Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Feb, 2024 08:30 AM
भारत में मंदिरों का इतिहास पौराणिक गाथाओं से भरा पड़ा है। न केवल देश में बल्कि विदेश में भी भगवान शिव के बहुत से मंदिर हैं।
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Stambheshwar Mahadev Temple: भारत में मंदिरों का इतिहास पौराणिक गाथाओं से भरा पड़ा है। न केवल देश में बल्कि विदेश में भी भगवान शिव के बहुत से मंदिर हैं। हर मंदिर की अपनी-अपनी मान्यताएं और कथाएं हैं। ऐसा ही महादेव का एक अनोखा मंदिर है, जो समुद्र की गोद में बना हुआ है। आश्चर्य की बात यह है की ये मंदिर दिन में दो बार सुबह और शाम को पल भर के लिए गायब होता है। ये चमत्कार देखने के लिए सुबह से शाम तक रुकना पड़ता है। इस मंदिर की खोज लगभग 150 साल पहले हुई थी। ये मंदिर गुजरात के वडोदरा में स्थित है। भक्त दूर-दूर से इस मंदिर के चमत्कार को देखने आते हैं।
Story behind Stambheshwar Temple स्तंभेश्वर मंदिर के पीछे की कहानी: शिव पुराण, स्कंद पुराण में इस मंदिर से जुड़ी कथा का उल्लेख है। कथा के अनुसार राक्षस ताड़कासुर ने कठोर तपस्या कर के शिव जी से यह वर लिया था कि उसकी मृत्यु तभी संभव है, जब शिव पुत्र उसकी हत्या करे। वरदान पाकर उसने हर जगह उत्पात मचाना शुरू कर दिया। धरती को उसके आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए बाल रूप कार्तिकेय ने ताड़कासुर का वध कर दिया।
Kartikeya had built the temple कार्तिकेय ने बनवाया था मंदिर: जब कार्तिकेय को पता चला की ये असुर भगवान शिव का भक्त था तो उनका मन बहुत व्यथित हुआ। तब भगवान विष्णु के सुझाव से उन्होंने उस वध स्थल पर शिवालय बनवा दिया। सारे देवताओं ने मिलकर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की जिसे स्तंभेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाने लगा।
How to reach कैसे पहुंचे: स्तंभेश्वर महादेव गुजरात के वढ़ोदरा से 40 किलोमीटर दूर जंबूसर तहसील में स्थित है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के वढ़ोदरा से करीब 40 किलोमीटर दूर जंबूसर तहसील में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां सड़क, रेल और हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक जाने के लिए बस सेवा व अन्य साधन भी उपलब्ध हैं।