Shivaji Jayanti 2025: मुगल साम्राज्य की कमर तोड़ने वाले ‘शिवाजी महाराज’

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Feb, 2025 07:48 AM

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Shivaji Jayanti 2025: छत्रपति शिवाजी महाराज एक बहादुर, बुद्धिमान और निडर शासक थे। धार्मिक अभ्यासों में उनकी काफी रुचि थी। शाहजी भोंसले की पत्नी जीजाबाई की कोख से शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। वह सभी कलाओं में माहिर थे,...

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Shivaji Jayanti 2025: छत्रपति शिवाजी महाराज एक बहादुर, बुद्धिमान और निडर शासक थे। धार्मिक अभ्यासों में उनकी काफी रुचि थी। शाहजी भोंसले की पत्नी जीजाबाई की कोख से शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। वह सभी कलाओं में माहिर थे, उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी। उनके पिता अप्रतिम शूरवीर थे। मुगल साम्राज्य की कमर तोड़ने वाले शिवाजी अच्छे सेनानायक के साथ अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे।

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उनको गुरिल्ला युद्ध का जनक माना जाता है। वह छिपकर दुश्मन पर हमला करते थे और उनको काफी नुकसान पहुंचा कर निकल जाते थे। गुरिल्ला युद्ध मराठों की रणनीतिक सफलता का एक अन्य अहम कारण था।

इस तरह के युद्ध में वह छोटी टुकड़ी में छिपकर अचानक दुश्मनों पर आक्रमण करते और उसी तेजी से जंगलों और पहाड़ों में छिप जाते।

वह एक समर्पित हिन्दू होने के साथ-साथ धार्मिक सहिष्णु भी थे। उनके साम्राज्य में मुसलमानों को पूरी तरह से धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त थी। उनकी सेना में भी अनेक मुस्लिम थे।

वह पहले भारतीय शासक थे जिन्होंने नौसेना की अहमियत को पहचाना और अपनी मजबूत नौसेना का गठन किया। उन्होंने कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए तट पर कई किले बनाए जिनमें जयगढ़, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और अन्य स्थानों पर बने किले शामिल थे।

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वह हर चुनौती के लिए तैयार रहते थे। एक बार आदिलशाह ने एक अनुभवी और दिग्गज सेनापति अफजल खान को शिवाजी को बंदी बनाने के लिए भेजा। वे दोनों प्रतापगढ़ किले की तलहटी पर एक झोपड़ी में मिले। दोनों के बीच समझौता हुआ था कि दोनों केवल कुछेक सिपाहियों के साथ आएंगे। शिवाजी को पता था कि अफजल खान उन पर हमला करने के इरादे से आया है।

शिवाजी भी पूरी तैयारी के साथ गए थे। अफजल खां ने जैसे ही उन पर हमले के लिए कटार निकाली, शिवाजी ने अपना कवच आगे कर दिया। इससे पहले कि अफजल खां कुछ और समझ पाता, शिवाजी ने हमला करके उसका काम तमाम कर दिया।
बाद में जब औरंगजेब ने उन्हें मुलाकात का न्यौता देकर छल से बंदी बना लिया तो शिवाजी उससे काफी होशियार निकले और वह वहां से मिठाई की टोकरियों में छुप कर निकल गए और वह हाथ मिलता रह गया।

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