Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Feb, 2025 07:01 AM

Mahashivratri prasadam: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गाजर पर मंगल का अधिपत्य होता है। कालपुरूष सिद्धांत के अनुसार मंगल दक्षिण दिशा को संबोधित करता है तथा कुण्डली का दसवां घर इसका पक्का घर माना गया है। कुण्डली का दसवां घर व्यक्ति के करियर और प्रोफैशन को...
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Mahashivratri prasadam: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गाजर पर मंगल का अधिपत्य होता है। कालपुरूष सिद्धांत के अनुसार मंगल दक्षिण दिशा को संबोधित करता है तथा कुण्डली का दसवां घर इसका पक्का घर माना गया है। कुण्डली का दसवां घर व्यक्ति के करियर और प्रोफैशन को संबोधित करता है। गाजर खाने से व्यक्ति के करियर में निखार आता है इसी कारण से व्यक्ति का धन और आर्थिक क्षेत्र प्रबल होता है।
एक ऐसा खाद्य पदार्थ जो किसी देवता पर नहीं चढ़ाया जाता जिसे हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता पर चढ़ाना या भोजन में उसका इस्तेमाल निषिद्ध माना गया है वो है गाजर।

गाजर को शास्त्रों में हड्डी का रूप माना गया है। शास्त्रों के अनुसार गाजर धरती के नीचे उत्पन्न होती है और इस पर सूर्य की किरणें नहीं आ पाती इसी कारण इसे खाने पर ही रोक है परंतु एकमात्र भगवान शंकर ही ऐसे हैं जिन पर गाजर अवश्य रूप से महाशिवरात्रि पर चढ़ाई जाती है।

शिवरात्री के दिन शाम अथवा सारी रात अगले दिन सुबह होने तक के समय गाजर शिवलिंग पर चढ़ाकर शेष गाजर प्रसाद रूप में हलवे, खीर अथवा सलाद के रूप में खाने से रक्त जनित समस्याएं समाप्त होती हैं तथा व्यक्ति के भाग्य और धन में भी वृद्धि होती है। जिनका महाशिवरात्रि पर व्रत है, वो शिवलिंग पर चढ़ा गाजर का प्रसाद अगले दिन सुबह पारण के बाद खा सकते हैं।
