Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Dec, 2024 01:36 AM
Winter Solstice 2024: 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन उत्तरी गोलार्ध में विंटर सोल्स्टिस (Winter Solstice) होता है, यानी सर्दियों की संक्रांति या अयनांत। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में सूरज के सबसे कम ऊंचाई पर होने के...
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Winter Solstice 2024: 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन उत्तरी गोलार्ध में विंटर सोल्स्टिस (Winter Solstice) होता है, यानी सर्दियों की संक्रांति या अयनांत। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में सूरज के सबसे कम ऊंचाई पर होने के कारण होता है और इसी वजह से इस दिन की रोशनी सबसे कम होती है, जबकि रात सबसे लंबी होती है। आइए, इसे और विस्तार से समझें:
पृथ्वी की ध्रुवीय झुकी हुई धुरी: पृथ्वी की धुरी (axis) 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई होती है। इसका मतलब है कि पृथ्वी का एक गोलार्ध सूरज की ओर झुका होता है, जबकि दूसरा गोलार्ध सूरज से दूर होता है। यह झुकाव पृथ्वी के मौसम और दिन-रात के समय को प्रभावित करता है।
विंटर सोल्स्टिस तब होता है जब उत्तरी गोलार्ध सूरज से सबसे दूर होता है और दक्षिणी गोलार्ध सूरज के सबसे पास। इस दिन पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध पर सूरज का प्रक्षिप्त कोण (angle of incidence) न्यूनतम होता है, जिससे सूरज की किरणें बहुत कम कोण पर पड़ती हैं और दिन का समय भी कम होता है।
सूर्य का मार्ग: विंटर सोल्स्टिस पर सूरज का उदय और अस्त होने का समय भी सामान्य दिनों की तुलना में बदल जाता है। सूरज सुबह बहुत देर से उगता है और शाम को जल्दी अस्त हो जाता है। उत्तरी गोलार्ध में सूरज केवल कुछ घंटों के लिए आकाश में रहता है और दिन की लंबाई छोटी होती है।
दक्षिणी गोलार्ध में स्थिति: वहीं जब उत्तरी गोलार्ध में 21 दिसंबर को सर्दी होती है, तब दक्षिणी गोलार्ध में गर्मी का मौसम होता है और वहां दिन लंबा होता है। यही कारण है कि दक्षिणी गोलार्ध में यह दिन गर्मी का सबसे लंबा दिन होता है।
सोल्स्टिस और अयनांत का महत्व: सोल्स्टिस शब्द लैटिन शब्द sol (सूर्य) और sistere (ठहरना) से आया है, जिसका मतलब है 'सूर्य का ठहरना' क्योंकि इस दिन सूर्य की गति आकाश में बहुत धीरे-धीरे बदलती है और वह कुछ समय के लिए एक ही बिंदु पर स्थिर प्रतीत होता है। अयनांत वह समय होता है जब सूर्य पृथ्वी के विषुवत रेखा के ऊपर होता है, जिससे दिन और रात की लंबाई समान होती है।
सांस्कृतिक महत्व: विंटर सोल्स्टिस को कई सभ्यताओं और संस्कृतियों में महत्वपूर्ण माना गया है। प्राचीन समय में लोग इस दिन को सूरज की वापसी के रूप में मनाते थे क्योंकि सर्दियों के बाद दिन लंबा होना शुरू हो जाता है। यह दिन नए जीवन और ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद सूर्य की ऊर्जा बढ़ने लगती है और दिन लंबा होता है।
निष्कर्ष: 21 दिसंबर को उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे छोटा दिन होता है क्योंकि यह विंटर सोल्स्टिस का दिन होता है, जब पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध सूर्य से सबसे दूर होता है और सूरज की किरणें बहुत कम कोण पर पृथ्वी तक पहुंचती हैं। इस कारण दिन का समय सबसे छोटा होता है, जबकि रात का समय सबसे लंबा होता है।