Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Sep, 2023 07:18 AM
कहा जाता है कि भगवान शिव एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ कुछ बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। भोलेनाथ को पूरे विधि-विधान से जल चढ़ाने से
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Shiva abhishek: कहा जाता है कि भगवान शिव एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ कुछ बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। भोलेनाथ को पूरे विधि-विधान से जल चढ़ाने से मन की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगर गलत तरीके या गलत दिशा में जल चढ़ाया जाए तो महादेव नाराज हो सकते हैं। कई लोग इस बात को लेकर सोच में पड़ जाते हैं कि मंदिर के लोटे में जल चढ़ाना चाहिए या नहीं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

क्या मंदिर के लोटे से शिवलिंग पर चल चढ़ा सकते हैं
शिव जी को रुद्र भी कहा जाता है इसलिए जलाभिषेक को रुद्राभिषेक के नाम से भी जाना जाता है। शिवलिंग पर सोने, चांदी या तांबे के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए अगर मंदिर के लोटे का उपयोग करते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सही मायने में यदि अपने घर से जल का लौटा लेकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं तो आपके और आपके घर की सकारात्मकता में वृद्धि होती है। महादेव अपने भक्तों की भक्ति और उनकी निस्वार्थ भावनाओं और कर्मों से खुश होकर उनको अपना आशीर्वाद देते हैं।
Which mantra should be chanted while offering water to Shivling शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय किस मंत्र का जाप करना चाहिए
भगवान शिव को जल चढ़ाते समय इस 1 खास मंत्र का जाप किया जाए तो इसका फल कई गुणा ज्यादा मिलता है।
मंत्र- ॐ नमः शिवाय
इन मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं- श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः स्नानीयं जलं समर्पयामि।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
Correct method of offering water to Shivling शिवलिंग पर जल चढ़ाने की सही विधि
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इस बात का खास ध्यान रखें की मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर हो। ये दिशा सबसे शुभ मानी गई है। इस दिशा में जल चढ़ाने से मन की हर इच्छा पूरी होती है।
भूलकर भी शिवलिंग पर जल पूर्व दिशा की ओर मुख करके न चढ़ाएं। इस दिशा में जल चढ़ाने से शिव जी नाराज हो सकते हैं।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मुख उत्तर और पश्चिम दिशा में भी नहीं होना चाहिए। इन दिशाओं में मुख करके जल चढ़ाने से पूरा फल नहीं मिलता।
शिवलिंग पर जल्दी से जल न चढ़ाएं बल्कि एक छोटी धारा बनाकर जल चढ़ाएं।