Significance of Khetri in Navratri: कहीं हो न जाए कोई गलती, नवरात्रि में ज्वार बोते समय रखें इन बातों का ध्यान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Oct, 2024 04:24 PM

Significance of Khetri in Navratri: सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवदुर्गा की आराधना के इस समय काल में भक्त देवी की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं। नवरात्रि की शुरूआत घटस्थापना या कलश स्थापना से होती है।

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Significance of Khetri in Navratri: सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवदुर्गा की आराधना के इस समय काल में भक्त देवी की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं। नवरात्रि की शुरूआत घटस्थापना या कलश स्थापना से होती है। वहीं, चैत्र नवरात्रि या शारदीय नवरात्रि दोनों में ही जवारे अर्थात मिट्टी के पात्र में जौ या गेहूं उगाने की परंपरा भी है। ज्वारे के बिना माता की पूजा अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि के पहले दिन से ही जौ बोए जाते हैं। कहते हैं ये जौं आपके आने वाले समय के बारे में संकेत देते हैं। ऐसे में ज्वार बोते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें तो आईए जानते हैं...

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सबसे पहले आपको बता दें, साल 2024 में 03 अक्तूबर गुरुवार से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। मान्यतानुसार नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ जौ इसलिए बोए जाते हैं क्योंकि हिन्दू धर्म ग्रंथों में सृष्टि की शुरूआत के बाद पहली फसल जौ ही मानी जाती है।जब भी देवी-देवताओं का पूजन होता है, तब जौ को बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है।

जौं बोने के लिए सबसे पहले मिट्टी का एक साफ बर्तन लें। अब इसमें रोली और हल्दी की मदद से स्वास्तिक बनाएं और ऊं लिखें। अब पात्र को आप अपने हिसाब से सजा सकती हैं। किसी साफ-सुथरी जगह की मिट्टी, नदी की मिट्टी या रेत लें। अब रेत में पानी का छिड़काव कर गिला कर लें। अब इस गीली रेत को पात्र में डालकर एक मोटी लेयर बिछाएं। अच्छे क्वालिटी के जौ लें, जिसमें कीड़े-मकोड़े न लगे हो। अब इसे रेत में डाल दें।

ध्यान रखें कि बीज को बहुत मोटी परत से न ढकें अन्यथा बीजों को आने में दिक्कत होगी।

रेत डालते समय ध्यान रखें कि इसे हाथ के बजाय किसी कटोरी या पात्र से बीजों के ऊपर छिड़कें।

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अब आप चाहें तो इस मिट्टी के पात्र को किसी बर्तन से एक दो दिन के लिए ढककर रख दें। इस प्रकार आप नवरात्रि के मौके पर हरे-भरे जौ उगा सकती हैं।

बताते चलें, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान ज्वारे नहीं उगाने चाहिए क्योंकि उस समय शरीर को अपवित्र माना जाता है।

मान्यता के अनुसार यदि बोए गए ज्वारे नवरात्रि के शुरुआत के दिनों में ही अंकुरित होने लगें तो ये शुभ संकेत हो सकते हैं।

यदि आपका बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह भविष्य में समृद्धि के संकेत हैं।

यदि 9 दिनों के बाद भी ज्वारे न निकलें तो ये आने वाली किसी समस्या के संकेत हो सकते हैं।

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