Edited By ,Updated: 06 Mar, 2017 02:49 PM
भक्त हनुमान जी ने श्रीराम की अनन्य भक्ति की है। जिसके परिणामस्वरूप वो आज भी धरती पर विचरण करते हैं और उस हर स्थान पर
भक्त हनुमान जी ने श्रीराम की अनन्य भक्ति की है। जिसके परिणामस्वरूप वो आज भी धरती पर विचरण करते हैं और उस हर स्थान पर मौजूद रहते हैं, जहां सियाराम का गुनगान हो रहा हो। हिंदू धर्म शास्त्रों में बहुत सारे मंत्र दिए गए हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है। हनुमान जी के कुछ ऐसे मंत्र हैं, जिनका जाप जिस घर में होता है, उस घर की रक्षा वह स्वयं करते हैं। इन मंत्रों के नियमित जाप से दुख: व संकट सदा के लिए टल जाते हैं, किसी भी तरह का भय या डर मन में शेष नहीं रहता। शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से जाप आरंभ करें। हनुमान जी के प्रतिष्ठित श्री स्वरूप अथवा चित्रपट के सामने लाल आसन पर बैठें, शुद्घ गाय के घी का दीपक अर्पित करें, लाल चंदन की अथवा मूंगे की माला पर प्रतिदिन 11 माला 40 दिन तक करने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ओम नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ हुँ हुँ हनुमतये फट्।
ऊँ पवन नन्दनाय स्वाहा।
ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
ये अष्टदशाक्षर मंत्र दिव्य प्रभाव देता है। मंत्र महोदधी में कहा गया है, जिस घर में इस मंत्र का जाप होता है, वहां कभी भी कोई अनिष्ट नहीं होता। खुशहाली और सकारात्मकता का माहौल हर तरफ रहता है। ‘नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा’ इस मंत्र पर हनुमान जी का साम्राज्य स्थापित है, ऋषि ईश्वर हैं, हुं बीज है, स्वाहा शक्ति हैं तथा अनुष्टुप छंद है। इस मंत्र का कम से कम10000 बार जप करने से लाभ प्राप्त होता है। इसके साथ-साथ दशांस हवन करने से महालाभ प्राप्त होता है।
हनुमान साधाना के दौरान रखें ध्यान
ब्रह्मचर्य का पालन करें।
तन और मन शुद्ध रखें।
क्रोध न करें।
मोतीचूर के लड्डू भोग लगाएं।
तामसिक भोजन से दूर रहें।
मंगलवार को व्रत करें, संभव हो तो नमक का सेवन न करें।
घर में नित्य रामायण का पाठ करें।