Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Mar, 2023 06:57 AM
आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। यह होली के 7 या 8 दिन बाद आता है
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Sheetala Ashtami 2023: आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। यह होली के 7 या 8 दिन बाद आता है, इसे बासौड़े पर्व के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन बासी खाने का भोग लगाकर शीतला माता की पूजा की जाती है। कहा जाता है इस दिन शीतला माता की पूजा करने से स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है और गंभीर बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है। शीतलाष्टमी के एक दिन पूर्व माता शीतला को भोग लगाने के लिए बासी खाना तैयार किया जाता है। तो आइए जानते हैं बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए कौन से शुभ मुहूर्त में माता की पूजा करनी चाहिए।
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Sheetala Ashtami Muhurat शीतला अष्टमी मुहूर्त
शीतला अष्टमी आरंभ- 14 मार्च 2023 को रात 08 बजकर 22 मिनट से शुरू
शीतला अष्टमी समापन- 15 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 45 मिनट पर
शीतला माता पूजा मुहूर्त- सुबह 06.33-शाम 06.31
Mata ka swaroop शीतला माता का स्वरूप
स्कंद पुराण के अनुसार शीतला माता गधे की सवारी करती हैं और हाथों में कलश, झाड़ू, सूप धारण किए रहती हैं। शीतला माता की पूजा करने से निरोगी काया का वरदान मिलता है। बुखार, खसरा, चेचक, आंखों के रोग मां शीतला की पूजा से दूर हो जाते हैं। आज के दिन बासी खाना ही खाना चाहिए। इसके पीछे ऐसा संदेश दिया जाता है कि बासी भोजन खाने का ये आखिरी दिन है, इसके उपरांत पूरी गर्मियों के मौसम में ताजा भोजन ही खाने के लिए प्रयोग करना चाहिए।
In North India it is called Basoda उत्तर भारत में कहते हैं बासौड़ा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कुछ शहरों में इसे बासौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्टमी से एक दिन पहले ही रात को भोजन तैयार कर लिया जाता है और अगले दिन देवी को भोग लगाने के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं। कई स्थानों पर हलवा पूरी और कई जगहों पर गुलगुले बनाए जाते हैं।