Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Aug, 2024 09:12 AM
सिंह संक्रांति भारतीय पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के आस-पास सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश करने के समय को संदर्भित
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Singh Sankranti 2024 सिंह संक्रांति- सिंह संक्रांति भारतीय पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के आस-पास सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश करने के समय को संदर्भित करती है। यह दिन विशेष रूप से धर्म, आस्था और ज्योतिष की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सूर्य पूजा के साथ-साथ ताजे वस्त्र पहनना और तामसिक वस्तुओं का त्याग करना शुभ होता है। साथ ही इस दिन स्नान करने के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देना भी शुभ माना जाता है। ताजे फलों, वस्त्रों और धन का दान करके पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।
सूर्य ग्रह को बलवान करने के लिए गेहूं, लाल वस्त्र, लाल चंदन, तांबा, गुड़, घी आदि का दान कर सकते हैं।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक परेशानियां, हृदय रोग, तनाव और शत्रु पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
Importance of Singh Sankranti according to scriptures सिंह संक्रांति का शास्त्रों के अनुसार महत्व- इस दिन को पवित्र और शुभ माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों में सिंह संक्रांति को विशेष महत्व दिया गया है और इसे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ का दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य देवता की पूजा करने का महत्व है क्योंकि सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश से ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। इसके अलावा इस दिन विशेष रूप से स्नान, दान और पूजा की जाती है।
Astrological importance of Singh Sankranti सिंह संक्रांति का ज्योतिषीय दृष्टि से महत्व- ज्योतिष की दृष्टि से सिंह संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि इस समय सूर्य एक नई राशि में प्रवेश करता है, जिससे न केवल प्राकृतिक परिदृश्य में बदलाव आता है बल्कि व्यक्तित्व और जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन हो सकते हैं। सिंह संक्रांति के दौरान सूर्य के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव होने से स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता में वृद्धि की संभावना होती है। यह समय नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।