Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Jul, 2024 07:01 AM
मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब पुलिस को श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने के बाद विशेष
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पठानकोट/जालंधर/चंडीगढ़ (जग्गी, शारदा, आदित्य, स.ह., धवन, रमनजीत): मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब पुलिस को श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने के बाद विशेष पुलिस महानिदेशक (विशेष डी.जी.पी.) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस संबंध में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए उन्होंने पुलिस, सेना, नागरिक प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजैंसियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पठानकोट में आयोजित बैठक में चल रही अमरनाथ यात्रा के लिए रणनीतिक तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें पुलिस की तैनाती, सुरक्षा उपाय, यातायात प्रबंधन और आपदा प्रबंधन जैसे विविध पहलू शामिल थे।
समीक्षा में हाल ही में बमियाल के कोट भट्टियां गांव में सशस्त्र संदिग्धों के देखे जाने और कठुआ जिले में एक सशस्त्र संदिग्ध के साथ मुठभेड़ से जुड़ी घटनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में पंजाब पुलिस, जम्मू और कश्मीर पुलिस, हिमाचल प्रदेश पुलिस, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) और अन्य केंद्रीय एजैंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
विशेष डी.जी.पी. अर्पित शुक्ला ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सीमा को सुरक्षित करने और श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने 550 पंजाब पुलिस कर्मियों, एस.ओ.जी., स्नाइपर टुकड़ियों, बम निरोधक और अन्य कमांडो इकाइयों की तैनाती के साथ सुरक्षा के स्तर को और बढ़ा दिया है और पंजाब पुलिस द्वारा 8 द्वितीय रक्षा नाका स्थापित करके हाई अलर्ट जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रभावी प्रबंधन के लिए मार्ग को 5 सैक्टरों में विभाजित किया गया है और मार्ग पर सी.ए.पी.एफ. की 4 कम्पनियां तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि लंगर स्थलों पर कैमरे लगाने, बुलेटप्रूफ मोर्चा लगाने और एस.ओ.जी. की तैनाती सहित विशेष सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था करने और सभी 5 सैक्टरों में बलों की रणनीतिक तैनाती का उपयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सैक्टर में ट्रोमा सैंटर, एम्बुलैंस सेवाएं, टो वाहन और हाइड्रा पहले से ही मौजूद हैं।
अधिकारियों, सुरक्षा एजैंसियों और नागरिक प्रशासन के बीच घनिष्ठ समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए, विशेष डी.जी.पी. ने यात्रा के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना और प्रभावी तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन निगरानी प्रणाली असामाजिक तत्वों पर नजर रखेगी और बी.एस.एफ. तथा पठानकोट पुलिस द्वारा संयुक्त जांच चौकियां भी स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी खतरे को रोकने के लिए नियमित रूप से घेराबंदी और तलाशी अभियान (सी.ए.एस.ओ.) तथा सुरंग रोधी अभियान चलाए जा रहे हैं।
किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए व्यापक आपदा प्रबंधन व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने आग लगने या अचानक बाढ़ जैसी घटनाओं से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एस.ओ.पी.) को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में डी.आई.जी. बॉर्डर रेंज राकेश कौशल, डी.आई.जी. बी.एस.एफ. गुरदासपुर शशांक आनंद, डी.आई.जी. बी.एस.एफ. गुरदासपुर युवराज दुबे, डिप्टी कमिश्नर पठानकोट आदित्य उप्पल, एस.एस.पी. पठानकोट सुहैल कासिम मीर, एस.एस.पी. कठुआ अनायत अली तथा विंग कमांडर ए.आई.एफ. पठानकोट नरिंदर सिंह और केंद्रीय एजैंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।