Sheetala Saptami: शीतला सप्तमी पर इस विधि से करें पूजा और व्रत

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Mar, 2025 12:51 PM

sheetla saptami

Sheetala Saptami 2025: स्कन्द पुराण के शीतलाष्टक में महादेव ने देवी शीतला की महिमा का गान किया है। शब्द शीतला का अर्थ है ठंडक। देवी शीतला का वास वट वृक्ष में माना जाता है, अतः इस दिन वट पूजन भी किया जाता है। शीतला स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं।...

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Sheetala Saptami 2025: स्कन्द पुराण के शीतलाष्टक में महादेव ने देवी शीतला की महिमा का गान किया है। शब्द शीतला का अर्थ है ठंडक। देवी शीतला का वास वट वृक्ष में माना जाता है, अतः इस दिन वट पूजन भी किया जाता है। शीतला स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं। सभी शीतल वस्तुओं पर इनका आधिपत्य है। 21 मार्च, शुक्रवार को शीतला सप्तमी पर बसौड़ा पर्व मनाया जाएगा। बसौड़ा का अर्थ है बासी भोजन।

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पौराणिक मान्यतानुसार चतुर्भुजी देवी शीतला के एक हाथ में झाड़ू, दूसरे में कलश, तीसरे में वर मुद्रा व चौथा हाथ अभय मुद्रा में है। पीत-हरित वस्त्र धारिणी देवी की सवारी गधा है। झाड़ू सफाई का व कलश जल का प्रतीक है, झाड़ू से अलक्ष्मी व दरिद्रता दूर होती है व कलश में धन कुबेर का वास होता है। शीतला अग्नि तत्व से विरोधाभास रखती हैं, अतः इस दिन भोजन बनाने के उपरांत घर में चूल्हा नहीं जलते व घर में ताजा भोजन नहीं बनाते। एक दिन पूर्व भोजन बनाकर रख देते हैं, फिर दूसरे दिन अष्टमी पर शीतला पूजन उपरांत सभी व्यक्ति बासी भोजन खाते हैं। मात्र यही एक ऐसा व्रत है जिसमें बासी भोजन चढ़ाया व खाया जाता है। ये ऋतु का अंतिम दिन होता है जब बासी खाना खाते हैं। 

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शीतला को पथवारी भी कहते हैं अर्थात रास्ते के पत्थर, अतः इस दिन रास्ते के पत्थर को देवी रूप में पूजते हैं। यही देवी रास्ते में भक्तों को सुरक्षित रख पथभ्रष्ट होने से बचाती हैं। इस व्रत पूजन व उपाय से संकटों से मुक्ति मिलती है, मान-सम्मान में वृद्धि होती है, परिवार धन-धान्य से पूर्ण बनता है, प्राकृतिक विपदाओं से सुरक्षा मिलती है।

Sheetala saptami Puja vidhi: विशेष पूजन: रात्रि में दीपक जलाकर एक थाली में भात, रोटी, दही, चीनी, जल, रोली, चावल, मूंग, हल्दी, मोठ, बाजरा आदि डालकर मंदिर में चढ़ाएं। इसके साथ ही चौराहे पर जल चढ़ाकर पूजा करें। इसके बाद मोठ, बाजरा का बया निकाल कर उस पर रुपया रखकर किसी बूढ़ी स्त्री के चरण स्पर्श कर उन्हें भेंट करें। अगले दिन अर्थात अष्टमी पर शीतला मंदिर में बासी भोजन चढ़ाएं व शीतला देवी का जल व लस्सी से अभिषेक करें। 

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Sheetala Mata Mantra पूजन मंत्र: हृं श्रीं शीतलायै नमः॥ 

Sheetala Mata Upay उपाय
संकटों से मुक्ति हेतु मीठे दूध में अपनी छाया देखकर बरगद पर चढ़ाएं।
मान-सम्मान में वृद्धि हेतु रात्रि में गौघृत का अष्टमुखी दीपक चौराहे पर जलाएं।
प्राकृतिक विपदाओं से सुरक्षा हेतु देवी शीतला पर खट्टे दही का भोग लगाएं।

 

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