Edited By Jyoti,Updated: 14 Jun, 2019 11:24 AM

14 जून 2019 यानि आज मासिक प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन शिव जी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस पावन दिन भगवान शंकर के पूजन-अर्चन और व्रत आदि करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
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14 जून 2019 यानि आज मासिक प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन शिव जी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस पावन दिन भगवान शंकर के पूजन-अर्चन और व्रत आदि करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। साथ ही ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत के दिन किए जाने वाले व न किए जाने वाले कुछ कामों के बारे में बताया गया है। तो चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत से जुड़ी खास बातें जिन्हें हर भोलेनाथ के भक्त को पता होनी चाहिए।

मान्यता है अगर कृष्णपक्ष के सोमवार व शुक्लपक्ष में शनिवार के दिन प्रदोष काल हो तो वह विशेष फलदायी हो जाता है। इस दिन प्रदोष काल में किसी प्राचीन शिवलिंग का ताजे जल से अभिषेक करने के बाद षोडशोपचार विधि से पूजन किया जाएं तो भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।
यहां जानें प्रदोष व्रत के दिन
सोमवार का 'सोमप्रदोष' शान्ति और रक्षा प्रदान करता है।
मंगलवार का ‘भौमप्रदोष’ व्रत ऋण से मुक्ति देता है।
बुध के दिन प्रदोष व्रत से कामनापूर्ति होती है।
बृहस्पतिवार के प्रदोष व्रत से शत्रु शांत होते हैं।
शुक्रवार की प्रदोष सौभाग्य, स्त्री सुख और समृद्धि के लिए शुभ होती है।
शनिवार का प्रदोष व्रत संतान सुख को देने वाला है।
रविवार का प्रदोष व्रत आरोग्य देने वाला है।
इस तरह करें प्रदोष व्रत का उद्यापन
शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत को लगातार 21 साल तक करने का विधान है, किंतु समय और सामर्थ्य न हो तो 11 या 26 प्रदोष व्रत रखकर भी इसका उद्यापन किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत के उद्यापन के लिए गणेश जी के साथ उमा-महेश्वर का पूजन किया जाता है। इसके अलावा निम्न मंत्र का जाप करें-
"ॐ उमामहेश्वराभ्यां नम:"
फिर अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर की 108 आहुति देकर हवन करें। हवन के बाद पुण्यफल की प्राप्ति के लिए किसी योग्य सतपथी ब्राह्मण को भोजन व दान-दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

न करें ये काम
व्रत करने वाला साधक को पूरा दिन आहार ग्रहण न करें। दूध, फल, निंबू पानी आदि ग्रहण किए जा सकते है ।
प्रदोष काल में शिव पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
क्रोध करना, आलस्य करना, बार-बार पानी या चाय पीना, तम्बाकू-पान मसाला खाना, बीड़ी-सिगरेट पीना, शराब पीना, जुआ खेलना, झूठ बोलना ये सब काम प्रदोष व्रत करने वाले साधक के लिए वर्जित माने जाते हैं।
