवास के रूप में किया गया है। जहां भगवान रात्रि विश्राम करते हैं। इसलिए इस स्थान पर रात्रि में पुजारी सहित किसी भी व्यक्ति को रहने की अनुमति नहीं है। अलग-अलग कालों में शासकों द्वारा पहाड़ पर स्थित इन मंदिरों का अब तक लगभग 16 बार पुननिर्माण किया जा चुका है।

PunjabKesari Shatrunjay Parvat

ये जैन मंदिर जैन धर्म के 24 तीर्थंकर भगवानों को समर्पित हैं। पालिताणा के इन जैन मंदिरों को ‘टक्स’ भी कहा जाता है। कुमारपाल, मिलशाह, समप्रति राज मंदिर यहां के प्रमुख मंदिर हैं। पालिताणा में बहुमूल्य प्रतिमाओं का भी अच्छा संग्रह है। मान्यता है कि महाराजा बाहुबली ने यहा पर मरुदेव के मन्दिर का निर्माण भी कराया था और इस स्थान पर पाश्र्व और महावीर के मन्दिर भी स्थित थे।

नीचे नेमीदेव का विशाल मन्दिर था। युगादिश के मन्दिर का जीर्णोद्धार मंत्रीश्वर बाणभट्ट ने किया था। कार्तिक पूर्णिमा के दिन काफी संख्या में लोग शत्रुंजय पहाड़ी पर इकठ्ठा होते हैं जो नवम्बर या दिसम्बर महीने में पड़ती है। ऐसी मान्यता है कि जैन धर्म के संस्थापक आदिनाथ ने शिखर पर स्थित वृक्ष के नीचे कठिन तपस्या की थी, जहां अब उनका मंदिर है।

PunjabKesari Shatrunjay Parvat

The tomb of a Muslim saint in the temple मंदिर में मुस्लिम संत की मजार
मंदिर परिसर में मुस्लिम संत अंगारशा पीर की मजार भी है। इन्होंने मुगलों से शंत्रुजय पहाड़ी की रक्षा की थी। इसके लिए संत अंगारशा पीर को मानने वाले मुस्लिम लोग भी शत्रुंजय पहाड़ी आते हैं और मजार पर माथा टेकते हैं। 
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!