Edited By Prachi Sharma,Updated: 18 Mar, 2025 11:01 AM

पंचांग के अनुसार होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है, इसे बासोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्टमी का महत्व विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति और जीवन
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Sheetala Ashtami 2025: पंचांग के अनुसार होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है, इसे बासोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्टमी का महत्व विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। इस दिन मां शीतला की पूजा की जाती है, जो शीतलता और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। इस वर्ष शीतला अष्टमी 2025 के दिन कुछ विशेष उपायों को अपनाकर संतान को सौभाग्य और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि इस दिन कौन से उपाय किए जा सकते हैं जो संतान के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं।
घर में खुशहाली के करें ये उपाय
यदि आप शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला को लाल रंग की वस्तुएं अर्पित करते हैं, तो यह आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने का कारण बन सकता है। घर में इस दिन विशेष पूजा अर्चना और दान-पुण्य करने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इससे घर के सभी सदस्य मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

संतान के उज्जवल भविष्य के लिए
शीतला अष्टमी के दिन गौ माता की पूजा विधिवत रूप से करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन, गाय की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वास होता है, और घर के सभी सदस्य मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। साथ ही, यह पूजा संतान की खुशियों, उनके अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य के लिए लाभकारी होती है। शीतला अष्टमी के दिन गौ माता को संतान के नाम का निवाला खिलाएं। ऐसा करने से संतान को मानसिक शांति, सुख, और समृद्धि मिलती है।

बासी भोजन का महत्व
शीतला अष्टमी के दिन बासी भोजन का सेवन करना एक प्रमुख परंपरा है। इसे शीतला माता का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है। बासी भोजन का सेवन करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। खासकर संतान के लिए यह बहुत लाभकारी है क्योंकि इसे संतान सुख और स्वास्थ्य के लिए एक शुभ संकेत माना जाता है। संतान को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए यह उपाय बहुत प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, बासी भोजन का सेवन करने से घर में शांति बनी रहती है और धन-धान्य से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं।
संतान की सेहत के लिए
यदि आप चाहते हैं कि आपकी संतान स्वस्थ, खुशहाल और लंबी उम्र जीए, तो शीतला अष्टमी के दिन इस मंत्र का 21 बार जाप करना बेहद लाभकारी हो सकता है। मंत्र जाप के साथ मां शीतला की पूजा और आशीर्वाद से आपके परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और संतान के जीवन में कोई भी संकट दूर हो जाते हैं।
शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता. शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः.
