Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Sep, 2024 08:29 AM
हिंदू धर्म में बहुत से दिन-त्यौहार मनाए जाते हैं और उन्हीं में से एक है श्री भुवनेश्वरी जयंती। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भुवनेश्वरी जयंती मनाई जाती है। 15 सितंबर को ये पर्व मनाया जाएगा। कहते हैं
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Shri Bhuvaneshwari Jayanti: हिंदू धर्म में बहुत से दिन-त्यौहार मनाए जाते हैं और उन्हीं में से एक है श्री भुवनेश्वरी जयंती। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भुवनेश्वरी जयंती मनाई जाती है। 15 सितंबर को ये पर्व मनाया जाएगा। कहते हैं इस दिन ही मां का अवतरण हुआ था। मां भुवनेश्वरी दस महाविद्याओं में से एक हैं। इनका स्वरूप बहुत ही प्यारा और मनमोहक है। जो भी इनके रूप को देखता है, वो मां का ही हो कर रह जाता है। तीनों लोकों को तारण करने वाली मां अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं। अगर जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो मां जगत जननी अपनी कृपा से अवश्य ही इसे दूर करती हैं। तो चलिए जानते हैं दीर्घायु और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए।
Maa Bhuvaneshwari Mantra मां भुवनेश्वरी मंत्र
ॐ एम ह्रीम श्रीम नमः ओम हरीम श्रीम एम हरिम
अचानक विपत्ति निवारण मंत्र:
ॐ इत्थं यदा यदा बाधा दानवोत्था भविष्यति।
तदा तदावतीर्याहं करिष्याम्यरिसंक्षयम् ॐ।।
एभि: स्तवैश्च मां नित्यं स्तोष्यते च: समाहित:।
त्सयाहं सकलां बाधां नाशियाष्याम्यसंशयम्।।
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यंबके देवी नारायणी नमोस्तुते।।
मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भुवनश्वर्ये नम:।।
त्र्यक्षरी मंत्र: “ह्रीं ऊँ क्रीं”
पंचाक्षरी मंत्र: “ऐं ह्रीं श्रीं ऐं ह्रीं”
मां भुवनेश्वरी के इन मंत्रों का जाप करने से दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है और व्यक्ति को जीवन के समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
Bhuvaneshwari Jayanti significance भुवनेश्वरी जयंती महत्व
मान्यताओं के अनुसार भुवनेश्वरी जयंती के दिन स्वयं देवी धरती पर आकर अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करती हैं। भुवनेश्वरी का अर्थ होता है समस्त ब्रह्मांड की रानी। उनकी इच्छा के बिना संसार का एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है। समस्त ब्रह्मांड उनके शरीर का ही भाग है। वे समस्त ब्रह्मांड को कमल के फूल की तरह अपने हाथों में संभाल कर रखती हैं।