Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Jul, 2024 07:32 AM
श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने बुधवार को जोर दिया कि वह यहां केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने से पीछे नहीं हटेंगे और जरूरत पड़ी तो कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हैं। उत्तराखंड में
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नई दिल्ली (एजेंसी): श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने बुधवार को जोर दिया कि वह यहां केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने से पीछे नहीं हटेंगे और जरूरत पड़ी तो कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हैं। उत्तराखंड में तीर्थस्थलों और मंदिरों की देखरेख करने वाली शीर्ष संस्था बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने यहां बुराड़ी में मूल केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने की योजना के लिए दिल्ली ट्रस्ट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे चार धामों में से एक की प्रतिकृति बनाने की योजना पर उत्तराखंड के पुजारियों ने भी आपत्ति जताई है। रौतेला ने कहा कि उन्होंने भ्रम से बचने के लिए अपने ट्रस्ट के नाम से ‘धाम’ शब्द हटाने का फैसला किया है, लेकिन वह यहां भक्तों के लिए मंदिर बनाने से पीछे नहीं हटेंगे। रौतेला ने कहा, हम केदारनाथ के मॉडल पर मंदिर बनाने वाले पहले लोग नहीं हैं। इंदौर और मुंबई में भी ऐसा मंदिर बनाया गया है। अगर वे (बीकेटीसी) कानूनी कार्रवाई करना चाहते हैं तो उन्हें सबके खिलाफ ऐसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमने कुछ भी गलत नहीं किया है, हम हिंदुओं और सनातन धर्म के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। हम कानूनी चुनौती के बावजूद मंदिर का निर्माण जारी रखेंगे। रौतेला ने बताया कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर उनके ट्रस्ट द्वारा एकत्र दान से बनाया जाएगा और अगले दो से तीन साल में यह बनकर तैयार हो जाएगा। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड में श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कथित तौर पर ऑनलाइन एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर भक्तों को दिल्ली में केदारनाथ धाम के ऑनलाइन ‘दर्शन’ की व्यवस्था करने का वादा किया गया है।
उन्होंने कहा, हमने कानूनी सलाह ली है और दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट से हमारी आपत्ति यह है कि वे मंदिर निर्माण के लिए लोगों से चंदा एकत्र करने के लिए हमारे नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां मंदिर के भूमिपूजन समारोह में भाग लिया था।