श्रीमद्भागवत गीता- ‘आत्मा ही शरीर का पोषक’

Edited By Jyoti,Updated: 27 Dec, 2020 05:54 PM

shrimad bhagwat geeta gyan

भौतिक शरीर स्वभाव से नाशवान है। यह तत्क्षण नष्ट हो सकता है और सौ वर्ष बाद भी। यह केवल समय की बात है। इसे अनंत काल तक बनाए रखने की कोई संभावना नहीं है किन्तु आत्मा इतनी सूक्षम है कि इसे शत्रु देख भी नहीं सकता, मारना तो दूर रहा।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्रीमद्भागवत गीता
यथारूप
व्याख्याकार :
स्वामी प्रभुपाद
अध्याय 1
साक्षात स्पष्ट ज्ञान का उदाहरण भगवदगीता

PunjabKesari, Shrimad Bhagwat Geeta Gyan, Shrimad Bhagwat Geeta, श्रीमद्भागवत गीता, गीता ज्ञान, Geeta Gyan, Mantra Bhajan Aarti, Vedic Mantra in hindi, Lord Krishna, Sri Krishna, Arjun, Religious Concept, niti gyan
श्लोक- 
अंतवंत इमे देहा नित्यस्योक्ता:शरीरिण:।
अनाशिनोऽप्रमेयस्य तस्माद्युध्यस्व भारत॥

अनुवाद : अविनाशी, अप्रमेय तथा शाश्वत जीव के भौतिक शरीर का अनंत अवश्यम्भावी है। अत: हे भरतवंशी! युद्ध करो।

तात्पर्य : भौतिक शरीर स्वभाव से नाशवान है। यह तत्क्षण नष्ट हो सकता है और सौ वर्ष बाद भी। यह केवल समय की बात है। इसे अनंत काल तक बनाए रखने की कोई संभावना नहीं है किन्तु आत्मा इतनी सूक्षम है कि इसे शत्रु देख भी नहीं सकता, मारना तो दूर रहा।
PunjabKesari, Shrimad Bhagwat Geeta Gyan, Shrimad Bhagwat Geeta, श्रीमद्भागवत गीता, गीता ज्ञान, Geeta Gyan, Mantra Bhajan Aarti, Vedic Mantra in hindi, Lord Krishna, Sri Krishna, Arjun, Religious Concept, niti gyan
जैसा कि पिछले श्लोक में कहा गया है, यह इतना सूक्ष्म है कि कोई इसके मापने की बात सोच भी नहीं सकता। अत: दोनों ही दृष्टिï से शोक का कोई कारण नहीं है क्योंकि जीव जिस रूप में है, न तो उसे मारा जा सकता है न ही शरीर को कुछ समय तक या स्थायी रूप से बचाया जा सकता है।

पूर्ण आत्मा के सूक्ष्म कण अपने कर्म के अनुसार ही यह शरीर धारण करते हैं, अत: धार्मिक नियमों का पालन करना चाहिए। वेदांत सूत्र में जीव को प्रकाश बताया गया है क्योंकि यह परम प्रकाश का अंश है जिस प्रकार सूर्य का प्रकाश सारे ब्रह्मïांड का पोषण करता है उसी प्रकार आत्मा के प्रकाश से इस भौतिक देह का पोषण होता है। जैसे ही आत्मा इस भौतिक शरीर से बाहर निकल जाती है शरीर सडऩे लगता है, अत: आत्मा ही शरीर का पोषक है। शरीर अपने आप में महत्वहीन है। इसीलिए अर्जुन को उपदेश दिया गया कि वह युद्ध करे और भौतिक शारीरिक चिंतन के कारण धर्म की बलि न होने दें।     (क्रमश:)
PunjabKesari, Shrimad Bhagwat Geeta Gyan, Shrimad Bhagwat Geeta, श्रीमद्भागवत गीता, गीता ज्ञान, Geeta Gyan, Mantra Bhajan Aarti, Vedic Mantra in hindi, Lord Krishna, Sri Krishna, Arjun, Religious Concept, niti gyan

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!