Edited By Jyoti,Updated: 06 Jul, 2019 05:39 PM
जैसे कि सब जानते हैं 17 जुलाई से भगवान शंकर का सबस प्रिय माह सावन शुरु हो रहा है।
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जैसे कि सब जानते हैं 17 जुलाई से भगवान शंकर का सबस प्रिय माह सावन शुरु हो रहा है। इस दौरान हर कोई भगवान शंकर की पूजा में लीन रहता है। कोई सुबह-सुबह मंदिर में शिवालय में विधि-पूर्वक पूजा करता दिखाई देता है तो कोई पूरा श्रद्धा से इनकी अभिषेक करता दिखाई देता है। तो वहीं कुछ लोग शिवलिंग का श्रृगांर करते हैं। मगर कुछ लोगों को इतना कुछ करने के बाद भी इनकी पूजा का संपूर्ण फल नहीं मिल पाता। ऐसा क्यों होता है हम समझ नहीं पाते और निराश होकर बैठ जाते हैं। बता दें ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम में से लगभग लोगों को ज्योतिष शास्त्र में दी गई शिव जी से जुड़ी बातों का पता नहीं होता।
आइए हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी खास बातें-
ज्योतिष शास्त्र में दरिद्रता और अभाव को दूर रखने के लिए शिव जी के विशेष मंत्र और पद्धति से पूजा करनी चाहिए। आज हम आपको बताने वाले हैं पुराणों में दिए गए एक ऐसे ही मंत्र े बारे में जिससे आपकी गरीबी हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।
भगवान शिव के श्रृंगार-
सुबह नित्यकर्म से निवृत हो, स्नान कर आदिनाथ भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल चढ़ाएं। फिर शिव जी को खास तौर पर चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
उसके बाद शिव मंत्र की माला जपें-
मन्दारमालाङ्कुलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहारिणे।
सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥
मंत्र पाठ के बाद भगवान शिव जी को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाएं। इसके बाद धूप, दीप से आरती करें। प्रसाद सबसे पहले गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार, मित्र सहित ग्रहण करें।