Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Aug, 2024 07:36 AM
नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने के मामले में बैकफुट पर आई भाजपा अब मुंबई में बदरीनाथ मंदिर के निर्माण पर मुखर हुई है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
देहरादून (नवोदय टाइम्स): नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने के मामले में बैकफुट पर आई भाजपा अब मुंबई में बदरीनाथ मंदिर के निर्माण पर मुखर हुई है।
कांग्रेस के संरक्षण और मार्गदर्शन में इस मंदिर के निर्माण का आरोप लगाते हुए कहा कि हरीश रावत सरकार के दौरान मुंबई में बदरीनाथ मंदिर की हूबहू नकल बनाने की शुरूआत हुई थी। इस मंदिर के नाम पर करोड़ों रुपए एकत्र हो रहे हैं। कांग्रेस ने इस विषय पर चुप्पी साध रखी है जो उसके वैचारिक दोहरेपन को दिखाता है।
पार्टी प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने मंदिरों धामों के नाम पर कांग्रेस पर भ्रम एवं दोगली राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार की नीति और नीयत दोनों स्पष्ट हैं।
यही वजह है कि दिल्ली में प्रस्तावित श्री केदारनाथ धाम मंदिर पर जनभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने वहां तत्काल कार्रवाई की। सरकार ने देश में श्री केदार धाम ही नहीं, राज्य के सभी पावन धामों के नाम पर संस्था या ट्रस्ट बनाने पर रोक लगाई। बावजूद इसके कांग्रेस नेता इस मुद्दे को लेकर सस्ती राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जबकि कांग्रेस की हरीश रावत सरकार दौरान ही 1 फरवरी 2015 को मुंबई के वसई में श्री बदरी विशाल के मंदिर का शिलान्यास हुआ। केदारनाथ मंदिर के नाम पर हल्ला मचाने वाले गणेश गोदियाल उस समय श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष थे। तब से लेकर आज तक इस निर्माणाधीन मंदिर का उत्तरांचल मित्र मंडल वसई ट्रस्ट, मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं से सैंकड़ों करोड़ रुपए एकत्रित कर रहा है।