राम मंदिर का शिखर पूरा बन जाएगा तब करूंगा पूजा:  शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Sep, 2024 07:32 AM

shree ram janmabhoomi mandir

अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का विरोध करने वाले उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को राम मंदिर में पूजा-अर्चना करने से परहेज किया।

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अयोध्या (नरोत्तम पारीक) : अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का विरोध करने वाले उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को राम मंदिर में पूजा-अर्चना करने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि मंदिर अधूरा है और आंशिक रूप से निर्मित मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं की जा सकती। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वह राम मंदिर में तभी पूजा-अर्चना करेंगे, जब मंदिर का शिखर पूरी तरह से बन जाएगा। 

अयोध्या पहुंचे सरस्वती ने राम मंदिर न जाने के बारे में कहा, “अधूरे रूप से निर्मित मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं की जा सकती। यह अधूरा है। मैं राम मंदिर में तभी पूजा-अर्चना करूंगा, जब मंदिर का शिखर पूरी तरह से बन जाएगा।” उन्होंने चिनेश्वरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और राम जन्मभूमि परिसर की परिक्रमा की। 

‘गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा’ शुरू
 शंकराचार्य ने अयोध्या से देशव्यापी ‘गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा’ की शुरुआत की और एक धर्मसभा बुलाई। इसमें संवैधानिक प्रावधानों को लागू करने और गाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने का आह्वान किया गया। 

उन्होंने कहा, “हमारे देश में गाय को गौ माता के रूप में पूजा जाता है मगर दुर्भाग्यपूर्ण है कि वही देश गाय के मांस का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी है।


 

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