यज्ञ पूरे ब्रह्मांड की नाभी है और यज्ञ पूरी विधि के साथ ही करना चाहिए: प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री

Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Oct, 2024 10:18 AM

shri mata vaishno devi

वैष्णो देवी भवन पर वीरवार की सुबह आयोजित आरती के दौरान विशेष विद्वान प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री ने कहा कि यज्ञ पूरे ब्रह्मांड की नाभि होती है।

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कटड़ा (अमित): वैष्णो देवी भवन पर वीरवार की सुबह आयोजित आरती के दौरान विशेष विद्वान प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री ने कहा कि यज्ञ पूरे ब्रह्मांड की नाभि होती है। ऐसे में जरूरी है कि हवन यज्ञ को पूरी विधि के साथ ही किया जाए। जिससे देश की खुशहाली और कल्याण हो सके। इस आरती के दौरान प्रो विश्वमूर्ति शास्त्री ने विभिन्न प्रकार के महायज्ञ के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि इंसान को अपना कर्म कभी नहीं छोड़ना चाहिए। उसे समय-समय पर अपना धर्म-कर्म के काम करते रहना चाहिए।

शास्त्री ने कामना करते हुए कहा कि युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए। इस हेतु समाज के बड़े लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए की युवा नशे की ओर न बढ़े। उन्होंने प्रार्थना करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति नशा करता है तो उसे छुड़ाने का प्रयास हमें राष्ट्रहित या उसकी मां-बाप के हित के लिए जरूर करना चाहिए। उन्होंने आरती में बैठे लोगों से कहा कि वह भी कामना करें कि हमारे युवाओं को सद्बुद्धि आए ताकि उनका ध्यान नशे की ओर न जाए  और युवाओं का भविष्य उज्जवल हो सके। इसके उपरांत माता वैष्णो देवी के लोकेश पुजारी द्वारा विधि माता की आरती करते हुए मां भगवती का गुणगान किया गया।

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